पटना: बिहार में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आरजेडी को एक के बाद एक तगड़े झटके लग रहे हैं. आरजेडी के राज्यसभा के पूर्व सांसद अशफाक करीम ने शुक्रवार को अपना इस्तीफा दे दिया. वहीं शनिवार को पार्टी का एक और विकेट गिर गया. बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सह पूर्व सांसद वृषिण पटेल ने आरजेडी का साथ छोड़ दिया है.
'दुखी मन से देता हूं इस्तीफा'-वृषिण पटेल: वृषिण पटेल ने प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने लिखा है कि प्रिय जदगा बाबू मैंने महसूस किया है कि पार्टी को शीर्ष नेतृत्व को समर्पित कार्यकर्ता, पार्टी को सींचने वालों की कोई आवश्यकता नहीं है और नाही इस पार्टी को सामाजिक न्याय और सांप्रदायिक सद्भाव में कोई आस्था है.मैं बहुत दुखी मन से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं.
कौन हैं वृषिण पटेल: बता दें कि वृषिण पटेल राष्ट्रीय जनता दल के सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं. उसके बाद उन्होंने पाला बदला और जनता दल यूनाइटेड में आ गए. जनता दल यूनाइटेड में भी नीतीश कुमार के साथ आने के बाद उन्हें मंत्री बनाया गया था. जब मांझी को मुख्यमंत्री बनाया तो उनका साथ दिया और फिर वह हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा में आ गए. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा से फिर वह राष्ट्रीय जनता दल में वापस चले गए.
वैशाली से चुनाव लड़ना चाहते थे वृषिण - सूत्र: लगातार 2 साल से राष्ट्रीय जनता दल में बने रहने के बाद वृषिण को पार्टी ने प्रदेश उपाध्यक्ष भी बनाया था और अब राष्ट्रीय जनता दल से भी उन्होंने इस्तीफा दे दिया है. सूत्र से मिल रही खबर के अनुसार वृषिण पटेल वैशाली से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन राष्ट्रीय जनता दल ने वहां मुन्ना शुक्ला को उम्मीदवार बनाया और कहीं ना कहीं यही मामला रहा कि आज राष्ट्रीय जनता दल से इस्तीफा दे दिए हैं.
आरजेडी को बड़ा झटका: आरजेडी को लोकसभा चुनाव से पहले झटके लग रहे हैं. उनके पुराने सिपहसलार साथ छोड़ रहे हैं. इससे पहले पूर्व राज्यसभा सांसद अशफाक करीम ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. इतना ही नहीं उन्होंने लालू यादव पर मुसलमानों की हकमारी का आरोप भी लगाया है. साथ ही अशफाक के जदयू में जाने की चर्चा है. वहीं पूर्व सांसद सरफराज आलम भी आरजेडी से नाराज हैं. छोटे भाई शाहनवाज आलम को अररिया से टिकट मिलने के बाद बड़े भाई और पूर्व सांसद सरफराज आलम आरजेडी से नाराज चल रहे हैं.
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