भोपाल। भोपाल नगर निगम ने लोकसभा चुनाव में लगने वाली आदर्श आचार संहिता के पहले शनिवार को अपना त्रैमासिक लेखानुदान प्रस्तुत किया. जिसमें आने वाले तीन महीनों के लिए 808 करोड़ 87 लाख 48 हजार का बजट पेश किया गया.विपक्ष के हंगामे के बीच बजट पास कर दिया गया.इस अंतरिम बजट में जनता के ऊपर किसी प्रकार का टैक्स नहीं बढ़ाया गया है.लेकिन भोपाल में संचालित हो रहे नर्सिंग होम और अस्पतालों से अब बेड की संख्या के आधार पर वार्षिक शुल्क वसूलने का प्रस्ताव पास किया गया है.
परिषद की बैठक में हुआ हंगामा
राजधानी में शनिवार को नगर निगम ने अपना लेखानुदान प्रस्तुत किया. चार महीने के बाद हुई परिषद की बैठक काफी हंगामेदार रही.कांग्रेस पार्षदों ने बैठक में कई मुद्दों को लेकर हंगामा किया. नेता प्रतिपक्ष सविस्ता जकी ने इस बजट को गलत ठहराया. इसके साथ ही कई मुद्दों को लेकर बार-बार सदन में हंगामा हुआ. पिछली बार की तरह ही इस बार भी महापौर मालती राय ने लोकहित के सवालों के जवाब मौखिक ना देते हुए लिखित में दिए. जिसको लेकर विपक्ष ने हंगामा किया और नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी का घेराव किया. नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस पार्षद दल सदन में ही धरने पर बैठ गए और महापौर से मौखिक जवाब की मांग करने लगे.
'महापौर की तानाशाही नहीं चलेगी'
बैठक में विपक्ष ने कहा कि महापौर का रवैया तानाशाह जैसा है. कांग्रेस पार्षद शीरीन खान ने भोपाल सीमा में संचालित पटाखा फैक्ट्रियों की सुरक्षा और दुकानों की संख्या को लेकर सवाल किया था. उन्होनें निगम प्रशासन, जिला प्रशासन से पूछा कि आपकी क्या नीति है सदन में स्पष्ट की जाए.जिस पर महापौर ने कहा लिखित जवाब पढ़ लें. नेता प्रतिपक्ष ने कहा पढ़कर सुनाया जाए, शहर की जानता जवाब सुना चाहती है जिस पर महापौर ने मौखिक जवाब न देने के कारण महापौर की तानाशाही नहीं चलेगी के नारों से सदन गूंजता रहा.
जनता पर कोई नया टैक्स नहीं
अंतरिम बजट में जनता पर नगर निगम ने किसी प्रकार का कोई नया कर नहीं लगाया गया है साथ ही ना ही प्रॉपर्टी टैक्स में कोई वृद्धि की है. हालांकि एमआईडीसी मेंबर जगदीश यादव ने शहर के नर्सिंग होम और हॉस्पिटल से प्रतिवर्ष लिए जाने वाले टैक्स में अब बेड के हिसाब से स्लैब तय करने का प्रस्ताव दिया. नेता प्रतिपक्ष ने इसका भी विरोध किया इस पर नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने कहा कि नगर निगम में प्रस्ताव पास होने के बाद निर्णय के लिए शासन के पास जाएगा.
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अब बेड के हिसाब से टैक्स स्लैब का प्रस्ताव
राजधानी भोपाल में संचालित हो रहे हैं नर्सिंग होम और हॉस्पिटलों को अब बेड के हिसाब से सालाना लाइसेंस की फीस चुकानी होगी. जिसमें 1 से 15 बेड वाले अस्पताल को 10 हजार, 1 से 30 बेड वाले अस्पताल को 20 हजार, 60 बेड वाले अस्पताल को 30 हजार, 100 बेड वाले अस्पताल को 50 हजार रुपये सालाना चुकाने होंगे. वहीं 150 बेड वाले अस्पताल को एक लाख रुपये, 200 बेड वाले अस्पताल को दो लाख सालाना, 300 बेड वाले अस्पताल को तीन लाख रुपये तो 300 से अधिक बेड वाले अस्पताल को सालाना 5 लाख रुपये लाइसेंस फीस के रूप में चुकाने होंगे.इससे नगर निगम की आय में वृद्धि होगी. इस नए टैक्स स्लैब को लेकर डॉक्टरों की तरफ से पहले ही सहमति ले ली गई है.