गया: प्रशांत किशोर बिहार की चुनावी राजनीति में एंट्री करने जा रहे हैं. लेकिन उम्मीदवारों के नामों को लेकर शायद वह पूरी तरह से आश्वस्त नहीं है. वह नामों में उलझे हुए दिखाई दे रहे हैं. इसका असर हाल ही में देखने को मिला, जब प्रशांत किशोर ने उप चुनाव के लिए चार उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर 2 को बदल दिया. गुरुवार को नामांकन के दौरान ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि प्रत्याशी बदलने का फैसला चुनावी राजनीति का हिस्सा है. समाज में जिनकी जितनी संख्या उसकी उतनी भागीदारी होगी.
प्रत्याशी बदलना चुनावी राजनीति का हिस्सा: जिले के दो विधानसभा उपनिर्वाचन के नामंकन को लेकर जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर गया पहुंचे थे. प्रशांत किशोर ने बेलागंज विधानसभा क्षेत्र से अपने पहले प्रतियाशी प्रोफसर खिलाफत हुसैन को बदल कर उनकी जगह पर मोहम्मद अमजद को प्रत्याशी बनाए जाने के सवाल पर कहा कि चुनाव में प्रत्याशी बदलने चुनावी राजनीति का हिस्सा हो सकता है. पूरा देश मुझे चुनावी राजनीतिकार के तौर पर जानता है. चुनाव परिणाम के दिन दिखेगा की यह मेरी राजनीति का हिस्सा है या मेरी गलती थी.
नीतीश और लालू राज से मुक्ति चाहती है जनता: उन्होंने कहा कि लालू के 15 साल जंगल राज और नीतीश कुमार के अधिकारियों के राज से जनता मुक्ति चाहती है. निश्चित रूप से बिहार में जनता की जीत होगी. प्रत्याशियों के साथ जन सुराज के प्रदेश अध्यक्ष, एमएलसी आफत आलम शामिल रहे. प्रशांत किशोर डीआरडीए भवन के पास लगी बेरिकेडिंग तक ही गए और वहां से वह समर्थकों के साथ गया कॉलेज खेल भवन वापस हो गए.
दो तरह के जंगल राज से मिलेगी आजादी: प्रशांत किशोर ने पूर्व मुख्यमंत्री लालु प्रसाद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए कहा की 30 वर्षों से बिहार में जंगल राज है, एक लालू प्रसाद यादव का जंगल राज है और दूसरा नीतीश कुमार के अधिकारियों का जंगल राज है विकल्प के अभाव में राजनीतिक बंधुआ मजदूरी करने वाले समाज की आजादी का संदेश जन सुराज ने दिया है.
"बेलागंज और इमामगंज से हमारे प्रत्याशियों की जीत होगी. बेलागंज और इमामगंज में जो राजनीतिक जमींदार बैठे हुए हैं. यह उस क्षेत्र की जनता को आजाद करने का अभियान है. अब मजबूरी में भाजपा के डर से लालू जी को और लालू जी के डर से भाजपा को वोट नहीं देना पड़ेगा."- प्रशांत किशोर, संयोजक जन सुराज
मुसलमानों को हम ने दी भागीदारी: बेलागंज से मुस्लिम प्रत्याशी को उतारे जाने के कारण गिनवाते हुए प्रशांत किशोर ने कहा की जिनकी जितनी संख्या उतनी भागीदारी. जन सुराज ने देने की पहले ही घोषणा किया है वक्त आया हमने एक चौथाई भागीदारी दी है, अल्पसंख्यक समाज के साथ सभी वर्ग के लोग हमारे साथ आए हैं, पूरी मज़बूती के साथ चुनाव लड़ेंगे, हमें पूरा भरोसा है कि 23 नवंबर को जब उपचुनाव के नतीजे आएंगे तो जन सुराज पार्टी के चारों उम्मीदवार जीतेंगे.
मोहम्मद अमजद पेशे से डॉक्टर: बता दें की मोहम्मद अमजद की राजनीति में उनकी प्रभावशाली पृष्ठभूमि रही है. वह 2005 और 2010 में जदयू के टिकट पर बेलागंज से चुनाव लड़ चुके हैं. 2010 में उन्हें 48,441 वोट मिले थे. इसके अलावा 2005 के चुनावों में भी उन्होंने जदयू और लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था. वह भलुवा 1 पंचायत के पूर्व मुखिया रह चुके हैं. वहीं इमामगंज विधानसभा से उम्मीदवार पेशे से डॉक्टर हैं. चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं. वह पूर्व में मुखिया प्रतिनिधि और पंचायत समिति के सदस्य भी रह चुके हैं.
इन दो सीटों पर बदले उम्मीदवार: जन सुराज पार्टी ने बिहार की ततारी और बेलागंज सीट पर अपने उम्मीदवारों को बदल दिया है. बेलागंज में फिर से पुराने उम्मीदवारों को टिकट दिया है. ततारी सीट से जन सुराज पार्टी ने सेना के पूर्व उपप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल श्री कृष्ण सिंह को उम्मीदवार बनाया था. लेकिन अब उनकी जगह सामाजिक कार्यकर्ता किरण सिंह चुनाव लड़ेंगी. जब कि पिछले हफ्ते कृष्ण सिंह की उम्मीदवारी का ऐलान काफी धूमधाम से किया गया था. वहीं बेलागंज सीट से खिलाफत हुसैन की जगह अब पूर्व पंचायत मुखिया मोहम्मद अमजद को उम्मीदवार घोषित किया गया है.
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