ETV Bharat / state

BHU दीक्षा समारोह; टॉपर्स बोले, सोशल मीडिया को एंटरटेनमेंट नहीं नॉलेज का बनाया सोर्स तो मिली सफलता - BHU CONVOCATION CEREMONY

BHU के दीक्षा समारोह को जेड स्केलर के सीईओ जय चौधरी ने संबोधित किया, 30 टॉपर्स को मेडल देकर किया सम्मानित.

Etv Bharat
BHU के टॉपर्स को मिला सम्मान. (Photo Credit; ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 14, 2024, 4:32 PM IST

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आज यानी शनिवार से 104वें दीक्षा समारोह का आगाज हुआ. आगामी तीन दिन तक समारोह में कुल 14072 विद्यार्थियों को उपाधि और 544 को मेडल का वितरण किया जाएगा. आज स्वतंत्रता भवन में मुख्य कार्यक्रम का आगाज हुआ, जहां बातौर मुख्य अतिथि पहुंचे जेड स्केलर के सीईओ जय चौधरी ने समारोह को संबोधित किया. साथ ही मंच से 30 मेधावियों को मेडल प्रदान किया.

इस बार विश्वविद्यालय में चांसलर मेडल यूनिवर्सिटी पीजी टॉपर ईशान घोष और यूजी टॉपर प्रज्ञा प्रधान को मिला. ईशान को शास्त्री गायन में 9.96 और प्रज्ञा को वनस्पति विज्ञान में 9.72 सीजीपीए स्कोर मिले हैं. इन दोनों को विभूति नारायण सिंह मेडल से भी नवाजा गया है. इसके साथ ही अलग-अलग संकायों में पहला स्थान प्राप्त करने वाले अन्य कुल 28 विद्यार्थियों को BHU मेडल से सम्मानित किया गया है. मेडल पाने के बाद सभी छात्रों के चेहरे खुशी से खिल उठे.

BHU के दीक्षा समारोह पर संवाददाता की रिपोर्ट. (Video Credit; ETV Bharat)

बातचीत में यूनिवर्सिटी टॉपर ईशान घोष ने बताया कि उन्होंने मंच कला संकाय से शास्त्रीय संगीत में पीजी किया है. वह कोलकाता के निवासी हैं. उनकी माता मधुमिता घोष गृहिणी और पिता दुर्गा शंकर घोष फाइनेंस जनरल मैनेजर रहे हैं. 3 साल से उनके घर वालों ने उन्हें संगीत की आदत लगा दी, जिसके बाद 2019 में उन्होंने BHU के गायन विधा में यूजी किया और इसके बाद पीजी कर रहे हैं. आगे वह गायन में ही अपना भविष्य देखते हैं.

उन्होंने बताया कि, सोशल मीडिया को उन्होंने एक मददगार पिलर के रूप में प्रयोग किया. अकाउंट होने के बावजूद उन्हें सोशल मीडिया पर पोस्ट करने का शौक नहीं था बल्कि, रील और स्टेट्स वाली दुनिया से आगे निकलकर उन्होंने अपने करियर में इसे एक इनफॉर्मेटिव सोर्स के रूप में यूज किया. यही वजह है कि वह यूनिवर्सिटी में टॉप किए हैं. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरु के साथ अपने माता-पिता को दिया है.

पीएचडी कर प्रोफेसर बनना चाहती हैं टॉपर प्रज्ञा: यूजी टॉपर प्रज्ञा प्रधान मूलतः जौनपुर की निवासी हैं. प्रज्ञा ने 2021 में BHU आकार वनस्पति विज्ञान में प्रवेश लिया, उनके पिता संदीप कुमार प्रधान की जौनपुर में ज्वेलरी की दुकान है. उनकी मां संजू प्रधान गृहणी है. उन्होंने बताया कि उनके दादा वीरेंद्र कुमार वकील थे. लेकिन उन्होंने अपने घर के बैकग्राउंड को छोड़कर प्रोफेसर बनने की ओर अपनी रुचि दिखाई है.

