भोपाल। पुलिस मुख्यालय के सभागृह में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला हुई. इसमें नए कानूनों और उनके क्रियान्वयन के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई. कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता के रूप में सेवानिवृत्त वरिष्ठ पुलिस अधिकारी व सीबीआई के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर डी.सी.जैन ने नए कानूनों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी. कार्यशाला में मध्यप्रदेश के समस्त इकाइयों के उप पुलिस अधीक्षक सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वर्चुअल रूप से जुड़े. वहीं, पुलिस मुख्यालय एवं भोपाल के समस्त वरिष्ठ पुलिस अधिकारी प्रत्यक्ष रूप से सम्मिलित हुए.
तीन कानूनों में केंद्र सरकार ने किया है संशोधन
गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा प्रचलित आपराधिक कानून भारतीय दंड संहिता 1860 को भारतीय न्याय संहिता 2023, दंड प्रक्रिया संहिता 1973 को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 को भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के रूप में संशोधित एवं नवीनीकृत करने के बाद पारित किया गया है. इसलिए व्यापक स्तर पर न्याय प्रणाली व कानूनों के क्रियान्वयन में परिवर्तन को समझना आवश्यक है. कानूनों का पालन कराने वाली एजेंसी के रूप में पुलिस की ये जिम्मेदारी है.
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नए कानून की प्रक्रियाओं को समझना आवश्यक
कार्यशाला में प्रमुख वक्ता डीसी जैन ने तीन घंटे तक नए कानूनों के बारे में बताया. ये भी बताया कि नए कानून, पुराने कानूनों से किस प्रकार भिन्न हैं? कौन से कृत्यों को अपराध की परिधि में शामिल किया गया है? पुलिस जांच के दायरे को किस प्रकार संदर्भित किया गया है? आईटी तथा इलेक्ट्रॉनिक संसाधनों का प्रयोग किए प्रकार कानून के रूप में मान्य बनाया गया है, महिलाओं एवं बच्चों के विरुद्ध होने वाले अपराधों में क्या संशोधन किए गए हैं? पुलिस जांच को विस्तृत करने और उत्तरदायित्व को कैसे बढ़ाया गया है ? आदि बिंदुओं पर विस्तार से जानकारी दी गई. कार्यशाला के समापन अवसर पर डीजीपी सुधीर सक्सेना ने थाना स्तर तक जांचकर्ताओं को नए कानूनों के संबंध में जागरूक कर प्रभावी कार्य करने के लिए प्रेरित किया.