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'सीएम नीतीश शिक्षा विभाग के आदेश को करें निरस्त', स्कूलों के समय में बदलाव पर बिफरा शिक्षक संघ - Bihar School Time Change Issue

Bihar School Time Change issue: बिहार के शिक्षक संघ ने गर्मी में स्कूलों के टाइम टेबल में बदलाव पर सीएम नीतीश को चिट्ठी लिखकर शिक्षा विभाग के आदेश को रद्द करने की मांग की है. पूर्व सांसद और शिक्षक नेता शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने शिक्षा विभाग के इस रवैये को अलोकतांत्रिक करार किया है. पढ़ें पूरी खबर-

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 16, 2024, 7:58 PM IST

पटना : बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव व पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है. पत्र के माध्यम से सरकारी विद्यालयों के मॉर्निंग शिफ्ट संचालन के समय को परिवर्तित करने की अपील की है. पत्र में उन्होंने मुख्यमंत्री को कहा है कि शिक्षा विभाग के घोर अलोकतांत्रिक, अमानवीय तथा तानाशाही रवैये से शिक्षक और बच्चों की जान खतरे में है.

'शिक्षा विभाग का रवैया अलोकतांत्रिक' : पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने शिक्षा विभाग के असंवेदनशील, अव्यवहारिक और मुख्यमंत्री को भी कलंकित करने वाले आदेश को तुरंत निरस्त करने की अपील की है. साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उन्होंने कहा है कि शिक्षा विभाग आपको भी शारीरिक, मानसिक और राजनीतिक रूप से स्वस्थ नहीं होने देने का संकल्प ले रखा है.

पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने लिखी चिट्ठी
पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने लिखी चिट्ठी (ETV Bharat)

''16 मई से लाखों-लाख बच्चों एवं शिक्षकों को 90 प्रतिशत उपस्थिति की गारंटी खाली पेट करने और 12 बजे दोपहरिया में जब तापमान 45 डिग्री रहेगा तब बच्चों को घर जाने के लिए मजबूर करेगा. शिक्षकों को खाली पेट 1:30 बजे घर लौटाया जा रहा है. मुजफ्फरपुर के शिक्षक अविनाश कुमार लू लगने के कारण इस दुनिया से विदा हो गए. कई सुकुमार बच्चे काल-कवलित हो गए, लेकिन विभाग बेपरवाह है.''- शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, महासचिव बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ

छुट्टी को लेकर भी उठाए सवाल : प्राथमिक से विश्वविद्यालय स्तर तक के शिक्षकों की सेवा वेकेशनल होती है एवं अन्य सरकारी सेवकों की सेवा ननवेकेशनल है. शिक्षकों को इसीलिए 14 दिनों का ही अर्जित अवकाश मिलता है और अन्य सरकारी कर्मियों को 33 दिनों का. अभी तक इसके संबंध में विभागीय आदेश नहीं निकाला गया है. आपके आदेश के बावजूद दिवाकालीन विद्यालय संचालित नहीं हुए.

पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने लिखी चिट्ठी
पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने लिखी चिट्ठी (ETV Bharat)

पेंशन रोकना जिंदगी बीमार कर्मचारी की जान से खिलवाड़ : विधान मंडल की घोषणा मात्र सभा भवन की दीवारों तक ही गूंजती रही. शिक्षा विभाग के कान तक जू नहीं रेंगी. साथ ही, विश्वविद्यालय शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारी जो सेवानिवृत्त और बीमार हैं उनके पेंशन को बंद कर देना, उनकी जिन्दगी के साथ खिलवाड़ है. शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह बताया है कि शिक्षामंत्री एवं संभवतः आपके द्वारा भी 6 बजे से विद्यालय संचालन की अनुमति नहीं दी गई होगी.

''6 बजे बच्चों के मां-बाप को जागना और उनके लिए नाश्ता तैयार करना और जो शिक्षक कोसों दूर विद्यालय जायेंगे उन्हें भी बिना नाश्ता किये ही विद्यालय पहुंचना होगा. आपदा प्रबंधन विभाग ने मौसम वैज्ञानिकों के आधार पर बिहार में ‘येलो अलर्ट’ की चेतावनी दी है. इसके बावजूद बच्चों को 12 बजे दोपहरिया में घर भेजने और शिक्षकों को 1:30 बजे घर भेजने का इस अव्यवहारिक, अवैज्ञानिक, बिना दूरगामी परिणाम सोचे आदेश को मानवीय संवेदनशीलता के साथ स्थगित करने पर ही आपका भी शारीरिक, मानसिक और राजनीतिक लाभ होगा.''- शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, महासचिव बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ

