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कैब ड्राइवर्स का परिवहन आयुक्त दफ्तर पर प्रदर्शन, एग्रीगेटर पॉलिसी लागू करने की मांग - CAB DRIVERS PROTEST

लखनऊ में कैब ड्राइवर्स ने एग्रीगेटर पॉलिसी लागू करने की मांग को लेकर ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ऑफिस पर धरना प्रदर्शन किया.

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कैब ड्राइवर्स ने ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ऑफिस पर धरना प्रदर्शन दिया (photo credit; Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 12 hours ago

लखनऊ: कैब ड्राइवर्स ने मंगलवार को कैसरबाग स्थित ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ऑफिस पर धरना प्रदर्शन किया. संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में ड्राइवर इकट्ठा हुए. वह लंबे अर्से से एग्रीगेटर पॉलिसी लागू करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उसे लागू नहीं किया गया है. संयुक्त मोर्चा की तरफ से एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा गया. इस मौके पर कैब ड्राइवर्स ने नाराजगी जाहिर की.

प्राइवेट वाहनों के कैब के रूप में हो रहे संचालन को बंद करने की मांग की गई. बीते दिनों आरटीओ कार्यालय पर पहुंचे कैब ड्राइवर्स ने ज्ञापन देकर अपनी मांग पूरी करने के लिए अपील की थी. लेकिन, आरटीओ कार्यालय की तरफ से उन्हें आश्वासन देकर टाल दिया गया. इसके बाद अब कैब ड्राइवर्स ने परिवहन आयुक्त कार्यालय की तरफ रुख किया.

संयुक्त संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष आरके पांडेय का कहना है कि अपर परिवहन आयुक्त से मिलकर एग्रीगेटर पॉलिसी लागू करने की मांग की है. अभी यह मामला लंबित है. मोर्चा के पदाधिकारी कौशल सिंह ने बताया कि प्राइवेट वाहन का व्यावसायिक उपयोग बंद किया जाना चाहिए. हम लोग 15 दिन तक इसके खिलाफ अभियान चलाएंगे. इंडिपेंडेंस कैब ओनर्स ड्राइवर संगठन के पदाधिकारी मोहम्मद जावेद खान का कहना है कि 2017 से परेशानी लगातार बढ़ रही है. चालकों और गाड़ियों की कोई सुरक्षा नहीं है. चालक साथी वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारी मुकेश कुमार का कहना है कि किराया कम है. इसकी वजह से घर तक नहीं चल पा रहा है.

संयुक्त संघर्ष मोर्चा की तरफ से जो ज्ञापन सौंपा गया है, उसमें एग्रीगेटर पॉलिसी 2020 को प्रदेश सरकार से संशोधित करके लागू करने की मांग की गई. ऐप बेस्ड एग्रीगेटर कैब कंपनियों का लखनऊ में कार्यालय खोलना अनिवार्य करने की मांग की गई. नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों के खिलाफ तत्काल प्रतिबंध लगाने की भी मांग की गई. प्रदेश भर में टू व्हीलर प्राइवेट बाइक और स्कूटी का व्यवसायिक उपयोग करके टैक्सी के रूप में चलाए जाने पर एतराज जताया गया और इन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई.

2014 में निर्धारित रेडियो टैक्सी के किराए में संशोधन करते हुए बदलाव कर वर्तमान किराए में वर्तमान ईंधन (पेट्रोल, सीएनजी) की कीमतों को देखते हुए बढ़ोतरी की मांग की गई. 20 रुपये से 25 रुपये प्रति किलोमीटर न्यूनतम किराया तय करने की डिमांड की गई. रात में कैब सेवा लेने पर 30 फीसदी अतिरिक्त शुल्क लेने की भी मांग की गयी है.

यह भी पढ़ें - मलबे में फेंकी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया हंगामा - BASTI NEWS

इसे भी पढ़ें - शासन ने परिवहन विभाग को लौटाया एग्रीगेटर पॉलिसी का प्रपोजल, महिला ड्राइवर्स को प्रतिनिधित्व देने की तैयारी - Transport Department

लखनऊ: कैब ड्राइवर्स ने मंगलवार को कैसरबाग स्थित ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ऑफिस पर धरना प्रदर्शन किया. संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में ड्राइवर इकट्ठा हुए. वह लंबे अर्से से एग्रीगेटर पॉलिसी लागू करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उसे लागू नहीं किया गया है. संयुक्त मोर्चा की तरफ से एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा गया. इस मौके पर कैब ड्राइवर्स ने नाराजगी जाहिर की.

प्राइवेट वाहनों के कैब के रूप में हो रहे संचालन को बंद करने की मांग की गई. बीते दिनों आरटीओ कार्यालय पर पहुंचे कैब ड्राइवर्स ने ज्ञापन देकर अपनी मांग पूरी करने के लिए अपील की थी. लेकिन, आरटीओ कार्यालय की तरफ से उन्हें आश्वासन देकर टाल दिया गया. इसके बाद अब कैब ड्राइवर्स ने परिवहन आयुक्त कार्यालय की तरफ रुख किया.

संयुक्त संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष आरके पांडेय का कहना है कि अपर परिवहन आयुक्त से मिलकर एग्रीगेटर पॉलिसी लागू करने की मांग की है. अभी यह मामला लंबित है. मोर्चा के पदाधिकारी कौशल सिंह ने बताया कि प्राइवेट वाहन का व्यावसायिक उपयोग बंद किया जाना चाहिए. हम लोग 15 दिन तक इसके खिलाफ अभियान चलाएंगे. इंडिपेंडेंस कैब ओनर्स ड्राइवर संगठन के पदाधिकारी मोहम्मद जावेद खान का कहना है कि 2017 से परेशानी लगातार बढ़ रही है. चालकों और गाड़ियों की कोई सुरक्षा नहीं है. चालक साथी वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारी मुकेश कुमार का कहना है कि किराया कम है. इसकी वजह से घर तक नहीं चल पा रहा है.

संयुक्त संघर्ष मोर्चा की तरफ से जो ज्ञापन सौंपा गया है, उसमें एग्रीगेटर पॉलिसी 2020 को प्रदेश सरकार से संशोधित करके लागू करने की मांग की गई. ऐप बेस्ड एग्रीगेटर कैब कंपनियों का लखनऊ में कार्यालय खोलना अनिवार्य करने की मांग की गई. नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों के खिलाफ तत्काल प्रतिबंध लगाने की भी मांग की गई. प्रदेश भर में टू व्हीलर प्राइवेट बाइक और स्कूटी का व्यवसायिक उपयोग करके टैक्सी के रूप में चलाए जाने पर एतराज जताया गया और इन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई.

2014 में निर्धारित रेडियो टैक्सी के किराए में संशोधन करते हुए बदलाव कर वर्तमान किराए में वर्तमान ईंधन (पेट्रोल, सीएनजी) की कीमतों को देखते हुए बढ़ोतरी की मांग की गई. 20 रुपये से 25 रुपये प्रति किलोमीटर न्यूनतम किराया तय करने की डिमांड की गई. रात में कैब सेवा लेने पर 30 फीसदी अतिरिक्त शुल्क लेने की भी मांग की गयी है.

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