बोकारो: धनबाद के सांसद ढुल्लू महतो बोकारो जिला प्रशासन के अधिकारियों के विरूद्ध विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाएंगे. इसकी जानकारी ढुल्लू महतो ने दी है. उन्होंने कहा कि बोकारो एसपी अपराधियों और माफियाओं को संरक्षण दे रहे हैं. उनको बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद किसी प्रकार की कार्रवाई उनके स्तर से नहीं की जा रही है.
बीजेपी सांसद ढुल्लू महतो ने हाल में ही बोकारो से बरामद हुए अत्याधुनिक और विदेशी हथियारों के जखीरा मामले में भी कार्रवाई सुस्त हो रही है. अभी तक इस मामले में संलिप्त अपराधी गिरफ्तार नहीं हो सके हैं. एसपी पूज्य प्रकाश पार्टी विशेष और नेता विशेष के लिए कार्य कर रहे हैं. ढुल्लू महतो ने कहा कि बोकारो के कई व्यवसायियों की सुरक्षा हटा ली गई है. उन्होंने बेरमो विधायक की सुरक्षा को लेकर भी जिला प्रशासन और राज्य सरकार को घेरा और उसे बेकार का खर्च बता दिया.
एनआईए सीबीआई से जांच कराने की मांग
धनबाद सांसद ने कहा कि एके 47 सहित अन्य विदेशी अत्याधुनिक हथियार बरामदगी मामले की जांच आवश्यक है. एनआईए और सीबीआई जैसी बड़ी एजेंसी से जांच हो ताकि यह पता चल सके की इसके पीछे कौन है. कोई नेता या किसी अधिकारी के शामिल होने से इंकार नहीं किया जा सकता है.
क्या है विशेषाधिकार और कैसे बनती है समिति?
संविधान ने संसद और उसके सभी सदस्यों को व्यक्तिगत स्तर पर कई अधिकार दिए हैं. इसके पीछे संविधान निर्माताओं का मकसद था कि संसद और सांसदों को अपने कर्तव्यों का पालन करने में कोई बाधा नहीं आए. इन अधिकारों का मूल भाव संसद की गरिमा, स्वतंत्रता और स्वायत्तता की रक्षा रखना है. संसद के अधिकार काफी व्यापक हैं.
फिलहाल व्यक्तिगत विशेषाधिकारों पर बात करते हैं. विशेषाधिकार हनन कब होता है, इसके बारे में कोई निश्चित नियम नहीं है, कोई भी ऐसी कार्रवाई जो संसद या उसके किसी सदस्य को अपना कर्तव्य निभाने से रोके या इसके चलते कर्तव्य निभाने में बाधा आए विशेषाधिकार हनन के तहत आता है. लोकसभा स्पीकर 15 सदस्यों की विशेषाधिकार समिति का गठन करते हैं. यही कमेटी जांच करती है कि विशेषाधिकार हनन हुआ है या नहीं.
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