बुरहानपुर। यूं तो एमपी में अनेक मंदिर मौजूद हैं जहां सभी श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाता है, लेकिन बुरहानपुर जिले के सिलमपुरा में एक ऐसा मंदिर है जहां केवल महिलाओं को ही प्रवेश दिया जाता है और वे ही पूजा-अर्चना करती हैं. यहां पुरुषों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित है. इस मंदिर की विशेषता यह भी है कि इसमें देखभाल भी महिलाएं ही करती हैं, इसके अलावा मंदिर से जुड़े सभी निर्णय महिलाएं ही लेती हैं. स्वामी नारायण संप्रदाय के इस मंदिर में स्थानीय व अन्य राज्यों की महिलाओं की अगाध आस्था है.
स्वामीनारायण संप्रदाय का है मंदिर
जिले में करीब एक शताब्दी से ज्यादा समय से भगवान श्री स्वामीनारायण का एक मंदिर बना हुआ है. इस मंदिर में महिला और पुरुषों को प्रवेश की अनुमति है, लेकिन यहां मान्यता है कि पुरुषों व महिलाओं को एक साथ भगवान की पूजा नहीं करनी चाहिए. ऐसे में महिला श्रद्धालु उस मंदिर में कम ही जा पाती थीं.
महिलाओं के लिए मंदिर का निर्माण
इस स्थिति को देखते हुए करोड़ों की लागत से श्री स्वामीनारायण परिसर में ही महिलाओं के लिए मंदिर का निर्माण कराया गया. 2021 में इसकी प्राण प्रतिष्ठा कराई गई. यहां महिला भक्त भगवान की भक्ति में डूबी रहती हैं. यहां विश्राम गृह की भी व्यवस्था है. जहां आसानी से महिला भक्त रात्रि विश्राम कर सकती हैं.
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शारदा बेन करती हैं देखभाल
प्रतापपुरा की शारदा बेन वाणी मंदिर की देखभाल कर रही हैं. वे बताती हैं कि श्री स्वामीनारायण मंदिर में विगत 24 वर्षों से जुड़ी हैं. भगवान की सेवा करने के समर्पण में उन्होंने विवाह नहीं किया, हालांकि उनके माता-पिता ने उनके विवाह के लिए काफी प्रयास किया था लेकिन योग नहीं बन पाया. तब से लेकर अब तक उनका पूरा जीवन भगवान की भक्ति में ही गुजरा. रोजाना सुबह शाम भक्ति में गुजरता है. शारदाबेन का कहना है कि भगवान की भक्ति की शुरुआत करीब तीन पीढ़ी पहले हुई थी, जो अब तक जारी है.