अभी वह हायर स्टडी करेंगी उसके बाद वह आगे एकेडमिक फील्ड में ही आगे बढ़ेंगी. BHU से उनकी एमएससी चल रही है. इसके बाद वह पीएचडी करेंगी. उनकी ज्यादातर रुचि एकेडमिक फील्ड में ही है. BHU की सबसे अच्छी चीज है कि, यहां पर लैब वर्क करने को मिलता है. उन्हें लैब और थ्योरी दोनों पढ़ाई जाती है. यही वजह है कि वह पढ़ाई अच्छे से कर पाईं और उन्होंने टॉप किया.

सबसे ज्यादा कला और विज्ञान संकाय को मेडल और उपाधि: अलग-अलग संकायों में प्रथम आने वाले विद्यार्थी भी मेडल प्रकार खासा खुश नजर आए. इस बार बीएचयू में सबसे ज्यादा उपाधि और मेडल कला और विज्ञान संकाय को मिले हैं. 544 में से 247 मेडल और 6400 से ज्यादा उपाधि इन्हीं दोनों संकाय को मिली हैं. इसके अलावा 867 में से 484 पीएचडी की उपाधि भी कला और विज्ञान संकाय के खाते में आई हैं. सबसे ज्यादा 149 मेडल कला संकाय को मिले हैं, विज्ञान संकाय को 108, आईएमएस को 66 सामाजिक विज्ञान को 45 मंच कला संकाय को 43 मेडल मिले हैं.

BHU सीखाता है रिस्क लेना है: बीएचयू के दीक्षा समारोह में जेड स्केलर के सीईओ जय चौधरी ने मंच से विद्यार्थियों को मेडल वितरित किए. जय चौधरी इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के 1990 बैच के छात्र रहे हैं. उन्होंने मंच से कहा कि BHU एक ऐसी संस्था है जो विद्यार्थियों को रिस्क लेकर जीवन में आगे बढ़ने की हौसला देती है.

BHU के कारण ही वह आज इस मुकाम पर हैं. उन्होंने फॉरेन में पांच नई कंपनियों को शुरू किया है. उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वह जीवन में रिस्क लेने से कभी भी पीछे ना हटें. जब जोखिम लेंगे तभी जीवन में आगे बढ़ेंगे. BHU रिस्क लेने वाली थ्योरी ही छात्रों में गढ़ता है. इसका यही सिद्धांत आज विद्यार्थियों को सफल बना रहा है.

ये भी पढ़ेंः संभल में 46 साल से बंद शिव मंदिर को DM-SP ने खुलवाया; बिजली चोरी पकड़ने गई टीम को मिला धार्मिक स्थल

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आज यानी शनिवार से 104वें दीक्षा समारोह का आगाज हुआ. आगामी तीन दिन तक समारोह में कुल 14072 विद्यार्थियों को उपाधि और 544 को मेडल का वितरण किया जाएगा. आज स्वतंत्रता भवन में मुख्य कार्यक्रम का आगाज हुआ, जहां बातौर मुख्य अतिथि पहुंचे जेड स्केलर के सीईओ जय चौधरी ने समारोह को संबोधित किया. साथ ही मंच से 30 मेधावियों को मेडल प्रदान किया.

इस बार विश्वविद्यालय में चांसलर मेडल यूनिवर्सिटी पीजी टॉपर ईशान घोष और यूजी टॉपर प्रज्ञा प्रधान को मिला. ईशान को शास्त्री गायन में 9.96 और प्रज्ञा को वनस्पति विज्ञान में 9.72 सीजीपीए स्कोर मिले हैं. इन दोनों को विभूति नारायण सिंह मेडल से भी नवाजा गया है. इसके साथ ही अलग-अलग संकायों में पहला स्थान प्राप्त करने वाले अन्य कुल 28 विद्यार्थियों को BHU मेडल से सम्मानित किया गया है. मेडल पाने के बाद सभी छात्रों के चेहरे खुशी से खिल उठे.

BHU के दीक्षा समारोह पर संवाददाता की रिपोर्ट. (Video Credit; ETV Bharat)

बातचीत में यूनिवर्सिटी टॉपर ईशान घोष ने बताया कि उन्होंने मंच कला संकाय से शास्त्रीय संगीत में पीजी किया है. वह कोलकाता के निवासी हैं. उनकी माता मधुमिता घोष गृहिणी और पिता दुर्गा शंकर घोष फाइनेंस जनरल मैनेजर रहे हैं. 3 साल से उनके घर वालों ने उन्हें संगीत की आदत लगा दी, जिसके बाद 2019 में उन्होंने BHU के गायन विधा में यूजी किया और इसके बाद पीजी कर रहे हैं. आगे वह गायन में ही अपना भविष्य देखते हैं.

