पटना: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है. भवन निर्माण विभाग ने लोक जनशक्ति पार्टी के दफ्तर को खाली करवाने के लिए पशुपति पारस की पार्टी रालोजपा को नोटिस भेजा है. भवन निर्माण विभाग ने 7 दिन में कार्यालय खाली करने का आदेश दिया है. इसके बाद चाचा-भतीजा की राजनीति गरमा गयी है. रालोजपा के प्रवक्ता ने चिराग पासवान का नाम लिये बगैर भवन निर्माण विभाग पर किसी के दबाव में काम करने का आरोप लगाया है.
भवन निर्माण विभाग ने क्या लिखा है पत्र मेंः भवन निर्माण विभाग ने जो पत्र जारी किया है, उसमें कहा गया है कि 13 जून 2024 को आवंटन रद्द कर दिया गया था. 4 अक्टूबर को विभाग ने लोक जनशक्ति पार्टी को आवास खाली करने के लिए 15 दिन का नोटिस दिया था. राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के कार्यालय प्रभारी के द्वारा सूचित किया गया था कि पटना उच्च न्यायालय में इसको लेकर रिट पिटीशन दाखिल किया गया है. परंतु इसके साथ कोर्ट का स्टे आर्डर नहीं था. 15 दिन बीत जाने के बाद भी लोक जनशक्ति पार्टी के आवास को खाली नहीं किया गया.
रालोजपा के नाम पर आवंटित नहीं है कार्यालयः भवन निर्माण विभाग के पत्र में साफ लिखा है कि यह आवास राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के नाम पर आवंटित नहीं किया गया है. राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी की ओर से एक पत्र प्राप्त हुआ था. चूंकी यह आवास लोक जनशक्ति पार्टी के नाम से आवंटित है, अतः राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी का इस मामले से कोई सरोकार नहीं है. उनके आवेदन को अस्वीकृत किया जा रहा है. बता दें कि भवन निर्माण विभाग ने 30 मई 2006 को एक व्हीलर रोड शहीद पीर अली खान मार्ग स्थित आवास को लोक जनशक्ति पार्टी को आवंटित किया था.
बलपूर्वक खाली कराया जाएगा कार्यालयः 22 अक्टूबर 2024 को भवन निर्माण विभाग ने अपने पत्र में लिखा है कि, बिहार सरकार के एक्ट 1956 की धारा 4 के तहत शक्ति का प्रयोग करते हुए अध्यक्ष लोक जनशक्ति पार्टी को आदेश दिया जाता है कि आदेश प्राप्ति के सात दिनों के अंदर आवास संख्या एक व्हीलर रोड शहीद पीर अली खान मार्ग पटना को खाली किया जाए. यदि निर्धारित अवधि में उक्त आवास खाली नहीं किया गया तो मजबूर होकर उन्हें बलपूर्वक खाली किया जाएगा.
मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप का अनुरोधः भवन निर्माण विभाग के इस पत्र पर राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने ईटीवी भारत से कहा कि राज्य कार्यालय का आवंटन रद्द करना भवन निर्माण के द्वारा नियम संगत नहीं है. पार्टी के आवंटन से संबंधित सभी मामला अभी न्यायालय में लंबित है, उसके बावजूद भवन निर्माण विभाग न्यायालय के फैसले का इंतजार करने के बजाय किसी के दबाव में पार्टी कार्यालय खाली करने का आदेश दे रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया कि वे स्वयं हस्तक्षेप कर पार्टी को न्याय दिलाएं.
"माननीय न्यायालय, चुनाव आयोग, बिजली विभाग, टेलीफोन विभाग सब को दरकिनार करते हुए भवन निर्माण विभाग के अफसर अपनी मनमानी करते हुए राजनीतिक दबाव में काम करते हुए हमारी पार्टी को लगातार नोटिस भेज रहा है. भवन निर्माण विभाग को न्यायालय के फैसले का इंतजार करना चाहिए और राजनीतिक दबाव को नजरअंदाज करना चाहिए."- श्रवण अग्रवाल, राष्ट्रीय प्रवक्ता, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी
भवन निर्माण विभाग का तानाशाह रवैयाः श्रवण अग्रवाल ने कहा कि 2021 में लोक जनशक्ति पार्टी के विभाजन के बाद मूल लोक जनशक्ति पार्टी का मामला भारत निर्वाचन आयोग में लंबित है. हमारी पार्टी को राज्य पार्टी का दर्जा दिया गया है. हमारी पार्टी को नाम एवं चुनाव चिन्ह देकर मान्यता दी है. हमारी पार्टी का कार्यालय का यहां से संचालन हो रहा है. बिजली बिल का भुगतान पार्टी कार्यालय के नाम से आ रहा है, जिसका भुगतान पार्टी कार्यालय द्वारा किया जाता है. हमारी पार्टी के नेता लगातार निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन एवं चुनाव संबंधित बुलाई जा रही बैठकों में शामिल हो रहे हैं.
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