भोपाल। कमलनाथ के साथ करीब बीस से ज्यादा विधायकों की टूट की कगार पर पहुंची कांग्रेस टूटते टूटते संभल गई. कमलनाथ का कांग्रेस में बने रहने के फैसले के साथ कांग्रेस भोपाल से लेकर दिल्ली तक राहत की सांस ली है. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने विधायकों के सब्र को सलाम करते हुए इसे पार्टी की बड़ी मनौवैज्ञानिक जीत बताया है. उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम के बीच भी जिस तरीके से पार्टी के विधायकों ने धैर्य का परिचय दिया वो काबिल ए तारीफ है.
सिंघार ने कहा-ये मनोवैज्ञानिक जीत
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मीडिया में अपना बयान जारी कर कहा है कि ''जिस प्रकार से तीन चार दिन का घटनाक्रम रहा. मैं सभी विधायकों को कहना चाहता हूं कि जिस तरह से आपने धैर्य का परिचय दिया, जिस तरह से आप अडिग होकर कांग्रेस के साथ खड़े रहे. ये हमारी बड़ी मनोवैज्ञानिक जीत है.'' उन्होंने विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि ''जिस प्रकार से हमने सदन में सरकार के खिलाफ कई मुद्दे उठाए, सरकार को घेरा. जिस तरह से आप पार्टी के लिए खड़े रहे उसके लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं.
न्याय यात्रा की तैयारियों में जुट जाएं विधायक
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि ''मैं आपको सैल्यूट करता हूं. आप जिस तरह से पार्टी के लिए सोचते हैं ये तारीफ ए काबिल है. कांग्रेस के नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर विश्वास जताया है.'' सिंघार ने अपील की कि दो मार्च को राहुल गांधी की न्याय यात्रा मध्यप्रदेश में प्रवेश करेगी मैं सभी से आव्हान करता हूं कि उसकी तैयारी में जुट जाएं.
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कांग्रेस के वो 72 घंटे..कमलनाथ रहेंगे या जाएंगे
लोकसभा चुनाव के एन पहले कांग्रेस के लिए ये 72 घंटे किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं थे. जिसमें पार्टी के भीतर सबसे बड़ा संकट था कि कमलनाथ कांग्रेस में रहेंगे या बीजेपी मे जाएंगे. उनके समर्थकों के बयान भी आने शुरु हो गए और तस्वीर ये बनने लगी कि अकेले कमलनाथ नहीं उनके साथ 20 से ज्यादा मौजूदा विधायक पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक और संगठन के कई पदाधिकारी भी पार्टी छोड़ सकते हैं. सिंधिया एपीसोड के बाद से छाछ भी फूंक कर पी रही पार्टी ने इस बार हालात को भांपने के साथ उन्हें संभालने में भी देरी नहीं की.