ETV Bharat / state

Rajasthan Borewell Accidents : आर्यन के बाद अब चेतना गिरी खुले बोरवेल में, इससे पहले ये भी हो चुके हैं शिकार - BOREWELL ACCIDENTS IN RAJASTHAN

इस साल अकेले दौसा में बोरवेल में गिरने की 4 घटनाएं हुई, तो बाड़मेर में भी 4 साल के बच्चे की मौत हो गई थी.

BOREWELL ACCIDENTS IN RAJASTHAN
राजस्थान में काल बना बोरवेल (ETV Bharat GFX)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 12, 2024, 7:08 PM IST

Updated : Dec 23, 2024, 4:47 PM IST

जयपुर : 2024 जाते-जाते दौसा के कालीखाड़ गांव के किसान जगदीश मीना को जिंदगीभर का गम दे गया. उनका पांच साल का बेटा आर्यन खेत में बने पुराने बोरवेल में गिर गया. बेटा 150 फीट गहरे बोरवेल में गिरा तो माता-पिता और परिजनों की सांसें अटक गई. तमाम जद्दोजहद के बाद आखिरकार 57 घंटे बाद उसे बोरवेल से बाहर तो निकाला गया, लेकिन तब तक उसकी सांसें थम चुकी थी. इस तरह का यह अकेला मामला नहीं है. इससे पहले दौसा के ही मंडावरी गांव में 44 साल के किसान हेमराज गुर्जर की भी बोरवेल में गिरने से मौत हो गई थी. जबकि दौसा के जोधपुरिया गांव में दो साल की बच्ची नीरू भी बोरवेल में गिर गई थी, जिसे सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था. इसके अलावा प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी खुले बोरवेल हादसों का कारण बने हैं. वहीं, कोटपुतली में तीन साल की मासूम चेतना खेलते समय खुले बोरवेल में गिर गई.

तीन साल पहले खोदा था बोरवेल, मोटर फंसने से बंद : घर के पास जो बोरवेल पांच साल के आर्यन के लिए काल बना. वह तीन साल पहले खोदा गया था, लेकिन मोटर फंसने से बंद पड़ा था. इस बीच 9 दिसंबर को खेलते समय आर्यन बोरवेल में गिर गया. करीब 57 घंटे तक उसे सुरक्षित बाहर निकालने के तमाम प्रयास किए गए. एनडीआरएफ के साथ ही एसडीआरएफ के जवान भी जुटे और पुलिस-प्रशासन के आलाधिकारी भी मौके पर रहे. आखिरकार बुधवार रात को उसे बाहर निकालने में सफलता मिली, लेकिन तब तक उसकी सांसों की डोर टूट चुकी थी.

एसडीआरएफ कमांडेंट राजेंद्र सिंह सिसोदिया (ETV Bharat Jaipur)

इसे भी पढ़ें - मॉर्डन टेक्निक-देसी जुगाड़ सब फेल, लाख मशक्कत के बाद भी आर्यन को नहीं बचा पाई रेस्क्यू टीम

मिट्टी ढहने से बोरवेल में गिरे किसान की मौत : दौसा जिले के राणौली गांव में मिट्टी ढहने से 45 वर्षीय किसान रामनिवास मीना बोरवेल में गिर गया. इससे उसकी मौत हो गई. यह घटना 28 अगस्त की है. दरअसल, बोरवेल खुदाई का काम पूरा होने के बाद उसमें पाइप डालने का काम चल रहा था. इस दौरान मिट्टी ढहने से किसान रामनिवास बोरवेल में गिर गया. तमाम प्रयासों के बाद उसे निकाला गया. लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई थी.

दो साल की नीरू को किया सुरक्षित रेस्क्यू : दौसा जिले में बांदीकुई के जोधपुरिया गांव में दो साल की बच्ची नीरू 18 सितंबर को खेलते-खेलते बोरवेल में गिर गई. यह बोरवेल 600 फीट गहरा था. जबकि करीब 35 फीट पर नीरू अटक गई. बोरवेल के पास 35 फीट गहरा गड्ढा खोदा गया और लगातार 18 घंटे ऑपरेशन चलाकर नीरू को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया. इस ऑपरेशन में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने एलएनटी, जेसीबी और ट्रैक्टर की मदद से ऑपरेशन चलाया.

मिट्टी में दबने से किसान की हुई मौत : दौसा जिले के मंडावरी गांव में 25 अक्टूबर को खेत में काम करते समय किसान हेमराज गुर्जर बोरवेल में गिर गया. इसकी जानकारी मिलने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. वह करीब 32 फीट गहराई में मिट्टी में दब गया था. जेसीबी से खुदाई कर उसे सुरक्षित बाहर निकालने का प्रयास किया गया, लेकिन उसकी मौत हो गई.

