कोरबा : स्व. बिसाहू दास महंत स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय कोरबा को पहली बार देहदान के जरिए कोई पार्थिव शरीर मिला है. जिले के बरपाली गांव निवासी वरिष्ठ मीडियाकर्मी प्रदीप महतो कोरबा मेडिकल कॉलेज को देहदान करने वाले पहले व्यक्ति बन गए हैं. उन्होंने जीते जी देहदान की इच्छा जताई थी. महतो लंबे समय से ब्लड कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे. उनके निधन के बाद शुक्रवार को महतो के परिजनों ने उनका पार्थिव शरीर कोरबा मेडिकल कॉलेज को सौंपा है.
"सबसे बड़ा दान है देहदान, स्टूडेंट्स को मिलेगी सहायता" : कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डीन डॉ अविनाश मेश्राम ने कहा, देहदान दुनिया का सबसे बड़ा दान होता है. सेवाभावी मीडियाकर्मी प्रदीप महतो ने जो संकल्प लिया था, उसे पूर्ण किया है. इससे मेडिकल कॉलेज कोरबा में अध्यनरत मेडिकल के छात्रों को सहायता मिलेगी.
एक डॉक्टर अपने जीवन में असंख्य मरीजों की चिकित्सा करता है. इसलिए यह बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है, मेडिकल कॉलेज कोरबा में आज पहला देहदाह हुआ है, जिसका फायदा विद्यार्थियों को मिलेगा. वे अपने चिकित्सकीय जीवन में इससे सीख लेकर मरीजों को इसका लाभ पहुंचाएंगे. : डॉ अविनाश मेश्राम, डीन, कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल
सेवाभावी थे महतो, ब्लड कैंसर ने ली जान : वरिष्ठ मीडियाकर्मी प्रदीप महतो सेवाभावी थे. सदैव अन्याय के खिलाफ कमजोरों की आवाज बनने वाले प्रदीप महतो ने गुरुवार को दुनिया को अलविदा कह दिया. वे विगत एक अरसे से ब्लड कैंसर से जूझ रहे थे. उनके निधन के बाद उनकी इच्छानुसार उनका देहदान कोरबा मेडिकल कॉलेज को परिजनों द्वारा किया गया. वो कोरबा मेडिकल कॉलेज की स्थापना के बाद ऐसे पहले कोरबावासी हैं, जिनका पार्थिव देह मेडिकल स्टूडेंट के अध्ययन के काम आयेगा. वह कोरबा के पहले देहदानी है.