बुरहानपुर। बीते माह 8 जुलाई को ईटीवी भारत पर "बुरहानपुर में अपात्र लोगों को दिया गया संबल योजना का लाभ" शीर्षक से ख़बर प्रकाशित की थी. इस मामलें में ग्राम पंचायत मांडवा में सरपंच, सचिव सहित उपसरपंच के खिलाफ केस दर्ज हो गया है. अब कलेक्टर भव्या मित्तल के निर्देश पर जिला पंचायत सीईओ सृष्टि देशमुख ने बड़ा एक्शन लिया है. उन्होंने सरपंच तुलसीराम अलावे और उपसरपंच संजय जाधव को धारा 40 के तहत पद से हटा दिया है. वहीं तत्कालीन सचिव सुनील पटेल की सेवा समाप्त की है. कलेक्टर ने दोषी सरपंच, उपसरपंच के 6 वर्ष तक चुनाव लड़ने पर रोक लगाई गई है.
जांच में दोषी पाए गए सरपंच और सचिव
बता दें कि ग्राम पंचायत मांडवा में सरपंच, उपसरपंच सहित सचिव ने संबल योजना के तहत नियम विरुद्ध राशि निकालकर अपात्र लोगों को लाभ पहुंचाया था. इसके बाद जनपद पंचायत खकनार से 3 सदस्यीय दल ने जांच की थी. इसमें सरपंच, सचिव सहित उपसरपंच दोषी पाए गए थे. मंगलवार को जिला पंचायत द्वारा सचिव सुनिल पटेल की सेवा समाप्त की गई है. गौरतलब है कि जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर ग्राम पंचायत मांडवा के ग्रामीणों ने संबल योजना में गड़बड़ी की शिकायत कलेक्टर भव्या मित्तल से की थी.
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हितग्राहियों के घर जाकर की पड़ताल
कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए थे. इस पर जिला पंचायत सीईओ सृष्टि देशमुख ने जांच कराई. जांच दल ने ग्राम पंचायत मांडवा में अपात्र हितग्राहियों के घर पहुंचकर जांच-पड़ताल की. इसमें पाया गया कि ग्राम पंचायत मांडवा में मृत श्रमिकों के मृत्यु के बाद उनकी समग्र आईडी से छेड़छाड़ कर, ई-संबल कार्ड जारी किया गया और अनुग्रह सहायता राशि 16 लाख रुपये जारी की गई. इस मामले में बुरहानपुर जिला जनसंपर्क अधिकारी आशा उइके ने बताया "संबल योजना में अपात्र हितग्राहियों को लाभ पहुंचाया गया. था. इस मामलें में कलेक्टर भव्या मित्तल ने जांच कराई. दोषी पाए जाने पर सरपंच, सचिव और उपसरपंच पर कार्रवाई की गई है. सरपंच और उपसरपंच को पद से हटाया है. सचिव की सेवा समाप्त कर दी है."