सुपौल : बिहार में इन दिनों एक चर्चा जोरों पर है, वह है सक्षमता परीक्षा. नियोजित शिक्षकों को बिहार में राज्यकर्मी का दर्जा मिले इसको लेकर सरकार ने इसके आयोजन करने का फैसला किया है. हालांकि इसका जोरदार विरोध किया जा रहा है. इसी कड़ी में सुपौल में प्रदर्शन किया गया. शिक्षकों ने सरकार के विरोध और शिक्षकों के हित में नारे भी लगाये.
एडमिट कार्ड जलकर शिक्षकों का प्रदर्शन : विभागीय निर्देश पर सक्षमता परीक्षा का फॉर्म भरने वाले शिक्षकों ने शनिवार को छातापुर बीआरसी पहुंच कर सक्षमता परीक्षा पर विरोध किया. शिक्षक एकता मंच के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष सह सुपौल जिलाध्यक्ष पंकज कुमार सिंह की मौजूदगी में शिक्षकों ने सक्षमता परीक्षा का बहिष्कार किया. इस दौरान प्रथम परीक्षा का फॉर्म भर चुके कई शिक्षकों ने अपने-अपने एडमिट कार्ड को आग के हवाले कर आक्रोश का इजहार किया.
''सरकार बार-बार शिक्षकों को विभिन्न प्रकार से मानसिक यातनाएं दे रही है. बिहार शिक्षक एकता मंच सक्षमता परीक्षा का पूरी तरह से बहिष्कार करता है. सरकार को बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा देना होगा. अन्यथा एकता मंच अपने संघर्ष की बदौलत राज्यकर्मी का दर्जा हासिल करेगा.''- पंकज कुमार सिंह, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष, शिक्षक एकता मंच
'शिक्षा विभाग के अव्यवहारिक फरमानों से आक्रोश' : पंकज कुमार सिंह ने कहा कि कुछ शिक्षकों ने मानसिक दबाव या किसी के बहकावे में आकर प्रथम परीक्षा का फॉर्म भर दिया था. अब वैसे शिक्षक परीक्षा का एडमिट कार्ड जलाकर विरोध जता रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐच्छिक स्थानांतरण की मांग भी वर्षों से लंबित है. सरकार ने उसको लागू नहीं कर उल्टे ट्रांसफर पोस्टिंग का फरमान जारी कर दिया है. पूरे बिहार में शिक्षकों के बीच शिक्षा विभाग के अव्यवहारिक फरमानों को लेकर भारी आक्रोश है.
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