बुरहानपुर। लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर राजनीतिक पार्टियों द्वारा पुरजोर प्रचार प्रसार किया जा रहा है, इसके साथ ही जमकर जुबानी जंग भी चल रही है. इसी बीच कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के विरासत टैक्स पर दिए गए बयान से सियासी घमासान छिड़ गया है. इस बयान को लेकर बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर है और लगातार कांग्रेस पर कई गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं. सैम पित्रोदा के बयान पर बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता व विधायक अर्चना चिटनिस ने पलटवार किया है. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा, '' देश की विरासत और अपने बच्चों की चिंता करनी है तो बीजेपी को वोट दें और अगर सोनिया गांधी के बच्चों की चिंता करनी है तो कांग्रेस को वोट दें .''
कांग्रेस को इस देश की समझ नहीं : चिटनिस
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के करीबी रहे सैम पित्रोदा के बयान पर बीजेपी की प्रदेश प्रवक्ता ने कहा, '' कांग्रेस को इस देश की समझ नहीं है, कांग्रेस व्यक्ति को मानव नहीं, नागरिक नहीं, केवल वोटर समझ कर काम करती रही है''. उन्होंने देशवासियों से अपील करते हुए कहा, '' सच में देश की विरासत को आगे ले जाना है, देश की परम्परा और संस्कृति को दुनिया के सामने एक गौरव के तौर पर प्रस्तुत करना है, तो भारतीय जनता पार्टी ही सही पार्टी है और जो परिवार की चिंता करते हैं. जो परिवारों के लिए अपनी-अपनी पार्टियां चला रहे हैं, अगर सोनिया गांधी के बच्चों की चिंता करनी है, उनकी विरासत संभालनी है, तो कांग्रेस देख लो, अपने बच्चों की चिंता करनी है तो भारतीय जनता पार्टी को वोट दो. ''
विरासत टैक्स को लेकर क्या है सैम पित्रोदा का बयान?
अब सवाल ये उठता है कि कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने विरासत टैक्स को लेकर आखिर बयान क्या दिया था जिसको लेकर बहस छिड़ी हुई है. दरअसल, इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रोदा ने एएनआई से बातचीत में कहा था, " अमेरिका में इनहेरिटेंस टैक्स (विरासत टैक्स) की व्यवस्था है. इसका मतलब है कि अगर किसी के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है तो उसके मरने के बाद बच्चों को केवल 45 फीसदी संपत्ति ही मिलेगी और बाकी 55 प्रतिशत सरकार ले लेगी. ये काफी दिलचस्प कानून है. ये कहता है कि आप अपने दौर में संपत्ति जुटाओ और अब जब आप जा रहे हैं, तो आपको अपनी धन-संपत्ति जनता के लिए छोड़नी होगी, सारी नहीं लेकिन उसकी आधी, जो मेरी नजर में अच्छा है.''
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सैम पित्रोदा ने आगे कहा, "भारत में आप ऐसा नहीं कर सकते. अगर किसी की संपत्ति 10 अरब रु है और वह इस दुनिया में न रहे तो उनके बच्चे ही 10 अरब रुपये रखते हैं और जनता को कुछ नहीं मिलता. तो ये कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिस पर लोगों को बहस और चर्चा करनी चाहिए. मैं नहीं जानता कि इसका नतीजा क्या निकलेगा लेकिन जब हम संपत्ति के पुनर्वितरण की बात करते हैं, तो हम नई नीतियों और नए तरह के प्रोग्राम की बात करते हैं जो जनता के हित में है न कि केवल अमीर लोगों के."