बक्सर: जीवनदायिनी मां गंगा अपने किनारों को तोड़कर रिहायशी इलाकों में प्रवेश कर गई है. गंगा नदी का पानी बेकाबू होकर लोगों के आंगन में प्रवेश कर गया है. चौसा प्रखंड के बनारपुर से लेकर बक्सर प्रखंड के अर्जुनपुर, सिमरी प्रखण्ड के केशवपुर,राजपुरा बेनीलाल के डेरा, हाता समेत चक्की प्रखंड के ढाबी एवं ब्रह्मपुर प्रखंड के नैनीजोर के इलाके के दर्जनों गांव पानी से घिर गये हैं.
बक्सर में बाढ़: सड़कों के साथ खेतों में लहलहाती फसलें और पशु चारा पूरी तरह से जलमग्न हो गये हैं. मिली जानकारी के मुताबिक नदी का जलस्तर चेतवानी बिंदु को पार कर खतरे के निशान के ऊपर चला गया था, लेकिन एक हफ्ते बाद थोड़ी सी गिरावट लेते हुए अभी गंगा का जलस्तर 60.10 मीटर है. जबकि चेतवानी बिंदु 59.320 है और खतरे का निशान 60.320 मीटर है.
तटबंधों का किया जा रहा निरीक्षण: इस बाबत जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने कहा कि अब गंगा का जलस्तर गिरावट की ओर है. ऐसा देखा जाता है कि बाढ़ के बाद कई तरह के संक्रमण की आशंका होती है. उसको लेकर भी तैयारी की गई है ताकि कोई भी अप्रिय स्थिति न बने. तटबंधों का लगातार निरीक्षण किया जा रहा है. सभी अंचलाधिकारी एवं प्रखंड विकास अधिकारियों को अलर्ट रखा गया है.
"चेतावनी बिंदु से गंगा का जलस्तर ऊपर है. सुखद पहलु ये है कि कल रात से इसमें गिरावट देखी जा रही है. हमें उम्मीद है कि अब जलस्तर में गिरावट आएगी. जलस्तर गिरने से चेतावनी बढ़ जाती है. लोग सचेत रहें. प्रभावित परिवारों को यथा संभव मदद की जाएगी."- अंशुल अग्रवाल, डीएम, बक्सर
सीएम नीतीश भी रख रहे नजर: गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने से कई जिलों पर इसका असर हुआ है. गंगा और घाघरा ऊफान पर है. इसका सारण के साथ ही वैशाली के पांच प्रखंडों पर असर देखने को मिल रहा है. भागलपुर और मुंगेर में भी कई गांव पानी में डूब चुके हैं. शुक्रवारा को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया और शनिवार को पटना में अधिकारियों के साथ बैठक कर अहम दिशा-निर्देश दिए हैं.
बाढ़ का कारण: बता दें कि बिहार में हर साल बाढ़ की यही कहानी है. पड़ोसी राज्यों में हुई भारी बारिश का असर बिहार पर पड़ता है. गंगा अभी उफान पर है. पिछले कई दिनों से पटना में गंगा अधिकांश जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर है. बक्सर में भी यही हाल है. गंगा खतरे के निशान को पार कर चुकी है.
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