ETV Bharat / state

बसपा सुप्रीमो मायावती को पुराने नेताओं पर भरोसा नहीं, लोकसभा चुनाव 2024 में तैयार हो रही नई टीम - BSP Strategy

उत्तर प्रदेश में कुल 80 लोकसभा सीटें हैं. इनमें से अब तक बहुजन समाज पार्टी 25 सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतार चुकी है. स्थानीय स्तर पर कई और भी प्रत्याशी घोषित किए जा चुके हैं. हालांकि, उनकी अधिकृत सूची जारी होना बाकी है, लेकिन अभी तक जो सूची आई है, उनमें पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते सांसदों में से सिर्फ बुलंदशहर से ही अपने सांसद गिरीश चंद्र जाटव को वापस टिकट मिला है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 2, 2024, 6:35 PM IST

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी को अपने पुराने नेताओं पर यकीन नहीं है. नए नेताओं पर पार्टी को भरोसा है, इसलिए पुराने नेताओं को टिकट नहीं दिया जा रहा है. नए नेताओं को अहमियत मिल रही है. पार्टी के पिछले लोकसभा चुनाव में जितने भी सांसद जीते थे, उनमें से सिर्फ एक ही टिकट पाने में कामयाब हुआ है.

बीएसपी ने अपने सबसे खास नेता मलूक नागर तक का बिजनौर से टिकट काटकर नए नेता विजेंद्र चौधरी को चुनाव में उतारा है. इसी तरह अमरोहा और नगीना में भी पार्टी ने पुराने नेताओं को तवज्जो नहीं दी. प्रतापगढ़ में भी नए नेता को ही अहमियत मिली है.

लखनऊ के मोहनलालगंज से भी पार्टी ने पुराने नेता को हटाकर नया चेहरा उतार दिया है. इस बार बीएसपी अपनी नई टीम तैयार कर रही है और पुरानी टीम को विदा कर रही है. हालांकि, नतीजे क्या आएंगे यह तो चुनाव परिणाम के बाद ही पता चलेगा, लेकिन यह तय हो गया है कि बसपा अब पुराने नेताओं को ढोकर चलना नहीं चाहती. नए नेताओं के साथ आकाश आनंद ही नई टीम बना रहे हैं.

उत्तर प्रदेश में कुल 80 लोकसभा सीटें हैं. इनमें से अब तक बहुजन समाज पार्टी 25 सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतार चुकी है. स्थानीय स्तर पर कई और भी प्रत्याशी घोषित किए जा चुके हैं. हालांकि, उनकी अधिकृत सूची जारी होना बाकी है, लेकिन अभी तक जो सूची आई है, उनमें पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते सांसदों में से सिर्फ बुलंदशहर से ही अपने सांसद गिरीश चंद्र जाटव को वापस टिकट मिला है. गिरीश चंद्र जाटव वर्तमान में बिजनौर की नगीना सीट से सांसद हैं. उन्हें नगीना से टिकट न देकर पार्टी ने बुलंदशहर से चुनाव मैदान में उतारा है.

बाकी किसी भी सांसद पर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने दोबारा विश्वास नहीं जताया है. माना जा रहा है कि बीएसपी मुखिया मायावती ने अपने भतीजे और पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद को 26 राज्यों की जो जिम्मेदारी सौंपी है, उसके अनुसार ही पूरे देश में नई टीम खड़ी करना चाहती हैं.

यूपी और उत्तराखंड राज्य भले ही मायावती ने अपने पास रखे हों लेकिन भविष्य की रणनीति को लेकर यहां पर भी आकाश आनंद के मन मुताबिक ही मायावती नए प्रत्याशियों को मौका दे रही हैं. पार्टी के विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि आकाश आनंद नए नेताओं के साथ अपनी नई टीम बनाकर पार्टी को मजबूत करेंगे. यही वजह है कि इस लोकसभा चुनाव में नए प्रत्याशियों को खास अहमियत दी जा रही है.

