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आगरा में सी-295 फुल मोशन सिम्युलेटर का उद्घाटन, बढ़ेगी एयरफोर्स की ताकत

air force station agra : मध्य वायु कमान के एओसी-इन-सी एयर मार्शल ने भारतीय वायुसेना सी-295 फुल मोशन सिम्युलेटर (एफएमएस) सुविधा का उद्घाटन किया.

सी-295
सी-295 (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 11, 2024, 8:11 PM IST

आगरा : आगरा एयरफोर्स स्टेशन पर सोमवार सुबह मध्य वायु कमान के एओसी-इन-सी एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने भारतीय वायुसेना सी-295 फुल मोशन सिम्युलेटर (एफएमएस) सुविधा का उद्घाटन किया. यह सिम्युलेटर टैक्टिकल शिफ्ट, पैराड्रॉपिंग, पैराट्रूपिंग, चिकित्सा निकासी और आपदा राहत आदि जैसे विभिन्न मिशनों का अनुकरण करके पायलटों को लगभग यथार्थवादी वातावरण में प्रशिक्षित करने में सक्षम बनाता है.

बता दें कि भारत का स्पेन से 56 सी-295 विमान खरीद का समझौता हुआ है. जिसके चलते स्पेन से अत्याधुनिक तकनीकि और सुविधाओं से लैस 16 विमान आएंगे. बाकी के 40 विमान गुजरात के वड़ोदरा में स्थित टाटा एयरबस फैक्ट्री में बनेंगे. भारतीय वायुसेना के बेड़े में मालवाहक विमान सी-295 के शामिल होने से वायुसेना की क्षमता में काफी वृद्धि हो रही है. दुनिया की बात करें तो अभी सी-295 विमान का प्रयोग 20 देशों में होता है. अब आगरा वायुसेना स्टेशन पर स्पेन से खरीदा गया नया मालवाहक सी-295 विमान भी आने वाला है. इसके लिए पायलट को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा. जिसके लिए वायुसेना स्टेशन परिसर में सिम्युलेटर स्थापित किया गया है.

सिम्युलेटर से विमान पर उड़ान के घंटे बचेंगे : डिफेंस पीआरओ शांतुन प्रताप सिंह ने बताया कि अत्याधुनिक सैन्य विमान सिम्युलेटर उच्च खतरे की स्थितियों का अनुकरण करने में सक्षम बनाता है. जिनका वास्तविक संचालन में सामना किया जा सके. इससे पायलट युद्ध के लिए तैयार होते हैं. जिसके लिए पायलटों को महत्वपूर्ण निर्णयों की आवश्यकता वाले उच्च जोखिम वाली आपात स्थितियों से निपटने में अपने कौशल को सुधारने की भी ट्रेनिंग दी जाएगी. जिससे सैन्य अभियानों की समग्र उड़ान सुरक्षा में वृद्धि हो. पायलट के प्रशिक्षण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सिम्युलेटर में किया जा सकता है, जिससे विमान पर उड़ान के घंटे बचाए जा सकते हैं.

वडोदरा में बनेंगे 40 नए सी-295 विमान : सी-295 विमान भारत में परिवहन विमान के निजी क्षेत्र के उत्पादन में आत्मनिर्भर भारत के लिए एक मील का पत्थर है. इस विमान के भारतीय वायुसेना में शामिल होने और इसके बाद के उत्पादन से देश की एयरोस्पेस प्रणाली को बढ़ावा मिलेगा. अक्टूबर 2024 में पीएम मोदी और उनके स्पेनिश समकक्ष ने टाटा विमान परिसर वडोदरा का उद्घाटन किया, जहां इस विमान का निर्माण होगा और जिससे भारत में नए कौशल और नए उद्योगों को बढ़ावा मिला.

सी-295 विमान की खासियत
- यह मालवाहक श्रेणी का विमान है.
- इस विमान से सैनिक, उपकरणों और सैन्य सामान को एक से दूसरे स्थल पर आसानी से ले जा सकते हैं.
- यह विमान हेलीकाॅप्टर और बड़े आकार के कार्गो को भी ले जा सकता है.
- यह विमान टोही और खुफिया जानकारियां जुटाने वाले मिशन में भी काम आ सकता है.
- विमान की रेंज पांच हजार किमी है. यह 11 घंटे तक एक ही स्थान पर आसानी से स्थिर रह सकता है.
- विमान को उड़ान भरने के लिए 934 मीटर रनवे की जरूरत पड़ती है. उतरने के लिए 420 मीटर रनवे ही चाहिए.
- यह विमान छोटे और कच्चे रनवे से आसानी लैंडिंग और टेक ऑफ कर सकता है.
- इस विमान में 73 सैनिक या फिर 48 पैराट्रूपर आसानी से बैठ सकते हैं.


सी-295 विमान से पैराट्रूपर्स लगाएंगे छलांग : डिफेंस पीआरओ शांतुन प्रताप सिंह ने बताया कि आगरा के वायुसेना स्टेशन परिसर में देश का एकमात्र पैराट्रूपर्स प्रशिक्षण स्कूल संचालित है, जहां पर भारतीय वायुसेना, थल सेना और नौसेना के कमांडोज पैराशूट से कूदने का प्रशिक्षण दिया जाता है. अभी तक सबसे अधिक मालवाहक विमान एएन-32, सी-130 जे हरक्यूलिस विमान से पैराट्रुपर्स छलां लगाते हैं. अब आगे आने वालों में आगरा के आसमान में सी-295 विमान उडे़गा. जिससे पैराट्रुपर्स छलांग लगाएंगे.

