बक्सर: बिहार के बक्सर में जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने एक राजस्व कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया है. राजस्व कर्मी के बर्खास्तगी को लेकर जिले के अधिकारियों में हड़कंप मच गई. वहीं 17 और राजस्व कर्मी के विरुद्ध जांच चल रही है. दोष सिद्ध होने के बाद इन पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है.
राजस्व कर्मचारी बर्खास्त: जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल का तल्ख तेवर से भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है. डीएम अंशुल अग्रवाल ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ जिला प्रशासन की जीरो टॉलरेंस की नीति है. चाहे कोई भी हो उसके विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी. भ्रष्टाचार के विरुद्ध इस अभियान की जद में आए अभी एक राजस्व कर्मचारी को बर्खास्त किया गया है, जबकि 17 के विरुद्ध जांच जारी है.
30 अवैध नर्सिंग होम सील: जिलाधिकारी ने कहा कि इधर लगातार शिकायत मिल रही थी कि जिले में भारी संख्या में अवैध रूप से नर्सिंग होम और जांच घर चल रहें हैं. जहां आए दिन रोगियों के जीवन के साथ खिलवाड़ हो रही है. ऐसे में उनकी जान को खतरा रहती है. डीएम ने कहा अवैध रूप से चल रहे इन नर्सिंग होम के कारण जिला प्रशासन बदनाम होती है. इसी कड़ी में करीब 30 अवैध रूप से चल रहे नर्सिंग होम और जांच केंद्र को सील किया है.
"राजस्व कर्मचारी के विरुद्ध लगातार शिकायत मिल रही थी. काम में लापरवाही और वरीय पदाधिकारियों की जांच में सहयोग नहीं करने लिए यह कार्रवाई की गई है. राजस्व कर्मचारी को सेवा से निलंबित कर दिया गया. उसके ऊपर प्रपत्र क गठित कर दिया गया है."- अंशुल अग्रवाल,डीएम, बक्सर
नर्सिंग होम संचालकों में हड़कंप : बता दें कि अंशुल अग्रवाल के आदेश पर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने जिलेभर के करीब 55 निजी अस्पतालों पर छापेमारी की. बक्सर और डुमरांव दोनों अनुमंडलों के विभिन्न प्रखंडों में स्थित अस्पतालों में कई कमियां पाई गईं. छापेमारी के दौरान करीब दो दर्जन से ऊपर अस्पताल, क्लीनिक, जांच घर,अल्ट्रासाउंड सेंटर को सील कर दिया गया. जिससे संचालकों में हड़कंप मच गया है.
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