पटना: अमृतलाल मीणा ने 31 अगस्त को बिहार के मुख्य सचिव के पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिशा निर्देश पर अमल करना शुरू कर दिया है. वह सभी विभागों के आला अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं. मुख्य सचिव ने सभी विभागों और जिलों को एक-एक वर्ष की प्राथमिकता तय करने के लिये कहा है. यही नहीं पिछले एक साल में उनके विभाग में जितनी योजनाओं पर काम शुरू हुआ और जिनका कार्यान्वयन किया जा रहा है, उसकी क्या स्थिति है? उसकी भी जानकारी मांगी है.
अधिकारियों के मुख्य सचिव का निर्देश: मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने अधिकारियों के निर्देश दिया है कि वे अपनी प्राथमिकताओं में विकास और कल्याणकारी कार्यों को समान रूप से महत्व दें. साथ ही योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए अपनी कार्ययोजना भी तैयार करें. मुख्य सचिव ने बताया कि जिलाधिकारियों की रैंकिंग में तमाम पहलुओं को ध्यान में रखा जाएगा. उनके प्रदर्शन के पर्यवेक्षण को आधार बनाया जाएगा. इसके लिए संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिये गये हैं. खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों में कड़ाई की जाएगी. इससे बेहतर करने की प्रेरणा भी मिलेगी. साथ ही विकास योजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी आएगी.
"सरकार के राजस्व संग्रह में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. यह संतोषजनक है लेकिन इसे और बढ़ाने की जरूरत है. लिहाजा अधिकारियों को राजस्व संग्रह और तेज करने पर काम करना होगा. बजट का अधिकतम उपयोग होना चाहिए. बरसात खत्म हो रहा है. ऐसे में तमाम विकास योजनाओं में तेजी लाई जाए. योजना खर्च को भी बढ़ाएं. समय पर पूरी गुणवत्ता के साथ कार्य पूरे हों, यह भी सुनिश्चित करें."- अमृतलाल मीणा, मुख्य सचिव, बिहार
खाली पड़े पदों को शीघ्र भरने का निर्देश: मुख्य सचिव ने सभी विभागों में रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरने की प्रक्रिया शुरू करने का भी निर्देश दिया है. युद्ध स्तर पर नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश दिया है. मुख्य सचिव ने तीन माह के अंदर जिन विभागों में नियुक्ति की जानी है, उसके लिए प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है. मुख्य सचिव बनने से पहले अमृतलाल मीणा बिहार में कई विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं और उन्हें तेज तर्रार आईएएस अधिकारी के रूप में जाना जाता है.