कुचामनसिटी : डीडवाना कुचामन जिले के लाडनूं उपखंड के सिंवा ग्राम स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत स्वास्थ्यकर्मी की बड़ी लापरवाही सामने आई है. आरोप है कि घुमंतू जाति की एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर जब अस्पताल लाया गया, तो स्वास्थ्यकर्मी ने महिला का प्रसव करवाने से मना कर दिया. उसके बाद स्वास्थ्य केंद्र के बाहर ही महिला की डिलीवरी हो गई. इस दौरान कड़ाके की सर्दी में प्रसूता दर्द से तड़पती रही और लगातार ब्लीडिंग होने के बाद भी एएनएम ने अस्पताल का दरवाजा नहीं खोला. इस पर आनन-फानन में प्रसूता को लाडनूं अस्पताल ले जाया गया. हालत गंभीर होने पर उसे डीडवाना के बांगड़ जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां प्रसूता और नवजात को भर्ती कर उपचार किया गया. इस पूरे मामले में सीएमएचओ डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि लाडनूं ब्लॉक सीएमएचओ डॉ. शक्ति सिंह से इस मामले में जांच कराई गई है. जांच रिपोर्ट जोनल डायरेक्टर को भेज दी गई है. साथ ही एएनएम को उप स्वास्थ्य केंद्र से रिलीव कर दिया गया है. इनका मुख्यालय डीडवाना कुचामन जिला सीएमएचओ कार्यालय में रहेगा.
वहीं, बांगड़ अस्पताल के चिकित्सक डॉ. कानाराम चौधरी ने बताया कि फिलहाल प्रसूता और नवजात की स्थिति ठीक है. जब उसे अस्पताल लाया गया था, तो अधिक ब्लीडिंग हो रही थी. ऐसे में उसका उचित उपचार किया गया, जिसके बाद मां और नवजात स्वस्थ हैं. उन्होंने बताया कि सुबह करीब 4:30 बजे परिजन प्रसूता को लेकर अस्पताल पहुंचे थे. ऐसे में उसे भर्ती कर उसका उपचार किया गया और फिर प्रसूता और नवजात को छुट्टी दे दी गई.
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परिजनों का आरोप है कि उप स्वास्थ्य केंद्र पर ताला लटका था. जब उन्होंने एएनएम को प्रसूता की हालत की जानकारी दी, तो उसने प्रसव करवाने से मना कर दिया. इसी दौरान तड़पती महिला का प्रसव उप स्वास्थ्य केंद्र के बाहर हो गया. घटना की सूचना पर गांव के सरपंच और ग्रामीण मौके पर पहुंचे और मौके पर एंबुलेंस बुलाकर महिला और बच्चे को लाडनूं अस्पताल भेजा. वहीं, लाडनूं अस्पताल के चिकित्साकर्मियों ने भी मात्र खानापूर्ति की और महिला को उपचार देने की बजाय उसे डीडवाना जिला अस्पताल रेफर कर दिया.
इस घटना को लेकर गांव के लोगों में आक्रोश है. साथ ही उप स्वास्थ्य केंद्र पर एकत्रित होकर परिजनों और ग्रामीणों ने चिकित्साकर्मी के गैर जिम्मेदाराना रवैए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया. परिजनों ने आरोप लगाया है कि घुमंतू जाति का होने के कारण स्वास्थ्यकर्मी ने उसका उपचार नहीं किया. उन्होंने इस मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से भी शिकायत की है.