छिन्दवाड़ा: मध्य प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में 20000 करोड़ रुपए की लागत से सड़क बनाने का काम जल्द ही शुरू किया जाएगा. 19 अक्टूबर को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित एक सेमिनार के दौरान केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इसकी घोषणा की थी, जिसके लिए प्रस्ताव मंजूर किए गए हैं.
मध्य प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास में आएगी तेजी
मध्यप्रदेश की आधारभूत संरचना को सुदृढ़ और आधुनिक बनाने के लिए मंत्री नितिन गडकरी ने 19 अक्टूबर को भोपाल में हुए सेमिनार में घोषणा की थी. जिसके चलते प्रदेश को 20,000 करोड़ रु से अधिक की सड़क निर्माण योजनाओं की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है. इन परियोजनाओं को जल्द ही शरू किया जाएगा. लगभग 20 हजार 403 करोड़ की लागत से 27 परियोजनाओं से प्रदेश के मार्गों और सड़कों का विस्तार होगा.
प्रदेश के विकास की बढ़ेगी रफ्तार
छिन्दवाड़ा जिले के प्रभारी और लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने केंद्रीय मंत्री गडकरी और मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आभार व्यक्त करते हुए बताया, "यह सौगात प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जो राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को नई दिशा प्रदान करेगी. राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में सड़क निर्माण कार्य शुरू होंगे. जिससे यातायात में सुधार के साथ आर्थिक और सामाजिक प्रगति के नए आयाम स्थापित होंगे. इन महत्वाकांक्षी परियोजनाओं से मध्यप्रदेश में विकास की रफ्तार बढ़ेगी और राज्य के नागरिकों के लिए सफर पहले से अधिक सुगम और सुरक्षित होगा.
एनएचएआई के अंतर्गत प्रस्तावित परियोजनाएं
बैतूल-खंडवा सेक्शन (एनएच-347बी): बेतूल से मोहदा (90 कि.मी.) और मोहदा से बाराकुंड तक 2-लेन प्लस पावर्ड सेक्शन का निर्माण किया जाएगा. जिसकी लागत 1,200 करोड़ रुपये है.
देशगांव-खरगोन सेक्शन (एनएच-347बी): 65 कि.मी. लंबी इस सड़क को 4 लेन में परिवर्तित करने के लिए 1700 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है.
खरगोन-बड़वानी सेक्शन (एनएच-347बी): 35 कि.मी. की इस परियोजना में 1000 करोड़ रुपये का प्रावधान है.
बरेठा घाट (एनएच-46): इटारसी-बैतूल सेक्शन में टाइगर कॉरिडोर के इस 20 कि.मी. हिस्से को 4-लेन में परिवर्तित किया जाएगा, जिसकी लागत 550 करोड़ रुपये है.
सलकनपुर-नसरुल्लागंज-बुधनी-बाड़ी स्ट्रेच: इस 41 कि.मी. लंबे हिस्से की लागत 650 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है.
झाबुआ-रायपुरिया-पेटलावद सेक्शन: 50 कि.मी. लंबाई की इस परियोजना के लिए 650 करोड़ रुपये का प्रावधान है.
बेतूल-खंडवा पैकेज-4 (एनएच-347बी): यह 33 कि.मी. लंबी परियोजना 381 करोड़ रुपये में पूरी होगी.
सागर-कानपुर (पैकेज-3): सतिया घाट से अंगोर गांव तक 55 कि.मी. की यह सड़क 1006 करोड़ रुपये में बनेगी.
सागर-कानपुर (पैकेज-4): अंगोर गांव से एमपी/यूपी सीमा तक के 44 कि.मी. हिस्से की लागत 996 करोड़ रुपये है.
ग्वालियर सिटी बाइपास: पश्चिमी क्षेत्र में 29 कि.मी. लंबे इस बाइपास पर 1005 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
ओरछा-झांसी ग्रीनफील्ड हाईवे लिंक: NH-26 को एनएच-76 से जोड़ने वाले इस लिंक की लंबाई 14 कि.मी. होगी और इसकी लागत 491 करोड़ रुपये है.
सागर बायपास (सागर लिंक रोड-02): इस 26 कि.मी. लंबे बाइपास की लागत 756 करोड़ रुपये है.
जबलपुर-दमोह (पैकेज-1 और 3): जबलपुर से दमोह तक 80 कि.मी. लंबी इस परियोजना पर 1,773 करोड़ रुपये का व्यय होगा.
रीवा-सीधी सेक्शन (एनएच-39): 30 किमी लंबे इस सेक्शन पर 1500 करोड़ रुपये का व्यय होगा.
एनएचएआई के तहत कुल 612 कि.मी. लंबाई की परियोजनाओं का अनुमानित बजट 13,658 करोड़ रुपये है.
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सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत प्रस्तावित परियोजनाएं
मंडला बाइपास से नैनपुर बाइपास (एनएच-543): मंडला बाइपास से नैनपुर बाइपास के बीच बनने वाली 46 कि.मी. लंबे खंड की लागत 642 करोड़ रुपये का व्यय होगा.
सेंधवा-खेतिया (एनएच-752जी): इस 57 किमी लंबे हिस्से के लिए 725 करोड़ रुपये का व्यय होगा.
टिकमगढ़-ओरछा (एनएच-539): 75 कि.मी. की यह परियोजना 926 करोड़ रुपये का व्यय होगा.
शाहगढ़-टीकमगढ़ (NH-539): इस 80.1 कि.मी. लंबी सड़क की लागत 951 करोड़ रुपये का व्यय होगा.
अंजड़-बड़वानी (एनएच-347बी): 20.25 कि.मी. लंबाई की इस परियोजना पर 250 करोड़ रुपये का व्यय होगा.