जयपुर. लोकसभा चुनाव से पहले किसानों को साधने के लिए अब भाजपा 'ग्राम परिक्रमा यात्रा' शुरू करने जा रही है. इस देशव्यापी मुहिम का आगाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले से करेंगे. एक महीने में प्रदेश के करीब 15 हजार गांव-वार्डों में यह यात्रा जाएगी. राजस्थान में इस यात्रा को सफल बनाने के लिए भाजपा किसान मोर्चा को जिम्मा दिया गया है, जिसके तहत किसान मोर्चा ने प्रदेश और जिला स्तर पर कमेटियों का गठन कर दिया है. भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री रामनरेश तिवारी ने रविवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी है.
रामनरेश तिवारी ने बताया कि भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष भागीरथ चौधरी को प्रदेश समिति का संयोजक बनाया गया है, जबकि महामंत्री ओपी यादव, प्रदेश उपाध्यक्ष खीमाराम चौधरी व गणपत सिंह राठौड़ को सदस्य बनाया गया है. प्रदेश मीडिया प्रभारी राजेश ढाका और सोशल मीडिया प्रभारी गुरजंट सिंह धालीवाल को भी समिति में शामिल किया गया है.
गाय, हल, ट्रैक्टर की पूजा से होगा आगाज : रामनरेश तिवारी ने बताया कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा उत्तर प्रदेश के शुक्रताल गांव से यात्रा का आगाज करेंगे. इसके साथ ही राजस्थान के संगठनात्मक 44 जिलों से भी इस यात्रा का शुभारंभ किया जाएगा. जहां गाय, हल, ट्रैक्टर और अन्य कृषि यंत्रों की पूजा से कार्यक्रम का शुभारंभ होगा. इस यात्रा में ग्रामीणों और किसानों से चर्चा कर लोकसभा चुनाव के संकल्प पत्र के लिए सुझाव भी लिए जाएंगे.
धरना-प्रदर्शन करने वाले किसान नहीं हो सकते : मोदी सरकार की नीतियों पर किसानों के विरोध के सवाल पर राम नरेश तिवारी ने कहा कि प्रोटेस्ट करने वाले किसान नहीं हो सकते हैं. किसानों के पास खेत छोड़कर जाने के लिए समय नहीं है. इसके अलावा किसानों की ज्यादातर मांगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर दी है. उन्होंने किसी के दबाव में नहीं बल्कि स्वेच्छा से ये काम किए हैं. पहले और अब की एमएसपी में अंतर आया है.
गांवों में देवी-देवताओं के स्थान पर होगा श्रमदान : किसान मोर्चा के अध्यक्ष भागीरथ चौधरी के अनुसार, इस यात्रा में किसानों को मोदी सरकार द्वारा किसान और कृषि क्षेत्र के उत्थान के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी जाएगी. गांव में जब यात्रा जाएगी तो स्थानीय देवी-देवताओं के स्थानों पर जाकर सफाई अभियान भी चलाया जाएगा और श्रमदान किया जाएगा. इसके साथ ही जल संरक्षण, डिजीटल भुगतान, स्वच्छता अभियान, वोकल फॉर लोकल, घरेलू पर्यटन, जैविक खेती और मिलेट्स को लेकर भी किसानों व ग्रामीणों को जागरूक किया जाएगा.