ये हैं अब तक के बसपा के अधिकृत उम्मीदवार: बहुजन समाज पार्टी ने सहारनपुर से माजिद अली, कैराना से श्रीपाल सिंह, मुजफ्फरनगर से दारा सिंह प्रजापति, बिजनौर से विजेंद्र सिंह, नगीना से सुरेंद्र पाल सिंह, मुरादाबाद से मोहम्मद इरफान सैफी, रामपुर से जीशान खान, संभल से शौलत अली, अमरोहा से मुजाहिद हुसैन, मेरठ से देवव्रत त्यागी, बागपत से प्रवीण बंसल, गौतम बुद्ध नगर से राजेंद्र सिंह सोलंकी, बुलंदशहर से गिरीश चंद्र जाटव, आंवला से आबिद अली, पीलीभीत से अनीस अहमद खां उर्फ फूल बाबू और शाहजहांपुर से दोदराम वर्मा, हाथरस सुरक्षित लोकसभा सीट से हेमबाबू धनगर, मथुरा सीट से कमलकांत उपमन्यु, आगरा सुरक्षित सीट से पूजा अमरोही, फतेहपुर सीकरी से रामनिवास शर्मा, फिरोजाबाद से सत्येंद्र जैन सौली, इटावा सुरक्षित लोकसभा सीट से सारिका सिंह बघेल, कानपुर लोकसभा सीट से कुलदीप भदौरिया, अकबरपुर लोकसभा सीट से राजेश कुमार द्विवेदी और जालौन सुरक्षित लोकसभा सीट से सुरेश चंद्र गौतम को प्रत्याशी बनाया है.

बसपा ने नहीं दिया टिकट तो दूसरी पार्टियों में तलाशी राह: लोकसभा चुनाव से पहले ही बहुजन समाज पार्टी के तमाम सांसदों ने या तो अपने लिए दूसरी पार्टियों में मौका तलाश लिया या फिर बहुजन समाज पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया. इनमें अमरोहा से बीएसपी सांसद रहे कुमार कुंवर दानिश अली को पार्टी ने निष्कासित कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली और अमरोहा से ही कांग्रेस से टिकट पाने में कामयाब हो गए.

अंबेडकर नगर से बहुजन समाज पार्टी के सांसद रितेश पांडेय ने चुनाव से ठीक पहले बीएसपी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया और बीजेपी से टिकट पाने में कामयाब हुए. लालगंज से सांसद संगीता आजाद भी बीएसपी छोड़ चुके हैं.

अफजाल अंसारी को भी समाजवादी पार्टी ने टिकट दे दिया. श्रावस्ती से बसपा सांसद राम शिरोमणि वर्मा को पार्टी ने टिकट नहीं दिया. घोसी से बीएसपी सांसद अतुल राय को भी टिकट नहीं मिला है. जौनपुर से सांसद श्याम सिंह यादव भी टिकट पाने में कामयाब नहीं हुए हैं.

ये भी पढ़ेंः टिकट कटने का दर्द: CM योगी के मंच पर फूट-फूटकर रोईं BJP सांसद संघमित्रा मौर्य, मंत्री गुलाब देवी ने आंसू पोंछे

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी को अपने पुराने नेताओं पर यकीन नहीं है. नए नेताओं पर पार्टी को भरोसा है, इसलिए पुराने नेताओं को टिकट नहीं दिया जा रहा है. नए नेताओं को अहमियत मिल रही है. पार्टी के पिछले लोकसभा चुनाव में जितने भी सांसद जीते थे, उनमें से सिर्फ एक ही टिकट पाने में कामयाब हुआ है.

बीएसपी ने अपने सबसे खास नेता मलूक नागर तक का बिजनौर से टिकट काटकर नए नेता विजेंद्र चौधरी को चुनाव में उतारा है. इसी तरह अमरोहा और नगीना में भी पार्टी ने पुराने नेताओं को तवज्जो नहीं दी. प्रतापगढ़ में भी नए नेता को ही अहमियत मिली है.

लखनऊ के मोहनलालगंज से भी पार्टी ने पुराने नेता को हटाकर नया चेहरा उतार दिया है. इस बार बीएसपी अपनी नई टीम तैयार कर रही है और पुरानी टीम को विदा कर रही है. हालांकि, नतीजे क्या आएंगे यह तो चुनाव परिणाम के बाद ही पता चलेगा, लेकिन यह तय हो गया है कि बसपा अब पुराने नेताओं को ढोकर चलना नहीं चाहती. नए नेताओं के साथ आकाश आनंद ही नई टीम बना रहे हैं.

उत्तर प्रदेश में कुल 80 लोकसभा सीटें हैं. इनमें से अब तक बहुजन समाज पार्टी 25 सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतार चुकी है. स्थानीय स्तर पर कई और भी प्रत्याशी घोषित किए जा चुके हैं. हालांकि, उनकी अधिकृत सूची जारी होना बाकी है, लेकिन अभी तक जो सूची आई है, उनमें पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते सांसदों में से सिर्फ बुलंदशहर से ही अपने सांसद गिरीश चंद्र जाटव को वापस टिकट मिला है. गिरीश चंद्र जाटव वर्तमान में बिजनौर की नगीना सीट से सांसद हैं. उन्हें नगीना से टिकट न देकर पार्टी ने बुलंदशहर से चुनाव मैदान में उतारा है.

