सहरसा: बिहार के सहरसा जिले में कोसी नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर से कोसी तटबंध की स्थिति खराब हो गयी है. जबकि पूर्वी तटबंध के हेमपुर के नजदीक तटबंध के ऊपर पानी चढ़ने के कगार पर है. जानकारी के अनुसार 29 सितंबर को सुबह 10 बजे के आसपास कोसी बराज से 6 लाख 12 हजार 675 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. जबकि 28 सितंबर को भी कोसी बराज से पानी छोड़ा गया था. बाढ़ पीड़ितों में आक्रोश था. वो सांसद और विधायक के क्षेत्र में नहीं आने से नाराज थे.
"छाती भर पानी है. माल जाल सब मर रहा है. खाने को कुछ नहीं मिल रहा. प्रशासन कोई मदद नहीं कर रहा. कहां है सांसद, कहां है विधायक. हमलोगों को देखने वाला कोई है. आपलोग (मीडिया) आए हैं, पर सरकार कहां है"- अशोक चौधरी, बाढ़ पीड़ित
प्रशासन ने अलर्ट जारी कियाः शनिवार को जो पानी कोसी बराज से छोड़ा वह पानी आज उग्र रूप लेते हुए सहरसा पहुंच गया. इस वजह से जिले के चार प्रखण्ड नवहट्टा, महिषी, सिमरीबख्तियारपुर, सलखुआ के कई क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घुस गया. लोग पलायन के लिए मजबूर हो गए. नवहट्टा प्रखण्ड की 07 पंचायत डरहार, हांटी, बकुनिया, नौला आदि के लोग प्रशासन के अलर्ट के बाद पूर्वी तटबंध पर शरण लेने पहुंच गए. जो अंदर फंसे हैं, वो किसी तरह निकलने के प्रयास में जुटे है.
प्रशासन के खिलाफ नाराजगीः पलायन करने वाले बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा किसी तरह की सुविधा प्रदान नहीं की जा रही है. घर में रखा सारा समान नष्ट हो गया. सब कुछ डूब गया. अब भोजन के लिए हमलोग मोहताज हो गए हैं. किसी तरह छोटे बच्चे, मवेशी आदि को लेकर निकाल रहे हैं. जिला प्रशासन की तरफ से कोई सुविधा मुहैया नहीं करायी जा रही है. कोसी किनारे बसे लोगों में दहशत का माहौल है.
इसे भी पढ़ेंः बिहार में आ गई 'जल प्रलय'! कोसी बैराज पर पानी चढ़ने से मंडराया खतरा? - Bihar Flood
इसे भी पढ़ेंः नेपाल में बारिश से बिहार में हाई अलर्ट, 56 साल बाद टूटेगा रिकॉर्ड! कोसी-गंडक से तबाही का खतरा - BIHAR FLOOD