पटना: जेडीयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर के बाद अब केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने भी मुसलमानों को लेकर बड़ा बयान दिया है. मुजफ्फरपुर में जेडीयू कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समाज जेडीयू और नीतीश कुमार को वोट नहीं करते हैं. उनके इस बयान पर सियासी हंगामा शुरू हो गया है. आरजेडी जहां इसको लेकर सीएम को घेरने की कोशिश कर रहा है, वहीं बीजेपी ने समर्थन किया है.
ललन सिंह को मिला बीजेपी का साथ: केंद्रीय मंत्री ललन सिंह के बयान का बीजेपी ने समर्थन किया है. बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने सही बात कही है. ये सच है कि एनडीए की सरकार अल्पसंख्यक समाज के विकास के लिए लगातार कदम उठाती रही है लेकिन इसके बावजूद हमें उनका वोट नहीं मिलता. मुस्लिम समाज जिस पार्टी को वोट करता है, वह सिर्फ डराकर वोट लेती है.
"केंद्रीय मंत्री और मुंगेर के सांसद ललन सिंह ने सही कहा है. नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यक समाज के लिए सबसे ज्यादा काम किया है लेकिन अल्पसंख्यक समाज जदयू और एनडीए को वोट नहीं करता है. वोट उसको करता है, जो उनका इस्तेमाल करते हैं."- अरविंद सिंह, प्रदेश प्रवक्ता, भारतीय जनता पार्टी
आरजेडी ने बोला ललन सिंह पर हमला: वहीं, आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि ललन सिंह और जेडीयू के नेता आजकल भारतीय जनता पार्टी को खुश करने में लगे हैं. यही वजह है कि जनता दल यूनाइटेड बिहार में नफरत का माहौल खड़ा करने वाली बीजेपी को प्रोत्साहित कर रही है. उन्होंने कहा कि ललन सिंह का यह बयान स्पष्ट करता है कि जेडीयू की सोच और विचार बीजेपी के पक्ष में है और बीजेपी को खुश करने में जेडीयू के नेता लगे हुए हैं.
"भाजपा के विचारों में समाहित करने वाली जनता दल यूनाइटेड बिहार में नफरत का माहौल खड़ा करने वाली भाजपा को प्रोत्साहित कर रही है. कहीं न कहीं इस तरह का माहौल खड़ा करके मुसलमान के खिलाफ बोल रही है. ललन सिंह का यह बयान स्पष्ट करता है कि जनता दल यू की सोच और विचार भाजपा के पक्ष में है और भाजपा को खुश करने में जनता यूनाइटेड के नेता लगे हुए हैं."- एजाज अहमद, प्रवक्ता, राष्ट्रीय जनता दल
ललन सिंह ने क्या बोला?: दरअसल, मुजफ्फरपुर में आयोजित जनता दल यूनाइटेड के कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान ललन सिंह ने कहा कि बिहार के बारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोचते हैं. नीतीश कुमार सब के बारे में सोचते हैं न कि किसी एक समुदाय विशेष के बारे में. ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार की जब से बिहार में सरकार बनी है, तब से अल्पसंख्यक समाज के लोगों के लिए कई कार्य किए हैं लेकिन इसके बावजूद नीतीश कुमार को अल्पसंख्यक समाज वोट नहीं देते हैं.
"लालू यादव और राबड़ी देवी के राज में क्या स्थिति थी, भला किसी से छिपा हुआ है क्या? आज देख लीजिए कि किस प्रकार से मदरसा से लेकर उर्दू शिक्षक और बुनियादी ढांचों में बदलाव शिक्षण संस्थान और अन्य सुविधाओं को दिया गया है. नीतीश कुमार अच्छी तरह जानते हैं कि कौन हमे वोट देता है और कौन नहीं देता है, उसके बाद भी वह बिहार के बारे में सोचते हैं और करते हैं. हालांकि ये बात भी सच है कि अल्पसंख्यक समाज हमें वोट नहीं करते हैं."- ललन सिंह, केंद्रीय मंत्री
2020 में एक भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं जीता: जेडीयू के बड़े नेता लगातार अब सार्वजनिक मंचों से इस तरह के बयान देने लगे हैं. इसका बड़ा कारण है कि 2020 में जेडीयू ने विधानसभा चुनाव में 11 मुस्लिम उम्मीदवार दिए थे लेकिन उसमें से एक भी उम्मीदवार जीत नहीं पाया. बाद में बसपा से जीते जमा खान को जदयू में शामिल कराकार नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बनाया. 2024 लोकसभा चुनाव में भी किशनगंज से मुस्लिम उम्मीदवार को जदयू ने टिकट दिया था लेकिन वह भी जीत नहीं पाया और उसके बाद ही जदयू नेताओं को भी लगता है कि उन्हें मुसलमानों का वोट नहीं मिल रहा है.
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