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नीलकंठ ने दी नए विधायक को शुभकामनाएं, कोचे मुंडा ने कहा-आदिवासी मत एकतरफा पड़ा

25 साल बाद खूंटी में भजापा का किला ढहा, इस बार नीलकंठ नहीं जीते, तो वहीं तोरपा विधानसभा सीट से कोचे मुंडा हार गए.

both mundas lost their seats
भाजपा नेता कोचे मुंडा व नीलकंठ मुंडा (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 2 hours ago

खूंटीः जिले की खूंटी विधानसभा सीट भाजपा का अभेद्य किला कहा जाता था, लेकिन 25 साल बाद झामुमो कार्यकर्ता राम सूर्या मुंडा ने झामुमो का परचम लहरा दिया. 1999 में भाजपा के नीलकंठ सिंह मुंडा ने कांग्रेस की सुशीला केरकेट्टा से यह सीट छीनी थी. तब से लेकर अब तक नीलकंठ लगातार पांच बार चुनाव जीतते आए हैं. इस बार छठी बार किस्मत आजमा रहे मुंडा सिक्सर लगाने से चूक गए. हालांकि भाजपा को इस तरह करारी हार की उम्मीद नहीं थी.

आदिवासियों की नाराजगी, गुटबाजी तथा भीतरघात हार का कारणः नीलकंठ सिंह मुंडा

भाजपा के अंदर गुटबाजी, भीतरघात तथा आदिवासियों की भाजपा से नाराजगी नीलकंठ की हार का मुख्य कारण बनी. हालांकि नीलकंठ ने आदिवासियों को एकजुट कर अपने पक्ष में करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी थी. इसके बावजूद भी वह जनता को अपने पक्ष में नहीं कर पाए. नीलकंठ सिंह मुंडा (नीलू) फैंस क्लब को ब्रह्मास्त्र के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन हर जगह मात खानी पड़ी. कई लोगों ने कहा कि नीलकंठ सिंह मुंडा को अति आत्मविश्वास ले डूबा. पहले लोकसभा चुनाव और अब विधानसभा चुनाव के परिणाम से आने वाले दिनों में भाजपा के लिए यह सीट आसान नहीं होगी.

हार से हतोत्साहित नहींः नीलकंठ सिंह मुंडा

खूंटी के पांच बार के विधायक व पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा हार से हतोत्साहित नहीं हैं. उन्होंने खूंटी की जनता का आभार जताते हुए नवनिर्वाचित विधायक राम सूर्या मुंडा को शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि जिस तरह से मैंने खूंटी की सेवा की, उसी तरह नए विधायक भी खूंटी की जनता की सेवा करें.

खूंटी विधनसभा सीट से खड़े उम्मदीवारों को मिले वोट
खूंटी में राम सूर्या मुंडा- झामुमो- 91721,

नीलकंठ सिंह मुंडा- भाजपा- 49668,

आलोक डुंगडुंग- 2085,

बी अनिल बड़ाई- 3865,

पास्टर संजय तिर्की- 2057,

विश्वकर्मा उरांव- 1969,

दुर्गावती ओड़ेया- 1947,

मसीह चरण मुंडा- 1130,

सोमा मुंडा- 795,

सामुएल पूर्ति- 593,

चंपा हेरेंज- 465 और

नोटा में-3547 वोट.

आदिवासियों ने एकजुट होकर मतदान कियाः कोचे मुंडा

तोरपा विधानसभा सीट भी भाजपा ने गंवाई. भाजपा नेता कोचे मुंडा ने कहा कि इस बार आदिवासी वर्ग ने एकजुट होकर मतदान किया है, जिसके कारण उनकी हार हुई है. उन्होंने कहा कि तोरपा ऐसी सीट है जहां आदिवासी मतों के बिखराव के बगैर भाजपा को जीतना मुश्किल है. फिर भी जनता के स्नेह के लिए सभी मतदाताओं का आभार व्यक्त करता हूं. कोचे मुंडा ने कहा कि कहां कमी रह गई और इसके क्या कारण रहे, इसकी समीक्षा की जाएगी ताकि क्षेत्र में पार्टी मजबूती से उभरे. इसके लिए जल्द की कार्यकर्ताओं और समर्थकों की बैठक बुलाई जाएगी.


तोरपा विधानसभा सीट से खड़े उम्मीदवारों को इस प्रकार वोट मिलेः

सुदीप गुड़िया- झामुमो- 80887,
तोरपा में कोचे मुंडा- भाजपा-40240,

विल्सन भेंगरा- 2832 ,

ब्रजेंद्र हेमरोम - 2356

सावित्री देवी- 1278,

कुलन पतरस आईंद- 1202

अनिता सुरीन- 940,

विनोद बड़ाईक- 595

पुनीत हेम्ब्रम- 553,

रिलन एमन होरो- 324 तथा

सामड़ोम गुड़िया- 306 मत मिले.

