पटना: बिहार विधान मंडल की शीतकालीन सत्र के दौरान गुरुवार को विधान परिषद में विपक्षी सदस्यों ने वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक 2024 का जमकर विरोध किया और इसके खिलाफ प्रदर्शन भी किया. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि वक्फ बोर्ड बिल को लेकर नीतीश कुमार की नीति स्पष्ट नहीं है.
वक्फ बोर्ड बिल पर क्या बोलीं राबड़ी: राबड़ी देवी ने कहा कि नीतीश कुमार दोनों तरफ की बात करते हैं. यह बात आप समझ लीजिए कि वह इस संशोधन अधिनियम को लेकर कुछ स्पष्ट नहीं बोल रहे हैं. इसका मतलब कुछ और हो सकता है. उन्होंने कहा है नीतीश कुमार को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए.
"अगर नीतीश चुप हैं तो माना जाएगा कि इस बिल के विरोध में हैं, लेकिन उनके नेता बिल का समर्थन कर रहे हैं. इसका मतलब है कि नीतीश कुमार दोनों तरफ के माईं (मां) बने हुए हैं. इस बिल को लेकर पटना में अल्पसंख्यकों के द्वारा एक मीटिंग बुलाई गई थी लेकिन सीएम उसमें शामिल नहीं हुए थे. उनको जाना चाहिए था."- राबड़ी देवी, पूर्व सीएम, बिहार
केंद्र पर राबड़ी का निशाना: वहीं केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए राबड़ी देवी ने कहा कि इस बिल के बहाने केंद्र सरकार अल्पसंख्यकों पर बड़ा हमला करना चाह रही है, लेकिन हम लोग ऐसा होने नहीं देंगे. इस बिल का हम लोग खुलकर विरोध करते हैं. कुल मिलाकर राबड़ी देवी ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक लाकर कहीं ना कहीं मुसलमानों को परेशान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मुसलमान की संपत्ति को जब्त करने की कोशिश जो केंद्र सरकार कर रही है, वह हम लोग नहीं होने देंगे.
हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री बनने पर बधायी: झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार बनने पर भी राबड़ी देवी ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने हेमंत सोरेन को बधाई दी है. उन्होंने इस बात पर भी प्रसन्नता जतायी कि इस बार झारखंड के चुनाव में उनकी पार्टी के विधायकों की संख्या में वृद्धि हुई है. राबड़ी देवी ने कहा कि झारखंड में सभी पार्टियों ने मिल कर के चुनाव लड़ा था. जनता का आशीर्वाद भी मिला.
बागी विधायकों पर राबड़ी का बयान: राबड़ी देवी ने राजद के बागी विधायकों के साथ ही कांग्रेस पार्टी के बागी विधायकों के मुद्दे पर कहा कि इस मसले को तेजस्वी यादव देख रहे हैं. ज्ञात हो कि इसी साल जब जदयू और राजद का गठबंधन खत्म हो गया था तो नीतीश कुमार ने एनडीए के साथ मिल कर सरकार बनायी थी. इस दौरान नीतीश कुमार ने सदन में विश्वास प्रस्ताव पेश किया था. तब प्रस्ताव के समर्थन में राजद के तीन विधायक आ गए थे. इन तीनों ने ही नीतीश कुमार का समर्थन कर दिया था.
तेजस्वी ने सदन में उठाया था मामला: इसके बाद इन विधायकों की सदस्यता को खत्म करने के लिए राजद ने विधानसभा अध्यक्ष के पास आवेदन भी दिया था. करीब दस माह होने के बाद भी इन विधायकों के मसले पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है. राजद इसी मुद्दे पर भड़की हुई है. बिहार विधानसभा में भी नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बागी विधायकों को लेकर मामले को उठाया था और साफ-साफ कहा था कि जहां उनका सीटिंग सीट है वहां नहीं बैठते हैं.
आरजेडी के बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग: तेजस्वी यादव ने कहा कि मंत्री के सीट पर जाकर बागी विधायक बैठते हैं, इस पर विधानसभा अध्यक्ष भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. इस मामले को लेकर राबड़ी देवी ने भी बड़ा बयान दिया और कहा कि तेजस्वी यादव इस मामले को देख रहे हैं. निश्चित तौर पर बागी विधायकों पर कार्रवाई होनी चाहिए.
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