इसे भी पढ़ें - जमीन से 20 फीट नीचे जिंदगी की जंग, दौसा में बोरवेल में गिरी 2 साल की मासूम, 16 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

बाड़मेर जिले की अर्जुन की ढाणी में 20 नवंबर को 4 साल का नवीन बोरवेल में गिर गया था. इसकी जानकारी मिलने पर पुलिस-प्रशासन के साथ ही एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंची. लेकिन तमाम प्रयास के बावजूद उसे जिंदा नहीं निकाला जा सका. कई घंटों की मशक्कत के बाद उसका शव बोरवेल से बाहर निकाला जा सका.

खुले कच्चे बोरवेल में गिरी महिला की मौत : गंगापुर सिटी के रामनगर बैरवा की ढाणी में 100 फीट गहरे कच्चे खुले बोरवेल में गिरने से एक महिला की मौत हो गई. साल की शुरुआत में 7 फरवरी को 25 साल की मोना बैरवा बोरवेल में गिर गई थी. कई दिन तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद उसका शव बाहर निकाला जा सका.

लगातार हादसों के बाद अब चेता प्रशासन : दौसा जिले में लगातार सामने आ रहे बोरवेल हादसों के बाद अब प्रशासन की नींद उड़ी है. दौसा के बहरावखंडा तहसीलदार ने सभी अधीनस्थ कर्मचारियों को पत्र लिखकर उनके क्षेत्र में निजी या सरकारी भूमी पर स्थित खुले बोरवेल और कुओं की जानकारी मांगी है. इसके साथ ही सभी को खुले बोरवेल और कुओं को ढंकने के लिए पाबंद करने के निर्देश भी दिए हैं.

इसे भी पढ़ें - खेत में बने 150 गहरे बोरवेल में गिरा व्यक्ति, 20 फिट नीचे अटका, दम घुटने से मौत

स्टेट डिजास्टर रिलीफ फोर्स (एसडीआरएफ) के कमांडेंट राजेंद्र सिंह सिसोदिया का कहना है कि ऐसी घटनाओं पर प्रभावी कार्रवाई के लिए एसडीआरएफ कंट्रोल रूम जयपुर, 0141-2759903 और मोबाइल नंबर 8764873114 पर सूचना दी जा सकती है. उनका कहना है कि कहीं भी कोई खुला या परित्यक्त बोरवेल या ट्यूबवेल दिखने पर भी हेल्पलाइन पर सूचना दी जा सकती है. इनके फोटो के साथ गांव, तहसील, थाना क्षेत्र और जिले का नाम लिखकर भेजने पर एसडीआरएफ स्थानीय पुलिस प्रशासन से समन्वय स्थापित कर ट्यूबवेल को बंद करवाने की कार्रवाई की जाएगी.

जयपुर : 2024 जाते-जाते दौसा के कालीखाड़ गांव के किसान जगदीश मीना को जिंदगीभर का गम दे गया. उनका पांच साल का बेटा आर्यन खेत में बने पुराने बोरवेल में गिर गया. बेटा 150 फीट गहरे बोरवेल में गिरा तो माता-पिता और परिजनों की सांसें अटक गई. तमाम जद्दोजहद के बाद आखिरकार 57 घंटे बाद उसे बोरवेल से बाहर तो निकाला गया, लेकिन तब तक उसकी सांसें थम चुकी थी. इस तरह का यह अकेला मामला नहीं है. इससे पहले दौसा के ही मंडावरी गांव में 44 साल के किसान हेमराज गुर्जर की भी बोरवेल में गिरने से मौत हो गई थी. जबकि दौसा के जोधपुरिया गांव में दो साल की बच्ची नीरू भी बोरवेल में गिर गई थी, जिसे सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था. इसके अलावा प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी खुले बोरवेल हादसों का कारण बने हैं. वहीं, कोटपुतली में तीन साल की मासूम चेतना खेलते समय खुले बोरवेल में गिर गई.

तीन साल पहले खोदा था बोरवेल, मोटर फंसने से बंद : घर के पास जो बोरवेल पांच साल के आर्यन के लिए काल बना. वह तीन साल पहले खोदा गया था, लेकिन मोटर फंसने से बंद पड़ा था. इस बीच 9 दिसंबर को खेलते समय आर्यन बोरवेल में गिर गया. करीब 57 घंटे तक उसे सुरक्षित बाहर निकालने के तमाम प्रयास किए गए. एनडीआरएफ के साथ ही एसडीआरएफ के जवान भी जुटे और पुलिस-प्रशासन के आलाधिकारी भी मौके पर रहे. आखिरकार बुधवार रात को उसे बाहर निकालने में सफलता मिली, लेकिन तब तक उसकी सांसों की डोर टूट चुकी थी.

