इंदौर। इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम द्वारा नामांकन वापस लेने के बाद बीजेपी ज्वाइन करने से जहां कांग्रेस सकते में है तो वहीं, बीजेपी ने गुजरात के सूरत की तरह इंदौर का चुनाव निर्विरोध कराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया. कांग्रेस प्रत्याशी ने भले ही अपना नामांकन ऐन टाइम पर वापस ले लिया लेकिन निर्दलीय मैदान में डेरा डाले हैं. इससे बीजेपी का सूरत जैसा प्लान इंदौर में फेल हो गया.
जनहित पार्टी के अभय जैन जुटे जनसंपर्क में
जनहित पार्टी के अभय जैन लगातार शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जनसंपर्क कर रहे हैं. बीजेपी नेताओं ने अभय जैन पर नामांकन वापस लेने का दबाव डाला लेकिन उन पर कोई असर नहीं पड़ा. अभय जैन इंदौर लोकसभा सीट से चुनाव में ताल ठोक रहे हैं. उन्होंने तमाम मुद्दों पर मीडिया से चर्चा की. अभय जैन ने कहा "उन्हें भी प्रलोभन आया था. उनके समर्थकों को मुख्यमंत्री से मंच पर स्वागत करने का भी आश्वासन दिया था लेकिन उनके कार्यकर्ता उनके साथ हैं और इसी कारण से आज वह मैदान में हैं. अभय जैन ने कहा कि जो हो रहा है वह गलत है. लोकतांत्रिक देश है. सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है." उन्होंने बीजेपी की तुलना इंदिरा गांधी के समय की कांग्रेस से की.
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बीजेपी की एकतरफा जीत की संभावना बढ़ी
बता दें कि कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम ने एक दिन पहले नामांकन वापस लेकर बीजेपी का दामन थाम लिया. इसके बाद दो निर्दलियों को लेकर बीजेपी विधायक गोलू शुक्ला अपनी कार में घुमाते रहे. बीजेपी का प्लान ये था कि सूरत की तरह इंदौर में भी कहानी दोहराई जाए. लेकिन निर्दलीय प्रत्याशियों ने बीजेपी के प्रलोभन व दबाव के आगे झुकने से साफ इंकार कर दिया. यहां मैदान में 14 निर्दलीय उम्मीदवार हैं. हालांकि बीजेपी के सामने अब कोई मजबूत पार्टी या प्रत्याशी नहीं बचा है.