उन्होंने बताया कि, सोशल मीडिया को उन्होंने एक मददगार पिलर के रूप में प्रयोग किया. अकाउंट होने के बावजूद उन्हें सोशल मीडिया पर पोस्ट करने का शौक नहीं था बल्कि, रील और स्टेट्स वाली दुनिया से आगे निकलकर उन्होंने अपने करियर में इसे एक इनफॉर्मेटिव सोर्स के रूप में यूज किया. यही वजह है कि वह यूनिवर्सिटी में टॉप किए हैं. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरु के साथ अपने माता-पिता को दिया है.

पीएचडी कर प्रोफेसर बनना चाहती हैं टॉपर प्रज्ञा: यूजी टॉपर प्रज्ञा प्रधान मूलतः जौनपुर की निवासी हैं. प्रज्ञा ने 2021 में BHU आकार वनस्पति विज्ञान में प्रवेश लिया, उनके पिता संदीप कुमार प्रधान की जौनपुर में ज्वेलरी की दुकान है. उनकी मां संजू प्रधान गृहणी है. उन्होंने बताया कि उनके दादा वीरेंद्र कुमार वकील थे. लेकिन उन्होंने अपने घर के बैकग्राउंड को छोड़कर प्रोफेसर बनने की ओर अपनी रुचि दिखाई है.

अभी वह हायर स्टडी करेंगी उसके बाद वह आगे एकेडमिक फील्ड में ही आगे बढ़ेंगी. BHU से उनकी एमएससी चल रही है. इसके बाद वह पीएचडी करेंगी. उनकी ज्यादातर रुचि एकेडमिक फील्ड में ही है. BHU की सबसे अच्छी चीज है कि, यहां पर लैब वर्क करने को मिलता है. उन्हें लैब और थ्योरी दोनों पढ़ाई जाती है. यही वजह है कि वह पढ़ाई अच्छे से कर पाईं और उन्होंने टॉप किया.

सबसे ज्यादा कला और विज्ञान संकाय को मेडल और उपाधि: अलग-अलग संकायों में प्रथम आने वाले विद्यार्थी भी मेडल प्रकार खासा खुश नजर आए. इस बार बीएचयू में सबसे ज्यादा उपाधि और मेडल कला और विज्ञान संकाय को मिले हैं. 544 में से 247 मेडल और 6400 से ज्यादा उपाधि इन्हीं दोनों संकाय को मिली हैं. इसके अलावा 867 में से 484 पीएचडी की उपाधि भी कला और विज्ञान संकाय के खाते में आई हैं. सबसे ज्यादा 149 मेडल कला संकाय को मिले हैं, विज्ञान संकाय को 108, आईएमएस को 66 सामाजिक विज्ञान को 45 मंच कला संकाय को 43 मेडल मिले हैं.

BHU सीखाता है रिस्क लेना है: बीएचयू के दीक्षा समारोह में जेड स्केलर के सीईओ जय चौधरी ने मंच से विद्यार्थियों को मेडल वितरित किए. जय चौधरी इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के 1990 बैच के छात्र रहे हैं. उन्होंने मंच से कहा कि BHU एक ऐसी संस्था है जो विद्यार्थियों को रिस्क लेकर जीवन में आगे बढ़ने की हौसला देती है.

BHU के कारण ही वह आज इस मुकाम पर हैं. उन्होंने फॉरेन में पांच नई कंपनियों को शुरू किया है. उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वह जीवन में रिस्क लेने से कभी भी पीछे ना हटें. जब जोखिम लेंगे तभी जीवन में आगे बढ़ेंगे. BHU रिस्क लेने वाली थ्योरी ही छात्रों में गढ़ता है. इसका यही सिद्धांत आज विद्यार्थियों को सफल बना रहा है.

ये भी पढ़ेंः संभल में 46 साल से बंद शिव मंदिर को DM-SP ने खुलवाया; बिजली चोरी पकड़ने गई टीम को मिला धार्मिक स्थल

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.