'मुख्यमंत्री आदेश निरस्त करें' : शत्रुघ्न प्रसाद ने मुख्यमंत्री को कहा है कि शिक्षा विभाग आपको भारी नुकसान पहुंचा चुका है. इसलिए आवश्यक है कि आप शिक्षा विभाग के ऐसे असंवेदनशील, अव्यवहारिक और आपको भी कलंकित करने वाले आदेश को तुरंत निरस्त कर दें. साथ ही तिरहुत शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के विधान परिषद् सदस्य प्रो. संजय कुमार सिंह ने भी कहा है कि शिक्षा विभाग विधान मंडल से मुख्यमंत्री की घोषणा को एवं राजभवन से माननीय उच्च न्यायालय तक के फैसलों को नहीं मानकर मुख्यमंत्री, राजभवन एवं माननीय उच्च न्यायालय के प्रति घोर अवमानना कर रहा है. इसलिए बिहार के बच्चों और शिक्षकों के व्यापक हित में मुख्यमंत्री शीघ्र शिक्षा विभाग के आदेश को निरस्त करें.

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पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने लिखी चिट्ठी
पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने लिखी चिट्ठी (ETV Bharat)

''16 मई से लाखों-लाख बच्चों एवं शिक्षकों को 90 प्रतिशत उपस्थिति की गारंटी खाली पेट करने और 12 बजे दोपहरिया में जब तापमान 45 डिग्री रहेगा तब बच्चों को घर जाने के लिए मजबूर करेगा. शिक्षकों को खाली पेट 1:30 बजे घर लौटाया जा रहा है. मुजफ्फरपुर के शिक्षक अविनाश कुमार लू लगने के कारण इस दुनिया से विदा हो गए. कई सुकुमार बच्चे काल-कवलित हो गए, लेकिन विभाग बेपरवाह है.''- शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, महासचिव बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ

छुट्टी को लेकर भी उठाए सवाल : प्राथमिक से विश्वविद्यालय स्तर तक के शिक्षकों की सेवा वेकेशनल होती है एवं अन्य सरकारी सेवकों की सेवा ननवेकेशनल है. शिक्षकों को इसीलिए 14 दिनों का ही अर्जित अवकाश मिलता है और अन्य सरकारी कर्मियों को 33 दिनों का. अभी तक इसके संबंध में विभागीय आदेश नहीं निकाला गया है. आपके आदेश के बावजूद दिवाकालीन विद्यालय संचालित नहीं हुए.

पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने लिखी चिट्ठी
पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने लिखी चिट्ठी (ETV Bharat)

पेंशन रोकना जिंदगी बीमार कर्मचारी की जान से खिलवाड़ : विधान मंडल की घोषणा मात्र सभा भवन की दीवारों तक ही गूंजती रही. शिक्षा विभाग के कान तक जू नहीं रेंगी. साथ ही, विश्वविद्यालय शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारी जो सेवानिवृत्त और बीमार हैं उनके पेंशन को बंद कर देना, उनकी जिन्दगी के साथ खिलवाड़ है. शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह बताया है कि शिक्षामंत्री एवं संभवतः आपके द्वारा भी 6 बजे से विद्यालय संचालन की अनुमति नहीं दी गई होगी.

''6 बजे बच्चों के मां-बाप को जागना और उनके लिए नाश्ता तैयार करना और जो शिक्षक कोसों दूर विद्यालय जायेंगे उन्हें भी बिना नाश्ता किये ही विद्यालय पहुंचना होगा. आपदा प्रबंधन विभाग ने मौसम वैज्ञानिकों के आधार पर बिहार में ‘येलो अलर्ट’ की चेतावनी दी है. इसके बावजूद बच्चों को 12 बजे दोपहरिया में घर भेजने और शिक्षकों को 1:30 बजे घर भेजने का इस अव्यवहारिक, अवैज्ञानिक, बिना दूरगामी परिणाम सोचे आदेश को मानवीय संवेदनशीलता के साथ स्थगित करने पर ही आपका भी शारीरिक, मानसिक और राजनीतिक लाभ होगा.''- शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, महासचिव बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ

'मुख्यमंत्री आदेश निरस्त करें' : शत्रुघ्न प्रसाद ने मुख्यमंत्री को कहा है कि शिक्षा विभाग आपको भारी नुकसान पहुंचा चुका है. इसलिए आवश्यक है कि आप शिक्षा विभाग के ऐसे असंवेदनशील, अव्यवहारिक और आपको भी कलंकित करने वाले आदेश को तुरंत निरस्त कर दें. साथ ही तिरहुत शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के विधान परिषद् सदस्य प्रो. संजय कुमार सिंह ने भी कहा है कि शिक्षा विभाग विधान मंडल से मुख्यमंत्री की घोषणा को एवं राजभवन से माननीय उच्च न्यायालय तक के फैसलों को नहीं मानकर मुख्यमंत्री, राजभवन एवं माननीय उच्च न्यायालय के प्रति घोर अवमानना कर रहा है. इसलिए बिहार के बच्चों और शिक्षकों के व्यापक हित में मुख्यमंत्री शीघ्र शिक्षा विभाग के आदेश को निरस्त करें.

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