आगरा: ताजनगरी के शाहगंज इलाके के ऋषि मार्ग पर बंद मकान में भू-वैज्ञानिक राजीव माथुर का शव मिला है. माथुर 25 साल पहले पत्नी से तलाक के बाद कनाडा से भारत आए थे. उसके बाद से अमेरिका में रह रहीं पत्नी और दो बेटों ने उनसे संपर्क नहीं किया. वे मकान में अकेले ही रह रहे थे. पड़ोसियों से भी ज्यादा बातचीत नहीं करते थे. किताबों मेंं ही खोए रहते थे. इसीलिए पड़ोसी उन्हें लेखक समझते थे. पुलिस ने भू-वैज्ञानिक राजीव माथुर के भोपाल के एक परिचित के जरिए परिजन से संपर्क करने का प्रयास किया है. उनका शव पोस्टमार्टम हाउस में रखा है. परिजन या परिचित आने का पुलिस इंतजार कर रही है. जिससे उनका अंतिम संस्कार कराया जा सके.
50 साल पहले मुंबई में क्रूड ऑयल खोज करने वाली टीम के थे हिस्सा: बता दें कि, ऋषि मार्ग पर साकेत कॉलोनी निवासी 75 वर्षीय बुजुर्ग वर्षीय भू-वैज्ञानिक राजीव माथुर अपने मकान में अकेले रहते थे. राजीव माथुर 50 साल पहले मुंबई में क्रूड ऑयल की खोज करने वाली टीम का हिस्सा थे. वे मुंबई से विदेश गए थे. काॅलोनी के लोगों ने शाहगंज थाना पुलिस को बताया कि, भू-वैज्ञानिक राजीव माथुर के पिता आरबी माथुर शिक्षक थे. उनकी मां राजकुमार माथुर शिक्षिका थी. दो बहनें हैं. जिसमें एक बहन आस्ट्रेलिया और एक बहन बड़ौदा में रहती है. साल 2000 में पिता और साल 2006 में मां की मौत के बाद राजीव माथुर तनाव में आ गए थे.
कनाडा से नौकरी छोड़कर आए थे माता पिता की सेवा करने: एसीपी लोहामंडी मयंक तिवारी ने बताया कि, भू-वैज्ञानिक राजीव माथुर के बारे में उनके परिचित ने जानकारी दी. जिसके मुताबिक राजीव माथुरा कनाडा में नौकरी करते थे. तभी पत्नी ने तलाक दे दिया था. उनकी पत्नी और दो बेटे अमेरिका में रहते हैं. अपने माता पिता की सेवा करने के लिए करीब 25 साल पहले राजीव माथुर नौकरी छोड़कर आगरा आए. इसके बाद से पत्नी और बेटे उनसे कभी मिलने आगरा नहीं आए.
किरायेदार से हुआ था विवाद: पुलिस ने बताया कि, जांच के दौरान ये बात भी सामने आई कि, राजीव माथुर के मकान में एक किरायेदार भी रहा करता था. उससे भी विवाद हुआ था. जैसे तैसे उन्होंने किरायेदार से घर खाली करवाया था. तभी से वे मकान में अकेले रहते थे.