बाकी किसी भी सांसद पर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने दोबारा विश्वास नहीं जताया है. माना जा रहा है कि बीएसपी मुखिया मायावती ने अपने भतीजे और पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद को 26 राज्यों की जो जिम्मेदारी सौंपी है, उसके अनुसार ही पूरे देश में नई टीम खड़ी करना चाहती हैं.

यूपी और उत्तराखंड राज्य भले ही मायावती ने अपने पास रखे हों लेकिन भविष्य की रणनीति को लेकर यहां पर भी आकाश आनंद के मन मुताबिक ही मायावती नए प्रत्याशियों को मौका दे रही हैं. पार्टी के विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि आकाश आनंद नए नेताओं के साथ अपनी नई टीम बनाकर पार्टी को मजबूत करेंगे. यही वजह है कि इस लोकसभा चुनाव में नए प्रत्याशियों को खास अहमियत दी जा रही है.

ये हैं अब तक के बसपा के अधिकृत उम्मीदवार: बहुजन समाज पार्टी ने सहारनपुर से माजिद अली, कैराना से श्रीपाल सिंह, मुजफ्फरनगर से दारा सिंह प्रजापति, बिजनौर से विजेंद्र सिंह, नगीना से सुरेंद्र पाल सिंह, मुरादाबाद से मोहम्मद इरफान सैफी, रामपुर से जीशान खान, संभल से शौलत अली, अमरोहा से मुजाहिद हुसैन, मेरठ से देवव्रत त्यागी, बागपत से प्रवीण बंसल, गौतम बुद्ध नगर से राजेंद्र सिंह सोलंकी, बुलंदशहर से गिरीश चंद्र जाटव, आंवला से आबिद अली, पीलीभीत से अनीस अहमद खां उर्फ फूल बाबू और शाहजहांपुर से दोदराम वर्मा, हाथरस सुरक्षित लोकसभा सीट से हेमबाबू धनगर, मथुरा सीट से कमलकांत उपमन्यु, आगरा सुरक्षित सीट से पूजा अमरोही, फतेहपुर सीकरी से रामनिवास शर्मा, फिरोजाबाद से सत्येंद्र जैन सौली, इटावा सुरक्षित लोकसभा सीट से सारिका सिंह बघेल, कानपुर लोकसभा सीट से कुलदीप भदौरिया, अकबरपुर लोकसभा सीट से राजेश कुमार द्विवेदी और जालौन सुरक्षित लोकसभा सीट से सुरेश चंद्र गौतम को प्रत्याशी बनाया है.

बसपा ने नहीं दिया टिकट तो दूसरी पार्टियों में तलाशी राह: लोकसभा चुनाव से पहले ही बहुजन समाज पार्टी के तमाम सांसदों ने या तो अपने लिए दूसरी पार्टियों में मौका तलाश लिया या फिर बहुजन समाज पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया. इनमें अमरोहा से बीएसपी सांसद रहे कुमार कुंवर दानिश अली को पार्टी ने निष्कासित कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली और अमरोहा से ही कांग्रेस से टिकट पाने में कामयाब हो गए.

अंबेडकर नगर से बहुजन समाज पार्टी के सांसद रितेश पांडेय ने चुनाव से ठीक पहले बीएसपी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया और बीजेपी से टिकट पाने में कामयाब हुए. लालगंज से सांसद संगीता आजाद भी बीएसपी छोड़ चुके हैं.

अफजाल अंसारी को भी समाजवादी पार्टी ने टिकट दे दिया. श्रावस्ती से बसपा सांसद राम शिरोमणि वर्मा को पार्टी ने टिकट नहीं दिया. घोसी से बीएसपी सांसद अतुल राय को भी टिकट नहीं मिला है. जौनपुर से सांसद श्याम सिंह यादव भी टिकट पाने में कामयाब नहीं हुए हैं.

ये भी पढ़ेंः टिकट कटने का दर्द: CM योगी के मंच पर फूट-फूटकर रोईं BJP सांसद संघमित्रा मौर्य, मंत्री गुलाब देवी ने आंसू पोंछे

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.