भोपाल: राजधानी में आंख मूंदकर अंधाधुंध निर्माण कार्य किए जा रहे हैं. यहां तक कि लोग निर्माण करने से पहले नगर निगम और टीएंडसीपी से भी परमिशन लेना उचित नहीं समझते. ऐसा ही एक मामला नर्मदापुरम रोड पर बन रहे एक होटल का है. जहां भूखंड मालिक करीब 80 हजार वर्ग फीट पर होटल का निर्माण कर रहा था. जिसमें करीब 30 फीट नीचे तक खोदाई भी कर ली, लेकिन अनुमति लेना जरुरी नहीं समझा. इसकी जानकारी नगर निगम के बिल्डिंग परमिशन शाखा को लगी तो अधिकारी अमले को लेकर कार्रवाई करने पहुंचे.
3 दिन में गड्ढा नहीं भरा तो 3 करोड़ रुपये जुर्माना
नगर निगम ने खोदे गए गड्ढे को 3 दिन में भरने का नोटिस दिया है. वहीं, निगम ने कहा है कि यदि यह गड्ढा नगर निगम को भरना पड़ा तो 3 करोड़ रुपए देने पड़ेंगे. दिनभर चली कार्रवाई के दौरान अमले ने गैस कटर की मदद से यहां फाउंडेशन बनाने के लिए खड़े किए गए सरिये के जाल को काटा और जब्त कर लिया. बता दें कि आशिमा मॉल से सटे प्लॉट पर किशन मोदी का 10 मंजिला होटल बन रहा है. इसके लिए यहां 30 फीट से भी ज्यादा गहराई तक खुदाई की गई है.
गड्ढे में पानी भरने से दीवार गिरी
होटल के लिए किए गए गड्ढे में बारिश का पानी भर गया, जिससे जमीन में नमी आ गई और मिट्टी खिसकने लगी. जिसमें आशिमा मॉल सहित पारस हर्मिटेज, रहवासी सोसाइटी और वसुंधरा मैरिज गार्डन की बाउंड्री वॉल गिर चुकी है. इस मामले को लेकर आशिमा मॉल ने मिसरोद थाने में एफआईआर दर्ज कराई है और थाने की ओर से नोटिस भी जारी किया गया है.
कार्रवाई करते अधिकारियों को रोकने की कोशिश
नगर निगम का अमला सोमवार सुबह करीब 11 बजे निर्माण स्थान पर पहुंचा और अधिकारियों की ओर से मिसरोद थाने को कार्रवाई की सूचना दी गई. जिसके बाद 4 पुलिसकर्मियों को वहां तैनात किया गया. इस दौरान निर्माण कार्य की देखरेख करने वाले कर्मचारियों ने अमले को रोकने की कोशिश की, लेकिन पुलिस बल देखकर पीछे हट गए. वहीं, बताया जा रहा है कि निगम अधिकारियों के पास दिन भर काम रुकवाने के लिए स्थानीय नेताओं से जुड़े लोगों के फोन आते रहे.
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मामला गरमाया तो टीएंडसीपी में किया आवेदन
200 फीट चौड़े और 400 फीट लंबाई वाले इस प्लॉट पर 30 फीट से भी अधिक गहराई तक खोदाई की गई है. ऐसे में इस गड्ढे को भरने में करीब 3 करोड़ रुपए का अनुमानित खर्च बताया जा रहा है. जिसको लेकर कहा गया है कि यदि निगम ने गड्ढा भरा तो इस पर खर्च होने वाली राशि की निर्माणकर्ता से वसूली की जाएगी. वहीं, निर्माण कार्य शुरू करने से पहले टीएंडसीपी या बिल्डिंग परमिशन शाखा किसी से भी परमिशन नहीं ली गई. जब मामला गरमाया तो टीएंडसीपी में आवेदन किया गया है. बताया जा रहा है कि मौके पर निर्माण कार्य शुरू हो जाने के बाद अब ऐसे में अनुमति नहीं मिल सकती है और बिना टीएंडसीपी के बिल्डिंग परमिशन भी जारी नहीं होगी.