यह भी पढ़ें : आगरा के आसमान में सी 297 विमान से छलांग लगाएंगे जाबांज कमांडो, यूक्रेन निर्मित एएन-32 की होगी विदाई

यह भी पढ़ें : Airbus Hands Over First C-295 Aircraft To IAF : स्पेन में आयोजित एक समारोह में एयरबस ने भारतीय वायु सेना को सौंपा सी295 विमान

आगरा : आगरा एयरफोर्स स्टेशन पर सोमवार सुबह मध्य वायु कमान के एओसी-इन-सी एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने भारतीय वायुसेना सी-295 फुल मोशन सिम्युलेटर (एफएमएस) सुविधा का उद्घाटन किया. यह सिम्युलेटर टैक्टिकल शिफ्ट, पैराड्रॉपिंग, पैराट्रूपिंग, चिकित्सा निकासी और आपदा राहत आदि जैसे विभिन्न मिशनों का अनुकरण करके पायलटों को लगभग यथार्थवादी वातावरण में प्रशिक्षित करने में सक्षम बनाता है.

बता दें कि भारत का स्पेन से 56 सी-295 विमान खरीद का समझौता हुआ है. जिसके चलते स्पेन से अत्याधुनिक तकनीकि और सुविधाओं से लैस 16 विमान आएंगे. बाकी के 40 विमान गुजरात के वड़ोदरा में स्थित टाटा एयरबस फैक्ट्री में बनेंगे. भारतीय वायुसेना के बेड़े में मालवाहक विमान सी-295 के शामिल होने से वायुसेना की क्षमता में काफी वृद्धि हो रही है. दुनिया की बात करें तो अभी सी-295 विमान का प्रयोग 20 देशों में होता है. अब आगरा वायुसेना स्टेशन पर स्पेन से खरीदा गया नया मालवाहक सी-295 विमान भी आने वाला है. इसके लिए पायलट को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा. जिसके लिए वायुसेना स्टेशन परिसर में सिम्युलेटर स्थापित किया गया है.

सिम्युलेटर से विमान पर उड़ान के घंटे बचेंगे : डिफेंस पीआरओ शांतुन प्रताप सिंह ने बताया कि अत्याधुनिक सैन्य विमान सिम्युलेटर उच्च खतरे की स्थितियों का अनुकरण करने में सक्षम बनाता है. जिनका वास्तविक संचालन में सामना किया जा सके. इससे पायलट युद्ध के लिए तैयार होते हैं. जिसके लिए पायलटों को महत्वपूर्ण निर्णयों की आवश्यकता वाले उच्च जोखिम वाली आपात स्थितियों से निपटने में अपने कौशल को सुधारने की भी ट्रेनिंग दी जाएगी. जिससे सैन्य अभियानों की समग्र उड़ान सुरक्षा में वृद्धि हो. पायलट के प्रशिक्षण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सिम्युलेटर में किया जा सकता है, जिससे विमान पर उड़ान के घंटे बचाए जा सकते हैं.

वडोदरा में बनेंगे 40 नए सी-295 विमान : सी-295 विमान भारत में परिवहन विमान के निजी क्षेत्र के उत्पादन में आत्मनिर्भर भारत के लिए एक मील का पत्थर है. इस विमान के भारतीय वायुसेना में शामिल होने और इसके बाद के उत्पादन से देश की एयरोस्पेस प्रणाली को बढ़ावा मिलेगा. अक्टूबर 2024 में पीएम मोदी और उनके स्पेनिश समकक्ष ने टाटा विमान परिसर वडोदरा का उद्घाटन किया, जहां इस विमान का निर्माण होगा और जिससे भारत में नए कौशल और नए उद्योगों को बढ़ावा मिला.

सी-295 विमान की खासियत
- यह मालवाहक श्रेणी का विमान है.
- इस विमान से सैनिक, उपकरणों और सैन्य सामान को एक से दूसरे स्थल पर आसानी से ले जा सकते हैं.
- यह विमान हेलीकाॅप्टर और बड़े आकार के कार्गो को भी ले जा सकता है.
- यह विमान टोही और खुफिया जानकारियां जुटाने वाले मिशन में भी काम आ सकता है.
- विमान की रेंज पांच हजार किमी है. यह 11 घंटे तक एक ही स्थान पर आसानी से स्थिर रह सकता है.
- विमान को उड़ान भरने के लिए 934 मीटर रनवे की जरूरत पड़ती है. उतरने के लिए 420 मीटर रनवे ही चाहिए.
- यह विमान छोटे और कच्चे रनवे से आसानी लैंडिंग और टेक ऑफ कर सकता है.
- इस विमान में 73 सैनिक या फिर 48 पैराट्रूपर आसानी से बैठ सकते हैं.


सी-295 विमान से पैराट्रूपर्स लगाएंगे छलांग : डिफेंस पीआरओ शांतुन प्रताप सिंह ने बताया कि आगरा के वायुसेना स्टेशन परिसर में देश का एकमात्र पैराट्रूपर्स प्रशिक्षण स्कूल संचालित है, जहां पर भारतीय वायुसेना, थल सेना और नौसेना के कमांडोज पैराशूट से कूदने का प्रशिक्षण दिया जाता है. अभी तक सबसे अधिक मालवाहक विमान एएन-32, सी-130 जे हरक्यूलिस विमान से पैराट्रुपर्स छलां लगाते हैं. अब आगे आने वालों में आगरा के आसमान में सी-295 विमान उडे़गा. जिससे पैराट्रुपर्स छलांग लगाएंगे.

यह भी पढ़ें : आगरा के आसमान में सी 297 विमान से छलांग लगाएंगे जाबांज कमांडो, यूक्रेन निर्मित एएन-32 की होगी विदाई

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