बुरहानपुर। मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में एक बार फिर ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. दरअसल, नेपानगर क्षेत्र की ग्राम पंचायत मांडवा में श्रमिकों की मौत के बाद दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर संबल कार्ड जारी कर अपात्र लोगों को संबल योजना का लाभ दिया गया था. इस मामले में तत्कालीन सचिव के खिलाफ कार्रवाई की गई है. साथ ही सरपंच और उप सरपंच को भी हटाया जाएगा.
तत्कालीन सचिव के खिलाफ की गई कार्रवाई
इस मामलो को लेकर 6 जुलाई को ईटीवी भारत पर खबर प्रसारित की गई थी. इस पर जिला पंचायत सीईओ सृष्टि देशमुख ने संज्ञान लेते हुए मामले की जांच कराई थी. जांच के बाद ग्राम पंचायत मांडवा के तत्कालीन सचिव सुनील पटेल को निलंबित किया गया है. वहीं सरपंच तुलसीराम अलावे और उप सरपंच संजय जाधव को भी हटाया जाएगा. शिकायतकर्ताओं ने उनकी आवाज अधिकारियों तक पहुंचाने पर ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया है.
दस्तावेजों से की गई थी छेड़छाड़
बता दें कि ग्राम पंचायत मांडवा में अपात्र लोगों को संबल योजना में लाभ पहुंचाने का मामला सामने आया था. इसकी शिकायत ग्रामीणों ने जनपद पंचायत से लेकर जिला प्रशासन से की थी. इसके बाद प्रशासन ने जांच दल गठित किया था. जांच दल ने गांव पहुंचकर लोगों के बयान दर्ज किए. जांच में शिकायत सही पाई गई. इसमें मांडवा में पदस्थ तत्कालीन सचिव सुनील पटेल, वर्तमान सरपंच तुलसीराम और उप सरपंच संजय जाधव ने श्रमिकों की मौत के बाद उनके दस्तावेज से छेड़छाड़ कर ई-संबल कार्ड जारी करवाया था और संबल योजना में सहायता के आवेदन लगाए थे.
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सरपंच और उप सरपंच के खिलाफ होगा एक्शन ?
उस समय जनपद पंचायत कार्यालय खकनार के कलस्टर प्रभारी गजमोहन बरिहा ने भी आवेदनों की जांच समय पर और सही तरीके से नहीं की थी. ऐसे में खकनार जनपद पंचायत द्वारा अपात्र लोगों के आवेदन स्वीकृत कर उन्हें लाभ दिया गया था. यह लाभार्थी उप सरपंच संजय जाधव के परिवार से हैं, जबकि 2019 में इनकी मौत हो चुकी है. इस मामले में तत्कालीन मांडवा सचिव व वर्तमान में ग्राम पंचायत सचिव सुनील पटेल को निलंबित कर वित्तीय अधिकार वापस लिए गए हैं. जिला पंचायत सीईओ सृष्टि देशमुख ने सरपंच तुलसीराम अलावे और उप सरपंच संजय जाधव को पद से हटाने के लिए जनपद पंचायत सीईओ खकनार वंदना कैथल को पत्र लिखा है. वहीं, इस मामले पर जिला कलेक्टर भव्या मित्तल ने बताया कि ''मांडवा में अनुग्रहन सहायता में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया था. जांच में ये मामला सही पाया गया है. सरपंच, तत्कालीन सचिव और उपसरपंच पर कार्रवाई की जा रही है. सरपंच व उप सरपंच को धारा 40 के तहत हटाया जाएगा और धारा 89 के तहत वसूली भी की जाएगी.''