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कांसे व कांच से निर्मित ये है अद्भुत गिलास, जहरीले पेय पदार्थ को पहचान लेता है, राजा-महाराजा करते थे इस्तेमाल - mugalkalin wonderful glass - MUGALKALIN WONDERFUL GLASS

आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि पेय पदार्थ लेने के लिए इस्तेमाल होने वाला गिलास जहर की पहचान कर सकता है. राजा-महाराजाओं के समय में इसे इस्तेमाल किया जाता था. ऐसा ही 400 साल पुराना अद्भुत गिलास बुरहानपुर में पुरातन प्रेमी डॉ.सुभाष माने के पास मौजूद है.

burhanpur wonderful glass
राजा महाराजाओं ने सुरक्षा के लिए बनवाया था गिलास
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 23, 2024, 1:17 PM IST

जहरीले पेय पदार्थ को पहचान लेता है ये अद्भुत गिलास

बुरहानपुर। मुगल काल में राजा-महाराजाओं को अक्सर छल-कपट से मारने की साजिश रची जाती थी. कई बार उन्हें पेय पदार्थ में जहर घोलकर मार दिया जाता था. इसी से बचने के लिए राजा-महाराज एक विशेष प्रकार के गिलास का इस्तेमाल पेय पदार्थ लेने के लिए करते थे. उस समय कलाकारों ने ऐसे गिलास बनाए, जो पेय पदार्थ में जहर या कीटनाशक का पता लगा लेता था.

राजा-महाराजाओं ने सुरक्षा के लिए बनवाया था गिलास

देश के ऐतिहासिक शहर बुरहानपुर में कई शताब्दी पहले राजा-महाराजाओं ने शासन किया. युद्ध में अपना कौशल दिखाने के साथ ही ये राजा खाली समय में मनपसंद तरल पदार्थों का लुत्फ लेते थे. अपने शौक पूरा करने के दौरान राजा-महाराजाओं को जान का खतरा भी रहता था. क्योंकि पेय पदार्थों में जहर भी मिला दिया जाता था. ऐसे में राजा-महाराजाओं ने उस समय की तकनीक से कई अनोखी और दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाली वस्तुओं को ईजाद कराया. ये वस्तूएं आज भी उपयोग में आ रही हैं. इन अनमोल वस्तुओं को इतिहास के प्रेमियों ने संजोकर रखा है.

burhanpur wonderful glass
कांसे व कांच से निर्मित ये है अद्भुत गिलास

मुगलकालीन ये गिलास सामान्य नहीं है

पुरातन प्रेमी वैद्य सुभाष माने बताते हैं "इन्हीं वस्तुओं में से एक है मुगल काल का कांसे का गिलास. यह गिलास सामान्य नहीं है. अपने आप में विशेष गुण रखता है. यह गिलास किसी की जान बचा सकता है. मुगलकाल में कांसे का एक ऐसा गिलास बनाया गया था, जिससे जहर का पता लगाया जा सकता था. परिस्थितियों को भांपकर राजा-महाराजा इसका उपयोग करते थे, इससे वह अपनी जान बचा सकते थे. इस गिलास को बनाने में कांसे के साथ कांच का उपयोग किया गया. बुरहानपुर में 400 साल पुराना गिलास आज भी सुरक्षित है."

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कांसे व कांच से बना अद्भुत है ये गिलास

यह अनमोल वस्तु (गिलास) शहर के पुरातत्व संग्रहणकर्ता डॉ.वैद्य सुभाष माने के पास सुरक्षित है. डॉ.माने बताते हैं "पुरातन वस्तुओं में एक 400 साल पुराना गिलास भी है. यह कांसे से बना है, साथ ही अंदर की ओर कांच लगा है. इसकी विशेषता है कि पानी या अन्य तरल पदार्थ के साथ जहर मिला हो तो गिलास अपने पेंदे की तह में हरा या लाल रंग दिखा देता है. इससे साजिश का पर्दाफाश हो सकता है. मुगलकाल के कलाकारों ने इस गिलास पर शाहजहां और बेगम मुमताज की तस्वीर टकसाल से उकेरी है. यह गिलास आम गिलास से बड़ा है. इसकी लंबाई आधा फीट की है. इसमें करीब आधा लीटर पानी आता है."

जहरीले पेय पदार्थ को पहचान लेता है ये अद्भुत गिलास

बुरहानपुर। मुगल काल में राजा-महाराजाओं को अक्सर छल-कपट से मारने की साजिश रची जाती थी. कई बार उन्हें पेय पदार्थ में जहर घोलकर मार दिया जाता था. इसी से बचने के लिए राजा-महाराज एक विशेष प्रकार के गिलास का इस्तेमाल पेय पदार्थ लेने के लिए करते थे. उस समय कलाकारों ने ऐसे गिलास बनाए, जो पेय पदार्थ में जहर या कीटनाशक का पता लगा लेता था.

राजा-महाराजाओं ने सुरक्षा के लिए बनवाया था गिलास

देश के ऐतिहासिक शहर बुरहानपुर में कई शताब्दी पहले राजा-महाराजाओं ने शासन किया. युद्ध में अपना कौशल दिखाने के साथ ही ये राजा खाली समय में मनपसंद तरल पदार्थों का लुत्फ लेते थे. अपने शौक पूरा करने के दौरान राजा-महाराजाओं को जान का खतरा भी रहता था. क्योंकि पेय पदार्थों में जहर भी मिला दिया जाता था. ऐसे में राजा-महाराजाओं ने उस समय की तकनीक से कई अनोखी और दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाली वस्तुओं को ईजाद कराया. ये वस्तूएं आज भी उपयोग में आ रही हैं. इन अनमोल वस्तुओं को इतिहास के प्रेमियों ने संजोकर रखा है.

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कांसे व कांच से निर्मित ये है अद्भुत गिलास

मुगलकालीन ये गिलास सामान्य नहीं है

पुरातन प्रेमी वैद्य सुभाष माने बताते हैं "इन्हीं वस्तुओं में से एक है मुगल काल का कांसे का गिलास. यह गिलास सामान्य नहीं है. अपने आप में विशेष गुण रखता है. यह गिलास किसी की जान बचा सकता है. मुगलकाल में कांसे का एक ऐसा गिलास बनाया गया था, जिससे जहर का पता लगाया जा सकता था. परिस्थितियों को भांपकर राजा-महाराजा इसका उपयोग करते थे, इससे वह अपनी जान बचा सकते थे. इस गिलास को बनाने में कांसे के साथ कांच का उपयोग किया गया. बुरहानपुर में 400 साल पुराना गिलास आज भी सुरक्षित है."

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कांसे व कांच से बना अद्भुत है ये गिलास

यह अनमोल वस्तु (गिलास) शहर के पुरातत्व संग्रहणकर्ता डॉ.वैद्य सुभाष माने के पास सुरक्षित है. डॉ.माने बताते हैं "पुरातन वस्तुओं में एक 400 साल पुराना गिलास भी है. यह कांसे से बना है, साथ ही अंदर की ओर कांच लगा है. इसकी विशेषता है कि पानी या अन्य तरल पदार्थ के साथ जहर मिला हो तो गिलास अपने पेंदे की तह में हरा या लाल रंग दिखा देता है. इससे साजिश का पर्दाफाश हो सकता है. मुगलकाल के कलाकारों ने इस गिलास पर शाहजहां और बेगम मुमताज की तस्वीर टकसाल से उकेरी है. यह गिलास आम गिलास से बड़ा है. इसकी लंबाई आधा फीट की है. इसमें करीब आधा लीटर पानी आता है."

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