पटनाः शिक्षा में सुधार के लिए सरकार भले ही लाख दावे करती हो, लेकिन आज भी ग्रामीण स्तर के स्कूलों में पठन-पाठन काफी बदहाल है. स्कूलों में शिक्षा विभाग की ओर से मध्याह्न भोजन की व्यवस्था की गई है. बच्चों को लंच में भोजन देना होता है, लेकिन धनरूआ प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय फुलपुर में पिछले कई दिनों से बच्चों को मध्याह्न भोजन में बिस्कुट का एक छोटा पैकेट दिया जा रहा है. यह स्थिति सरकारी व्यवस्था और उनकी प्राथमिकताओं पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है.
क्या है मामलाः धनरूआ प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय फुलपुर के प्रधानाध्यापक चिंटू कुमार ने बताया कि पिछले कई दिनों से चापाकल खराब है. पानी नहीं है जिस वजह से मध्याह्न भोजन बन नहीं रहा है. मध्याह्न भोजन के बदले बिस्कुट का पैकेट दिया जा रहा है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि, क्या बिस्कुट के एक छोटे पैकेट से किसी बच्चे का पेट भर सकता है. अभिभावकों का कहना है कि सुबह 9:00 अपने-अपने घरों से बच्चे स्कूल पढ़ने आते हैं. दोपहर में उसे लंच में बिस्कुट दिया जा रहा है.
"मध्याह्न भोजन में बच्चों को बिस्किट देना गलत है. किसी भी प्रकार से पानी की व्यवस्था कर मध्याह्न भोजन बनाना चाहिए था. मामले की जांच करायी जाएगी, वैसे शिक्षकों पर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी."- नवल किशोर सिंह, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, धनरूआ
क्या कहा छात्रों नेः छात्रा सोनल कुमारी ने बताया कि पिछले कई दिनों से हम लोग को मध्याह्न भोजन में बिस्कुट दिया जा रहा है. खाने में अच्छा भी नहीं लग रहा है. आकाश कुमार नामक छात्र ने बताया कि उनलोगों को चाय में खाने वाली बिस्किट खाने में दी जा रही है. उसने बताया कि वे लोग बिस्किट नहीं ले रहे थे, लेकिन जबरदस्ती दे दिया गया. आकाश ने बताया कि उन लोगों को बहुत जोर से भूख लग जाती है. स्वीटी कुमारी, निशा कुमारी, पूजा भी बिस्किट देने को लेकर गुस्से में थी.
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