गोरखपुर : प्रदेश सरकार की विकास योजनाओं का खासा असर गोरखपुर क्षेत्र में भी दिखता है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर प्रमुख प्रोजेक्ट को यहां स्थापित करना चाहते हैं. यही वजह है कि गोरखपुर के सहजनवा से दोहरीघाट तक बिछाई जाने वाली नई रेल लाइन के दोनों तरफ उन्होंने औद्योगिक गलियारों को विकसित करने के निर्देश दिए हैं. इसी के तहत गोरखपुर इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी भूमि अधिग्रहण और विकास के कार्य में जुटी है. इसको देखते हुए देश के कई बड़े उद्योगपति यहां उद्योग लगाने के लिए जमीनों की डिमांड करने लगे हैं. अडानी समूह, तत्वा ग्रुप, श्री सीमेंट, गैलेंट समूह, सिलिकॉन चिप्स और रोटोमैक जैसी संस्था यहां अपने प्रतिनिधियों को भेज कर जमीनों की तलाश और साइड को फाइनल करने में जुटी हैं.
जमीन अधिग्रहण शुरू : सहजनवा से दोहरीघाट रेल लाइन की मांग पिछले 40 वर्षों से चल रही थी. यह मोदी सरकार में धरातल पर उतरती दिखाई दे रही है. इसके लिए जमीन का अधिग्रहण शुरू हो चुका है. शुरुआती दौर में 19 किलोमीटर रेल लाइन 2025 तक बनकर तैयार भी हो जाएगी. यह जिले के दक्षिणांचल क्षेत्र को जोड़ते हुए बनारस जाने का एक वैकल्पिक रेल मार्ग भी बनेगी. गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण इस रेलवे लाइन रूट के धुरियापार में औद्योगिक टाउनशिप विकसित करने जा रहा है. इसके लिए करीब 5500 एकड़ जमीन अधिग्रहण किया जाना है. इसकी महायोजना भी तैयार कर ली गई है.
बड़े निवेशकों ने की डिमांड, प्रतिनिधि आ रहे शहर : रेल लाइन से जुड़ी जमीन की मांग को देखते हुए लेआउट में भी संशोधन हुआ है. औद्योगिक टाउनशिप लेआउट के बीच से ही सहजनवा- दोहरीघाट नई रेल लाइन गुजरेगी. इससे निवेशकों की जरूरत को पूरा किया जा सके . गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी अनुज मलिक का कहना है कई बड़े निवेशकों ने जमीन की मांग की है. उनके प्रतिनिधियों ने आकर यहां जमीन भी देखी है. अडानी समूह ने गीडा में सीमेंट फैक्ट्री लगाने के लिए 65 से 70 एकड़ जमीन रेलवे लाइन के किनारे मांगी है.
ये कंपनियां लगानी चाहती हैं उद्योग : मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया है कि गैलेंट समूह और अंकुर उद्योग भी रेलवे लाइन के किनारे जमीन की चाहते रखते हैं. इसी प्रकार श्री सीमेंट भी 30 से 40 एकड़ जमीन रेलवे लाइन के किनारे मांग रहा है. उन्होंने बताया कि धुरियापार में 200 एकड़ में इलेक्ट्रॉनिक सिटी विकसित होनी है. सिलिकॉन चिप्स बनाने वाली कंपनी भी यहां स्थापित हो सकती है. ऐसे में रेल प्रोजेक्ट के साथ औद्योगिक विकास को गति देने के लिए गीडा पूरी तरह तत्पर है. जिससे रोजगार का बड़े स्तर पर सृजन हो और पलायन रुके.
निवेशकों की सहूलियत का भी ख्याल : रेलवे लाइन के दोनों तरफ सैकड़ों करोड़ के निवेश को देखते हुए गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण, मूलभूत सुविधाओं को विकसित करने के साथ निवेशकों की सहूलियत का भी ख्याल रख रहा है. जिससे उद्योगों की स्थापना में कोई दिक्कत न आए. सहजनवा- दोहरीघाट नई रेल लाइन परियोजना करीब 82 किलोमीटर लंबी है.
यह नई रेल लाइन 112 गांव से होकर गुजरेगी. इससे गोरखपुर के 109 और मऊ जनपद के तीन गांव शामिल हैं. इसके लिए 359 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। जो लगातार किया भी जा रहा है. अधिकांश क्षेत्र गोरखपुर में पड़ने की वजह से यह कई तरह से औद्योगिक माहौल को तैयार करने में सफल होगी. करीब 1300 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च होगा.
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