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बिहार विधानसभा में CAG की रिपोर्ट पेशः अधिकारियों की लापरवाही की खुली पोल, 44 हजार 823 करोड़ का राजकोषीय घाटा - bihar Monsoon session

Bihar CAG Report बिहार विधानसभा में गुरुवार को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (Comptroller and Auditor General) की रिपोर्ट पेश की गयी. इसमें वित्तीय गड़बड़ी का मामला सामने आया है. कैग ने अपनी रिपोर्ट में राजकोषीय घाटा 44 हजार 823 करोड़ होने की बात कही है, तो वहीं 87 हजार 947 करोड़ का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं मिला है. पढ़ें, विस्तार से.

CAG की रिपोर्ट
CAG की रिपोर्ट (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 25, 2024, 3:33 PM IST

विधानसभा में CAG की रिपोर्ट पेश. (ETV Bharat)

पटना: बिहार विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है. आज गुरुवार 25 जुलाई को उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने 31 मार्च 2023 समाप्त हुए वर्ष का कैग रिपोर्ट पेश की. कैग ने अपनी रिपोर्ट में बिहार का राजकोषीय घाटा 2018- 19 में 13806.76 करोड़ था जो जीएसडीपी (सकल राज्य घरेलू उत्पाद) का 2.62% है 2022-23 में बढ़कर 44823.30 करोड़ और जीएसडीपी का 5.97% हो गया इसका जिक्र किया है. कैग ने 31 मार्च 2023 तक 87947.8 करोड़ के 41755 उपयोगिता प्रमाण नहीं मिलने की बात भी कही है.

कितना राजस्व संग्रहण हुआः महालेखा परीक्षक ने रिपोर्ट में यह भी कहा है 31 मार्च 2023 तक 7489.05 करोड़ के 27392 एसी बिल डीसी बिल जमा करने के लिए लंबित है. जिसमें से 6450.17 करोड़ के 26574 एसी बिल 2021-22 के अवधि से संबंधित है. कैग ने रिपोर्ट में यह भी कहा है कि मार्च 2022 तक 55840.32 करोड़ राजस्व संग्रहण होना था, लेकिन केवल 38838.88 करोड़ राजस्व का ही संग्रहण हुआ.

25001 करोड़ के राजस्व की हानिः लेखा परीक्षा में 1059 मामलों में कुल 25001 करोड़ के राजस्व की हानि का पता लगाया है. संबंधित विभागों ने 336 मामलों में 28.80 करोड़ के त्रुटियों को स्वीकार किया है. महालेखा परीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में अनियमितता की ओर इशारा किया है. कैग ने अक्टूबर 2020 से जून 2022 के दौरान निष्पादित 8 दस्तावेजों में भूमि के अल्प मूल्यांकन का पता लगाने में विफल रहने की बात कही है, जिसके फलस्वरुप 1.25 करोड़ के मुद्रांक शुल्क और निबंधित फीस की कम वसूली हुई.

स्मार्ट सिटी मिशन की योजना में लापरवाहीः पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा पटना में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 2022 तक स्वीकृत 44 योजनाओं में से 29 योजनाओं पर ही काम हुआ. सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया है कि पावर सिस्टम डेवलपमेंट फंड दिशा निर्देशों का पालन नहीं करने के कारण बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड को 97.54 करोड़ के अनुदान की हानि हुई है.

परिवहन विभाग की लापरवाहीः कैग ने परिवहन विभाग में लापरवाही के कारण राजस्व की कम वसूली होने की बात कही है. जिला परिवहन पदाधिकारी ने जनवरी 2017 और मार्च 2022 के बीच 20189 वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र का नवीनीकरण सुनिश्चित किया था, इसके फलस्वरूप 1.5 करोड़ की वसूली नहीं हुई. वाहन मालिकों द्वारा मोटर वाहन कर का भुगतान नहीं करने की जानकारी उपलब्ध होने के बावजूद जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा 22.6 करोड़ का कर और अर्थ दंड की वसूली नहीं की गई.

लापरवाही से राजस्व हानि: कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मार्च 2022 तक बिक्री व्यापार आदि पर कर, माल और यात्रियों पर कर विद्युत पर कर एवं शुल्क वाहनों पर कर वस्तुओं एवं सेवाओं पर कर एवं शुल्क भू राजस्व राज्य उत्पादन मुद्रांक शुल्क और निबंध फीस तथा खनन एवं उद्योगों पर राजस्व के बकाए 4022.59 करोड़ थे जिसमें से 1300.42 करोड़ 5 वर्षों से अधिक समय से लंबित थे. इस तरह सीएजी 31 मार्च, 2023 समाप्त हुए वर्ष को लेकर कई तरह की वित्तीय अनियमित अधिकारियों की लापरवाही से राज्य को हानि हुई.