ये भी पढ़ें:

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खूंटीः जिले की खूंटी विधानसभा सीट भाजपा का अभेद्य किला कहा जाता था, लेकिन 25 साल बाद झामुमो कार्यकर्ता राम सूर्या मुंडा ने झामुमो का परचम लहरा दिया. 1999 में भाजपा के नीलकंठ सिंह मुंडा ने कांग्रेस की सुशीला केरकेट्टा से यह सीट छीनी थी. तब से लेकर अब तक नीलकंठ लगातार पांच बार चुनाव जीतते आए हैं. इस बार छठी बार किस्मत आजमा रहे मुंडा सिक्सर लगाने से चूक गए. हालांकि भाजपा को इस तरह करारी हार की उम्मीद नहीं थी.

आदिवासियों की नाराजगी, गुटबाजी तथा भीतरघात हार का कारणः नीलकंठ सिंह मुंडा

भाजपा के अंदर गुटबाजी, भीतरघात तथा आदिवासियों की भाजपा से नाराजगी नीलकंठ की हार का मुख्य कारण बनी. हालांकि नीलकंठ ने आदिवासियों को एकजुट कर अपने पक्ष में करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी थी. इसके बावजूद भी वह जनता को अपने पक्ष में नहीं कर पाए. नीलकंठ सिंह मुंडा (नीलू) फैंस क्लब को ब्रह्मास्त्र के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन हर जगह मात खानी पड़ी. कई लोगों ने कहा कि नीलकंठ सिंह मुंडा को अति आत्मविश्वास ले डूबा. पहले लोकसभा चुनाव और अब विधानसभा चुनाव के परिणाम से आने वाले दिनों में भाजपा के लिए यह सीट आसान नहीं होगी.

हार से हतोत्साहित नहींः नीलकंठ सिंह मुंडा

खूंटी के पांच बार के विधायक व पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा हार से हतोत्साहित नहीं हैं. उन्होंने खूंटी की जनता का आभार जताते हुए नवनिर्वाचित विधायक राम सूर्या मुंडा को शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि जिस तरह से मैंने खूंटी की सेवा की, उसी तरह नए विधायक भी खूंटी की जनता की सेवा करें.

खूंटी विधनसभा सीट से खड़े उम्मदीवारों को मिले वोट
खूंटी में राम सूर्या मुंडा- झामुमो- 91721,

नीलकंठ सिंह मुंडा- भाजपा- 49668,

आलोक डुंगडुंग- 2085,

बी अनिल बड़ाई- 3865,

पास्टर संजय तिर्की- 2057,

विश्वकर्मा उरांव- 1969,

दुर्गावती ओड़ेया- 1947,

मसीह चरण मुंडा- 1130,

सोमा मुंडा- 795,

सामुएल पूर्ति- 593,

चंपा हेरेंज- 465 और

नोटा में-3547 वोट.

आदिवासियों ने एकजुट होकर मतदान कियाः कोचे मुंडा

तोरपा विधानसभा सीट भी भाजपा ने गंवाई. भाजपा नेता कोचे मुंडा ने कहा कि इस बार आदिवासी वर्ग ने एकजुट होकर मतदान किया है, जिसके कारण उनकी हार हुई है. उन्होंने कहा कि तोरपा ऐसी सीट है जहां आदिवासी मतों के बिखराव के बगैर भाजपा को जीतना मुश्किल है. फिर भी जनता के स्नेह के लिए सभी मतदाताओं का आभार व्यक्त करता हूं. कोचे मुंडा ने कहा कि कहां कमी रह गई और इसके क्या कारण रहे, इसकी समीक्षा की जाएगी ताकि क्षेत्र में पार्टी मजबूती से उभरे. इसके लिए जल्द की कार्यकर्ताओं और समर्थकों की बैठक बुलाई जाएगी.


तोरपा विधानसभा सीट से खड़े उम्मीदवारों को इस प्रकार वोट मिलेः

सुदीप गुड़िया- झामुमो- 80887,
तोरपा में कोचे मुंडा- भाजपा-40240,

विल्सन भेंगरा- 2832 ,

ब्रजेंद्र हेमरोम - 2356

सावित्री देवी- 1278,

कुलन पतरस आईंद- 1202

अनिता सुरीन- 940,

विनोद बड़ाईक- 595

पुनीत हेम्ब्रम- 553,

रिलन एमन होरो- 324 तथा

सामड़ोम गुड़िया- 306 मत मिले.

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