पटना: मुख्यमंत्री नीतीश सरकार ने कैबिनेट में बड़ा फैसला लिया है. कैबिनेट की बैठक में वाहन रजिस्ट्रेशन शुल्क 60 से 70 फीसदी घटा दिया गया है. अब बिहार के लोगों को कार और बाइक खरीदने के लिए दूसरे राज्यों का रुख नहीं करना पड़ेगा. पहले बिहार में गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन का शुल्क दूसरे राज्यों के मुकाबले काफी ज्यादा था, जिसके चलते लोग दूसरे राज्यों से गाड़ियां खरीदना पसंद करते थे. इससे बिहार सरकार को राजस्व की हानि होती थी.
बिहार सस्ती हुई वाहन रजिस्ट्रेशन: परिवान मंत्री शीला मंडल ने कहा कि परिवहन विभाग आम लोगों के बारे में सोचता है. रजिस्ट्रेशन फी में कम होने से अब बिहार में गाड़ियों की संख्या बढ़ेगी और लोग आत्मनिर्भर होंगे. रजिस्ट्रेशन शुल्क घटने से सबसे ज्यादा फायदा किसानों और बिजनेसमैन को होगा. इससे बिहार सरकार को राजस्व की भी अधिक मिलेगा. आने वाले दिनों में इसका लाभ सभी लोगों को मिलेगा. उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रेशन शुल्क अधिक होने की वजह से लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा था. इस वजह से लोग दूसरे राज्य में जाकर वाहन खरीदते थे. इस वजह से बिहार को राजस्व का नुकसान हो रहा था.
1150 रुपये में होगा बाइक का रजिस्ट्रेशन: परिवहन मंत्री शीला मंडल ने बताया कि बाइक रजिस्ट्रेशन के लिए पहले 1650 रुपये लगते थे अब 1150 रुपये देने होंगे. ऑटो रिक्शा और उससे ऊपर अधिक राशि वाले बड़े वाहनों के रजिस्ट्रेशन शुल्क में भी काफी कमी की गई है. ऑटो रिक्शा में पहले रजिस्ट्रेशन शुल्क 5650 लगता था और अब घटा कर 1150 रुपया कर दिया गया है.
60 से 70 फीसदी शुल्क में कमी: वहीं मोटर कैब यानी कार या पैसेंजर ढोने वाले वाहन उनका रजिस्ट्रेशन शुल्क पहले 23 हजार 650 था और अब घटा कर 4150 कर दिया गया है. वहीं मिनी बस के लिए 7 हजार 150 रुपये कर दिया है.इस तरह अन्य गाड़ियों के भी रजिस्ट्रेशन शुल्क में काफी कमी कर दी गई है. कहा जाए तो 60 से 70 फीसदी शुल्क में कमी की गई है. बिहार में 10 लाख की गाड़ी पर पहले 23 से 30 हजार तक शुल्क लग जाते था. अब यह काम पांच से सात हजार में हो जाएगा.
"वाहन रजिस्ट्रेशन शुल्क अधिक होने से लोगों को परेशानी होती थी. लोग गाड़ी तो खरीद लेते हैं लेकिन जब रजिस्ट्रेशन शुल्क अधिक लगता है तो उन्हें यह शुल्क अखरता था. सभी आंकड़ों को देखने के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है.आने वाले दिनों में गाड़ियों की बिक्री बढ़ेगी और सरकार को इससे अधिक टैक्स मिलेगा." -शीला मंडल, परिवहन मंत्री
पहले झारखंड से होती थी खरीदारी: बता दें कि पहले बिहार में कार और बाइक का रजिस्ट्रेशन काफी महंगा था. बिहार के लोग झारखंड से वाहन खरीदना पसंद करते थे. बिहार में 10 लाख की गाड़ी पर 23 से 30 हजार रुपये रजिस्ट्रेशन फी लगता था. वहीं कार झारखंड में पांच से सात हजार देना पड़ता था. वहीं बाइक की बात करें तो 70 से एक लाख तक की बाइक पर बिहार में 1650 से लेकर दो हजार रूपये तक वाहन शुल्क लगाता. जबकि झारखंड में 11 सौ से 12 सौ में हो जाता था.
बिहार का राजस्व बढ़ेगा: बिहार सरकार के इस निर्णय के पीछे मुख्य वजह है बिहार में ज्यादा से ज्यादा वाहन खरीदे जाएं. क्योंकि अभी जो रजिस्ट्रेशन शुल्क है वह अन्य राज्यों की अपेक्षा काफी ज्यादा है. इसके कारण कई लोग बिहार से बाहर जाकर भी गाड़ी खरीदने लगते हैं. ऐसे में माना जा रहा है को जो लोग बाहर जाकर खरीद लेते थे वह अब बिहार से ही खरीदेंगे. इससे बिहार सरकार के रेवेन्यू में वृद्धि होगी.
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