लखनऊ : अकबरनगर में करीब 1200 मकान 31 मार्च के बाद आचार सहिंता लागू होने के बावजूद गिराए जाएंगे. इस संबंध में लखनऊ विकास प्राधिकरण की तैयारी पूरी हो गई हैं. 21 मार्च तक यहां के कब्जेदारों लखनऊ विकास प्राधिकरण वैकल्पिक आवास के लिए पंजीकरण करेगा. इसके बाद में अगले 10 दिन कब्जेदारों को आवास खाली करने का समय मिलेगा. इसके बाद में यहां ध्वस्तीकरण की बड़ी कार्रवाई शुरू की जाए.
अकबरनगर प्रथम व द्वितीय में कुकरैल नदी व बंधे के विस्थापितों को प्रधानमंत्री आवास आवंटित करने के लिए लगाए गए विशेष पंजीकरण शिविर में अब तक करीब 100 विस्थापितों ने आवास के लिए पंजीकरण कराया है. दूसरी ओर अकबरनगर के अत्यंत गरीब विस्थापितों को निःशुल्क आवास देने के लिए पात्र व्यक्तियों का चयन करने के लिए एलडीए, राजस्व विभाग, नगर निगम व डूडा की संयुक्त टीम द्वारा क्षेत्र में सर्वेक्षण का कार्य किया गया है. अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि अकबरनगर के विस्थापितों को आवास आवंटित करने के सम्बंध में उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेशों के अनुपालन में क्षेत्र में विशेष पंजीकरण शिविर स्थापित किए गए हैं. कैंप में प्राधिकरण के सम्बंधित अधिकारी व कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है. जिनके द्वारा विस्थापितों को आवंटन की पूरी प्रक्रिया की जानकारी देते हुए पंजीकरण की कार्रवाई की जा रही है.
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि आचार संहिता लागू होने का अवैध निर्माण व अतिक्रमण हटाने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. इस मामले में हाईकोर्ट का बकायदा आदेश है कि 31 मार्च तक अवैध कबजेदारों को यह जमीन खाली करनी होगी. हम मात्र 1000 के पंजीकरण राशि पर 90 साल की लीज पर आवास दे रहे हैं. इससे बेहतर प्रस्ताव नहीं हो सकता. पुनर्वास के इसी प्रस्ताव के आधार पर हम अकबरनगर को खाली करा कर यहां कुकरेल रिवर फ्रंट को विकसित करेंगे.