बुरहानपुर। लोकसभा चुनाव की बिसात पर भाजपा ढाई चाल आगे चल रही है. भाजपा से प्रत्याशी घोषित होने के बाद से सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल सहित पूरी भाजपा मैदान में कूद गई है. जबकि उधर कांग्रेस ने अपना एक प्यादा भी आगे नहीं बढ़ाया है. राजनीतिक विशेषज्ञ बताते हैं कि कांग्रेस को प्रत्याशी ढूंढे नहीं मिल रहा है, ज्ञानेश्वर पाटिल के सामने सभी एक मत होकर कह रहे हैं कि पूर्व सांसद अरुण यादव को ही चुनाव लड़ना चाहिए, लेकिन अरुण यादव की बेरूखी के कारण कांग्रेस अपनी कोई भी चाल नहीं चल पा रही है.
यादव को मनाने में जुटी कांग्रेस
पूरी कांग्रेस खंडवा से लोकसभा चुनाव लड़ाने के लिए अरुण यादव को मनाने में लगी है. लेकिन यादव है कि टस से मस नहीं हो रहे हैं, इसलिए कांग्रेस मुश्किल में है. इधर लोकसभा चुनाव सिर पर है, ऐसे में कांग्रेस जल्द कोई निर्णय नहीं लेती है तो समीकरण बदल भी सकते हैं. बता दें कि खंडवा लोकसभा से अरुण यादव ने 2009 में भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष स्व. नंदकुमार सिंह चौहान को हराकर चुनाव जीता था. इस चुनाव में अरुण यादव को 3 लाख 94 हजार 241 मत मिले थे. नंदकुमार सिंह चौहान को 3 लाख 45 हजार 160 मत मिले थे.
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6 बार सांसद रहे हैं नंदकुमार सिंह चौहान
इसके बाद साल 2014 और 2019 में नंदकुमार सिंह चौहान ने अरूण यादव को हराया. 2014 के चुनाव में नंदकुमारसिंह चौहान को 7,17,357 और अरुण यादव को 4,57,643 मत मिले थे. 2019 में नंदकुमार सिंह चौहान को 8, 38909 और अरुण यादव 5,65,566 मत मिले थे. गौरतलब है कि नंदकुमार सिंह चौहान खंडवा लोकसभा से छह बार सांसद रह चुके हैं.