एसडीआरएफ कमांडेंट राजेंद्र सिंह सिसोदिया (ETV Bharat Jaipur)

इसे भी पढ़ें - मॉर्डन टेक्निक-देसी जुगाड़ सब फेल, लाख मशक्कत के बाद भी आर्यन को नहीं बचा पाई रेस्क्यू टीम

मिट्टी ढहने से बोरवेल में गिरे किसान की मौत : दौसा जिले के राणौली गांव में मिट्टी ढहने से 45 वर्षीय किसान रामनिवास मीना बोरवेल में गिर गया. इससे उसकी मौत हो गई. यह घटना 28 अगस्त की है. दरअसल, बोरवेल खुदाई का काम पूरा होने के बाद उसमें पाइप डालने का काम चल रहा था. इस दौरान मिट्टी ढहने से किसान रामनिवास बोरवेल में गिर गया. तमाम प्रयासों के बाद उसे निकाला गया. लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई थी.

दो साल की नीरू को किया सुरक्षित रेस्क्यू : दौसा जिले में बांदीकुई के जोधपुरिया गांव में दो साल की बच्ची नीरू 18 सितंबर को खेलते-खेलते बोरवेल में गिर गई. यह बोरवेल 600 फीट गहरा था. जबकि करीब 35 फीट पर नीरू अटक गई. बोरवेल के पास 35 फीट गहरा गड्ढा खोदा गया और लगातार 18 घंटे ऑपरेशन चलाकर नीरू को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया. इस ऑपरेशन में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने एलएनटी, जेसीबी और ट्रैक्टर की मदद से ऑपरेशन चलाया.

मिट्टी में दबने से किसान की हुई मौत : दौसा जिले के मंडावरी गांव में 25 अक्टूबर को खेत में काम करते समय किसान हेमराज गुर्जर बोरवेल में गिर गया. इसकी जानकारी मिलने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. वह करीब 32 फीट गहराई में मिट्टी में दब गया था. जेसीबी से खुदाई कर उसे सुरक्षित बाहर निकालने का प्रयास किया गया, लेकिन उसकी मौत हो गई.

इसे भी पढ़ें - जमीन से 20 फीट नीचे जिंदगी की जंग, दौसा में बोरवेल में गिरी 2 साल की मासूम, 16 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

बाड़मेर जिले की अर्जुन की ढाणी में 20 नवंबर को 4 साल का नवीन बोरवेल में गिर गया था. इसकी जानकारी मिलने पर पुलिस-प्रशासन के साथ ही एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंची. लेकिन तमाम प्रयास के बावजूद उसे जिंदा नहीं निकाला जा सका. कई घंटों की मशक्कत के बाद उसका शव बोरवेल से बाहर निकाला जा सका.

खुले कच्चे बोरवेल में गिरी महिला की मौत : गंगापुर सिटी के रामनगर बैरवा की ढाणी में 100 फीट गहरे कच्चे खुले बोरवेल में गिरने से एक महिला की मौत हो गई. साल की शुरुआत में 7 फरवरी को 25 साल की मोना बैरवा बोरवेल में गिर गई थी. कई दिन तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद उसका शव बाहर निकाला जा सका.

लगातार हादसों के बाद अब चेता प्रशासन : दौसा जिले में लगातार सामने आ रहे बोरवेल हादसों के बाद अब प्रशासन की नींद उड़ी है. दौसा के बहरावखंडा तहसीलदार ने सभी अधीनस्थ कर्मचारियों को पत्र लिखकर उनके क्षेत्र में निजी या सरकारी भूमी पर स्थित खुले बोरवेल और कुओं की जानकारी मांगी है. इसके साथ ही सभी को खुले बोरवेल और कुओं को ढंकने के लिए पाबंद करने के निर्देश भी दिए हैं.

इसे भी पढ़ें - खेत में बने 150 गहरे बोरवेल में गिरा व्यक्ति, 20 फिट नीचे अटका, दम घुटने से मौत

स्टेट डिजास्टर रिलीफ फोर्स (एसडीआरएफ) के कमांडेंट राजेंद्र सिंह सिसोदिया का कहना है कि ऐसी घटनाओं पर प्रभावी कार्रवाई के लिए एसडीआरएफ कंट्रोल रूम जयपुर, 0141-2759903 और मोबाइल नंबर 8764873114 पर सूचना दी जा सकती है. उनका कहना है कि कहीं भी कोई खुला या परित्यक्त बोरवेल या ट्यूबवेल दिखने पर भी हेल्पलाइन पर सूचना दी जा सकती है. इनके फोटो के साथ गांव, तहसील, थाना क्षेत्र और जिले का नाम लिखकर भेजने पर एसडीआरएफ स्थानीय पुलिस प्रशासन से समन्वय स्थापित कर ट्यूबवेल को बंद करवाने की कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Dec 23, 2024, 4:47 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.