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विधानसभा में CAG की रिपोर्ट पेश. (ETV Bharat)

पटना: बिहार विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है. आज गुरुवार 25 जुलाई को उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने 31 मार्च 2023 समाप्त हुए वर्ष का कैग रिपोर्ट पेश की. कैग ने अपनी रिपोर्ट में बिहार का राजकोषीय घाटा 2018- 19 में 13806.76 करोड़ था जो जीएसडीपी (सकल राज्य घरेलू उत्पाद) का 2.62% है 2022-23 में बढ़कर 44823.30 करोड़ और जीएसडीपी का 5.97% हो गया इसका जिक्र किया है. कैग ने 31 मार्च 2023 तक 87947.8 करोड़ के 41755 उपयोगिता प्रमाण नहीं मिलने की बात भी कही है.

कितना राजस्व संग्रहण हुआः महालेखा परीक्षक ने रिपोर्ट में यह भी कहा है 31 मार्च 2023 तक 7489.05 करोड़ के 27392 एसी बिल डीसी बिल जमा करने के लिए लंबित है. जिसमें से 6450.17 करोड़ के 26574 एसी बिल 2021-22 के अवधि से संबंधित है. कैग ने रिपोर्ट में यह भी कहा है कि मार्च 2022 तक 55840.32 करोड़ राजस्व संग्रहण होना था, लेकिन केवल 38838.88 करोड़ राजस्व का ही संग्रहण हुआ.

25001 करोड़ के राजस्व की हानिः लेखा परीक्षा में 1059 मामलों में कुल 25001 करोड़ के राजस्व की हानि का पता लगाया है. संबंधित विभागों ने 336 मामलों में 28.80 करोड़ के त्रुटियों को स्वीकार किया है. महालेखा परीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में अनियमितता की ओर इशारा किया है. कैग ने अक्टूबर 2020 से जून 2022 के दौरान निष्पादित 8 दस्तावेजों में भूमि के अल्प मूल्यांकन का पता लगाने में विफल रहने की बात कही है, जिसके फलस्वरुप 1.25 करोड़ के मुद्रांक शुल्क और निबंधित फीस की कम वसूली हुई.

स्मार्ट सिटी मिशन की योजना में लापरवाहीः पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा पटना में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 2022 तक स्वीकृत 44 योजनाओं में से 29 योजनाओं पर ही काम हुआ. सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया है कि पावर सिस्टम डेवलपमेंट फंड दिशा निर्देशों का पालन नहीं करने के कारण बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड को 97.54 करोड़ के अनुदान की हानि हुई है.

परिवहन विभाग की लापरवाहीः कैग ने परिवहन विभाग में लापरवाही के कारण राजस्व की कम वसूली होने की बात कही है. जिला परिवहन पदाधिकारी ने जनवरी 2017 और मार्च 2022 के बीच 20189 वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र का नवीनीकरण सुनिश्चित किया था, इसके फलस्वरूप 1.5 करोड़ की वसूली नहीं हुई. वाहन मालिकों द्वारा मोटर वाहन कर का भुगतान नहीं करने की जानकारी उपलब्ध होने के बावजूद जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा 22.6 करोड़ का कर और अर्थ दंड की वसूली नहीं की गई.

लापरवाही से राजस्व हानि: कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मार्च 2022 तक बिक्री व्यापार आदि पर कर, माल और यात्रियों पर कर विद्युत पर कर एवं शुल्क वाहनों पर कर वस्तुओं एवं सेवाओं पर कर एवं शुल्क भू राजस्व राज्य उत्पादन मुद्रांक शुल्क और निबंध फीस तथा खनन एवं उद्योगों पर राजस्व के बकाए 4022.59 करोड़ थे जिसमें से 1300.42 करोड़ 5 वर्षों से अधिक समय से लंबित थे. इस तरह सीएजी 31 मार्च, 2023 समाप्त हुए वर्ष को लेकर कई तरह की वित्तीय अनियमित अधिकारियों की लापरवाही से राज्य को हानि हुई.

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