जयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुलाबी नगरी जयपुर में रोड शो कर लोकसभा चुनाव का आगाज कर दिया था, लेकिन संगठनात्मक तरीके से मंगलवार से केंद्रीय गृह मंत्री मंत्री अमित शाह तीन संभागों की बैठक कर चुनावी संखनाद करेंगे. बीजेपी विधानसभा की तरह इस बार लोकसभा तैयारियां में भी कांग्रेस से काफी आगे चल रही है. राजस्थान लोकसभा मिशन 25 के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही बीजेपी ने सभी सीटों पर अपना होमवर्क पूरा कर लिया है. टिकट वितरण से लेकर चुनावी सभाओं का रोडमैप तैयार हो गया है. पार्टी सभी 25 सीटों पर जीत तय मान कर चल रही है, लेकिन फिर भी पार्टी की ओर से बने कैटेगरी फॉर्मेट में 7 सीटों को कमजोर मानते हुए अलग से रणनीति बनाई है. खास बात है कि बीजेपी इस बार राजस्थान की 25 में से करीब 15 सीटों पर प्रत्याशी बदलने की तैयारी में है.
कैटेगरी में 7 कमजोर सीटें : राजस्थान से 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 25 में से 25 सीटों पर जीत मिलती हुई आ रही है. हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी नागौर लोकसभा सीट पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से गठबंधन के साथ चुनाव लड़ी थी, लेकिन पार्टी इस बार किसी तरह से गठबंधन के मूड में नहीं है. बीजेपी इस बार 25 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इसको लेकर पार्टी ने अपना पूरा प्लान तैयार कर लिया है. विधानसभा की तर्ज पर भाजपा ने लोकसभा चुनाव में भी कैटेगरी बनाई है, A और B कैटेगरी. A कैटेगरी में पार्टी ने बिल्कुल उन सीटों को शामिल किया है, जो हर तरीके से पार्टी के लिहाज से सेफ है. हालांकि, इन सीटों में से कुछ पर प्रत्याशी बदलने पर विचार चल रहा है.
वहीं, B कैटेगरी में उन सीटों को रखा गया है, जहां पार्टी खुद को कमजोर मान रही है. A कैटेगिरी में जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, झालावाड़-बारां, कोटा, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, अजमेर, पाली, जोधपुर, जालोर, बीकानेर, उदयपुर, सीकर, डूंगरपुर-बांसवाड़ा, गंगानगर-हनुमानगढ़, झुंझुनू, चूरू और राजसमंद हैं. वहीं, B कैटेगरी में करौली-धौलपुर, दौसा, भरतपुर, टोंक-सवाई माधोपुर, बाड़मेर, अलवर, नागौर शामिल हैं.
इन सीटों पर चेहरा बदलने की तैयारी : इस बार राजस्थान की 25 में से करीब 15 सीटों पर प्रत्याशी बदलने की तैयारी है. पार्टी ने सभी 25 सीटों पर जीत का प्लान बनाया है, लेकिन सात सीटों पर स्थिति कमजोर मानकर पार्टी प्रत्याशी बदलने की तैयारी में है. इनके साथ कुछ सीटें ऐसी भी हैं, जहां पार्टी वैसे तो मजबूत है, लेकिन प्रत्याशी का चेहरा बदलना है. इसमें से 6 सीटों पर वो सांसद हैं, जो विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. बाकी जगह पार्टी चेहरा बदलने पर विचार कर रही है. पार्टी सूत्रों की मानें तो इस बार लोकसभा चुनाव में जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, राजसमंद, झुंझुनू, जालोर-सिरोही, अजमेर, टोंक-सवाई माधोपुर, दौसा, अलवर, करौली-धौलपुर, उदयपुर, डूंगरपुर-बांसवाड़ा, गंगानगर-हनुमानगढ़, भीलवाड़ा ये वो सीटें हैं, जहां प्रत्याशी बदला जा सकता है.
4 सांसद बन चुके हैं विधायक : बता दें कि पार्टी ने विधानसभा चुनाव में 6 लोकसभा और एक राज्यसभा सांसद को टिकट दिया था. इसमें दीया कुमारी, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और बाबा बालकनाथ को जीत मिली थी. राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी विजयी हुए. वहीं, भागीरथ चौधरी, देवजी पटेल और नरेंद्र कुमारी खींचड़ को हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद से ये माना जा रहा है कि पार्टी शायद ही इन्हें फिर से लोकसभा के मैदान में उतारे.
इसके अलावा बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट को बीजेपी पहले कमजोर मान रही है. हाल ही कांग्रेस के दिग्गज आदिवासी नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे महेंद्रजीत सिंह मालवीय के भाजपा में शामिल होने के बाद चर्चा है कि पार्टी मालवीय को बांसवाड़ा से चुनाव लड़ा सकती है. इससे राजस्थान की उदयपुर सीट के साथ पड़ोसी आदिवासी राज्यों की सीटों ओर भी पार्टी को लाभ मिल सकेगा.