भोपाल। एमपी में नर्सिंग घोटाले के बाद परीक्षाओं पर लगा ब्रेक हट गया है. दरअसल घोटाला उजागर होने के बाद हाईकोर्ट ने नर्सिंग की परीक्षाओं पर रोक लगा दी थी. जिससे अब छूट मिल गई है. जिसके बाद मंगलवार को उप मुख्यमंत्री और चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने परीक्षाओं के कैलेंडर को लेकर समीक्षा की थी. इसके बाद बुधवार को नर्सिंग छात्रों का टाइम टेबल जारी कर दिया गया है.
अगस्त में शुरू होंगी नर्सिंग परीक्षाएं
बीएससी नर्सिंग प्रथम वर्ष की परीक्षा का आयोजन 8 अगस्त से 27 अगस्त तक होगा. इसके लिए 2300 रुपये शुल्क जमा करना होगा. इसी प्रकार एमएससी प्रथम वर्ष की परीक्षा 13 अगस्त से 27 अगस्त तक होगी. इसके लिए विद्यार्थियों को 7100 रुपये शुल्क चुकाना होगा. जबकि पीबीबीएससी प्रथम वर्ष की परीक्षा 6 अगस्त से 2 सितंबर तक आयोजित की जाएगी. इसके लिए 3550 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है. ये सभी परीक्षाएं सुबह 10.30 बजे से 1.30 बजे तक आयोजित होंगी.
एक लाख से अधिक छात्र देंगे परीक्षा
एमपी के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने नर्सिंग की जल्द से जल्द परीक्षा कराकर रिजल्ट जारी करने का भी निर्देश दिया है. जिसको लेकर विभाग ने कैलेंडर भी तैयार कर लिया है. जिसके तहत बीएससी नर्सिंग, एमएससी, पीबीबीएससी और जीएनएम कोर्स की परीक्षाएं कराई जाएंगी. इन परीक्षाओं में करीब एक लाख से अधिक छात्र बैठेंगे.
2019-20 से नहीं हुआ नर्सिंग परीक्षा का आयोजन
साल 2019-20 से 2022-23 के बीच नर्सिंग की परीक्षाएं आयोजित नहीं हुई. जिसके चलते नर्सिंग के करीब एक लाख छात्र परेशान हो रहे थे. स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के निर्देश के बाद अब बीएससी नर्सिंग, एमएससी, पीबीबीएससी और जीएनएम के छात्रों की रुकी हुई परीक्षाएं होंगी. परीक्षाएं नहीं होने से बीएससी नर्सिंग, एमएससी, पीबीबीएससी वर्ष 2019-20 के लगभग 20 हजार छात्र, वर्ष 2020-21 के 30 हजार, वर्ष 2021-22 के 10 हजार और वर्ष 2022-23 के 10 हजार छात्र प्रभावित हो रहे थे. इसके साथ ही जीएनएम, एएनएम कोर्स के वर्ष 2020-21 और 2021-22 के 25 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं की मुख्य परीक्षाएं इसी वर्ष अक्टूबर तक पूरी हो जाएंगी.
जांच के चलते नहीं हो पा रही थी परीक्षा
दरअसल एक लाख छात्रों की परीक्षा नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े की वजह से अटकी थीं. इस फर्जीवाड़े की शुरुआत साल 2020 से हुई थी. साल 2019 तक प्रदेश में 450 नर्सिंग कॉलेज पंजीकृत थे. लेकिन साल 2020 से 2022 तक 200 नए नर्सिंग कॉलेज पंजीकृत हुए. यहीं से इन कॉलेज को लेकर कुछ लोगों ने कोर्ट में याचिकाएं दायर कर दीं. उन्होंने आरोप लगाया कि कई कॉलेज फर्जी हैं. इन याचिकाओं को सुनने के बाद कोर्ट ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को दे दी. सीबीआई ने पहले चरण में प्रदेश के 700 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेज में से करीब 308 कॉलेज की जांच की. इसमें सीबीआई ने 169 नर्सिंग कॉलेज को सूटेबल यानी पूर्ण, 66 कालेज को अनसूटेबल यानी अपूर्ण कैटेगरी में रखा जबकि 73 कॉलेजों को अनुपयुक्त बताया था.
कांग्रेस 1 जुलाई से करेगी प्रदेशस्तरीय प्रदर्शन
नर्सिंग घोटाले की वजह से विद्यार्थियों को हो रही परेशानी को लेकर कांग्रेस 1 जुलाई से प्रदेश स्तर पर प्रदर्शन करने वाली है.
इस दौरान जिला व शहर कांग्रेस कमेटियों द्वारा जिला स्तरीय धरना-प्रदर्शन, मुख्यमंत्री एवं चिकित्सा मंत्री के पुतला दहन कार्यक्रम आयोजित किये जाने का निर्णय लिया गया है. प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष संगठन प्रभारी राजीव सिंह ने कहा कि "प्रदेश में लगातार शिक्षा माफिया द्वारा किये जा रहे शिक्षा घोटालों से सत्तारूढ़ प्रदेश की भाजपा सरकार के कार्यकाल में युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो गया है."