कोटा. जिले से ताल्लुक रखने वाली बॉलीवुड की मशहूर प्लेबैक सिंगर रेखा राव सोमवार को कोटा आई. यहां उन्होंने अपने चार नए गानों को रिलीज किया है. इन गानों की लॉन्चिंग के मौके पर उन्होंने कहा कि 15 गाने अभी उनके शूट हुए हैं. ये आने वाले दिनों में लॉन्च किए जाएंगे. वहीं, उन्होंने कहा कि वो कभी भी अश्लील और फूहड़ गानों को नहीं गाती हैं. उनके हर गाने में सादगी रहती है.
गा चुकी हैं 4000 से ज्यादा गीत : रेखा राव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बीते कई सालों में उन्होंने काफी सारे भजन गए हैं. इसके अलावा एकता कपूर से लेकर कई सीरियल में भी उन्होंने टाइटल ट्रैक गए हैं. बता दें कि रेखा राव पहले लोकगीत व राजस्थानी गीतों को गाकर मशहूर हुई थीं. उसके बाद उन्हें बॉलीवुड, हरियाणवी, भोजपुरी सहित राजस्थानी में कई एल्बम और फिल्मों में गाने का मौका मिला है. अब तक वो 4000 से ज्यादा गीत गा चुकी हैं.
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राजस्थानी अपनी ही भाषा की एल्बम में नहीं कर रहे फंडिंग : राजस्थानी गीत ज्यादा मशहूर नहीं होने से जुड़े सवाल पर रेखा ने कहा कि यहां काफी कम बजट में गानों को फिल्माया जाता है. इसलिए वो अट्रैक्ट नहीं करते हैं, जबकि पंजाबी या हरियाणवी गीत में काफी पैसा खर्च किया जाता है. भारत के बड़े शहरों में उनकी शूटिंग की जाती है. इसके अलावा विदेशों में भी जाकर उनको शूट किया जाता है. यही वजह है कि वे गाने लोगों को काफी अट्रैक्ट करते हैं. उन्होंने कहा कि यहां के गानों को राजस्थानी लोग ही फंडिंग करते हैं.
टच का मोबाइल और छोटी डट जा मचा रहे धूम : रेखा राव ने कहा कि उनकी हाल ही में रिलीज हुए चार गानों में 'पीली लुगड़ी, छोरी गुर्जर की, टच को मोबाइल और छोरी डट जा' शामिल है. ये बड़े प्लेटफार्म पर धूम मचा रहे हैं. पीली लुगड़ी गीत में हरियाणा के सुपरस्टार कुलदीप कौशिक ने अपनी भूमिका निभाई है. वहीं, टच को मोबाइल में प्रिया गुप्ता व पीली लुगड़ी में दीपिका खांडल ने भी अपनी अदाकारी के जलवे बिखरे हैं. पीली लूगड़ी में गायिका रेखा राव व डीसी मदाना, गीतकार रामनारायण मीणा हलधर, संगीत अश्वनी पंवार, निर्देशन मसुधाकर ने किया है. रेखा राव ने बताया इसे सोशल मीडिया पर बेहद ही पसंद किया जा रहा है, लाखों लोग इसे अब तक देख चुके हैं.
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कोटा में जन्मी यही पढ़ी-लिखी : रेखा राव का जन्म और पालन-पोषण कोटा में हुआ. उन्होंने बूंदी से गायन में एमए किया, उनके पहले गुरु तेजकरण राव थे, जिन्होंने 3 साल की उम्र में उन्हें प्रशिक्षण देना शुरू किया था. वर्ष 1989 में उन्होंने अपने पिता के साथ पहली बार पार्श्वगायन किया और वर्ष 2000 में वह अपनी गायिका क्षमता को निखारने के लिए मुंबई आ गईं. वह मुंबई, महाराष्ट्र की एक पार्श्व गायिका हैं और फिल्मों के लोकप्रिय गीत को वह अपनी आवाज दे चुकी हैं. भेजा फ्राई 2 का बंजारा ओ..., रविकिशन की फिल्म चितकबरे में एक कव्वाली, भोजपुरी सुपरहिट फिल्म देसवा का सैंया भये लड़कइयां...शामिल हैं.