भोपाल। एमपी में घायलों और गंभीर रोगियों को परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए इमरजेंसी सर्विसेज (जेएईएस) 108 एंबुलेंस सेवा गर्भवती महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है. शनिवार को 108 एंबुलेंस में किलकरियां गूंजी. एंबुेंलस के ईएमटी पायलट के मुताबिक कॉल आने के करीब 15 मिनट में एंबुलेंस मरीज के घर पहुंच गई. अस्पताल पहुंचने से पहले ही एंबुलेंस में प्रसव कराना पड़ा. महिला ने दो जुड़वा बच्चियों को जन्म दिया है. मां और दोनों बच्चियों को डीआईजी बंगला स्थित जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
एंबुलेंस रोककर रास्ते में कराया प्रसव
अमोनिया गांव रहवासी साहिबा पत्नी साबिर को सुबह प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो स्वजनों ने 108 नंबर पर सूचना दी. एम्बुलेंस से अस्पताल ले जा रही महिला को रास्ते में ही प्रसव पीड़ा तेज होने लगी. इससे उसकी हालत बिगड़ने लगी, तभी एंबुलेंस चालक ने मेडिकल टेक्नीशियन के कहने पर गाड़ी को रोक दिया. इसके बाद एंबुलेंस कर्मियों ने सुझबुझ से और ट्रेनर से बात करके महिला का सुरक्षित प्रसव कराया.
रायसेन में एक साथ जन्मे थे तीन बच्चे
बीते एक साल पहले रायसेन के गौहरगंज में अस्पताल ले जाते समय महिला ने एंबुलेंस में तीन बच्चों को जन्म दिया था. महिला गौहरगंज के एक गांव की रहने वाली थी. इसे प्रसव पीड़ा उठने पर परिजनों ने गौहरगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया था. हालत बिगड़ने पर उसे भोपाल रेफर किया गया, लेकिन इससे पहले ही अत्याधिक पीड़ा होने पर एंबुलेंस स्टाफ ने रास्ते में प्रसव कराया था.
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कर्मचारियों को मिलती है ट्रेनिंग
जेएईएस के सीनियर मैनेजर तरुण सिंह परिहार का कहना है कि 'एंबुलेंस स्टाफ को हर परिस्थिति के लिए प्रशिक्षित किया जाता है. यह कर्मचारी प्रसव कराने से लेकर हार्ट अटैक के दौरान सीपीआर, दुर्घटना में गंभीर रूप से घायलों का प्राथमिक उपचार जैसे कार्य कर सकते हैं. हमारी कोशिश होती है कि मरीजों को 108 एंबुलेंस में बेहतर सुविधाओं के साथ बेहतर सेवा भी प्रदान हो.'