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बीजेपी के नारे को मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनाया, बोले- कटेंगे तो बटेंगे, एक हैं तो सेफ हैं

बीजेपी के एक हैं तो सेफ हैं और बटेंगे तो कटेंगे नारे का इस्तेमाल इस समय भोपाल में जोर-शोर से किया जा रहा है.

BHOPAL HEALTH WORKERS ANDOLAN
बीजेपी के नारे को मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनाया (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 2 hours ago

भोपाल: राजधानी भोपाल में सोमवार को सभी स्वास्थ्य अधिकारी-कर्मचारी महासंघ के आव्हान पर 15 सूत्रीय मांगों को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान कर्मचारियों ने बटेंगे तो कटेंगे और एक हैं तो सेफ हैं, के नारे लगाए. बता दें कि स्वास्थ्यकर्मी 11 नवंबर से प्रदेश में चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं. सोमवार को राजधानी के अंबेडकर मैदान से स्वास्थ्य कर्मचारियों ने मांग पूरी न होने पर आंदोलन करने की हुंकार भरी.

एक हैं तो सेफ हैं

अंबेडकर मैदान में प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों को संबोधित करते हुए एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ सिवनी के जिला अध्यक्ष धीरज पाल ने कहा कि 'मंहगाई को थोड़ा और चरम पर पहुंचने दीजिए. यह तनख्वाह घर चलाने के लिए नाकाफी होगी. यदि आज भी हमारे साथी नहीं जागते हैं, अगर हम एक नहीं होते हैं, तो बिल्कुल सेफ नहीं रहेंगे. यह बात मान लीजिए. धीरज पाल ने आगे कहा कि इतना बड़ा आदमी इतनी बड़ी बात हमें समझा रहा है कि हम बटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो सेफ रहें. फिर भी हम समझ नहीं रहे हैं.'

ये हैं संगठन की मुख्य मांगें

संविदा नीति 2023 एनएचएम पूर्ण रूप से लागू की जाए. जिससे संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को उसका लाभ मिले. संविदा स्वास्थ्य संवर्ग की वेतन विसंगति दूर की जाए.

नर्सेस पर हड़ताल अवधि में की गई कार्रवाई को निरस्त किया जाय. एएनएम/एम पी डबल्यू की हड़ताल अवधि 23 दिवस का वेतन भुगतान किया जाए.

स्वास्थ्य विभाग की भांति ग्वालियर, रीवा मेडिकल कॉलेज दी जा रही, उसी प्रकार अन्य सभी मेडिकल कॉलेज में भी नर्सिंग संवर्ग को 3 व 4 वेतनवृद्धि दी जाए.

जब तक प्रमोशन नहीं होते तब तक वरीयता के आधार पर प्रभार दिया जाए.

तीन वर्ष की परिवीक्षा अवधि आदेश को निरस्त किया जाए.

सातवें वेतनमान का लाभ 2016 से दिया जाए.

चिकित्सकों की भांति अन्य कर्मचारियों को भी रात्रिकालीन भत्ता दिया जाए.

संचालनालय स्तर पर सहायक संचालक एफसी नर्सिंग के पद पर नर्सिंग कैडर को ही वरिष्ठता के आधार पर पदस्थ किया जाए.

स्वास्थ्य विभाग में वर्षाें से कार्यरत आउटसोर्स, रोगी कल्याण समिति अंतर्गत कर्मचारियों को स्थाई करने वेतन बढ़ाने हेतु ठोस नीति बनाई जाए.

नर्सिंग संवर्ग, फार्मासिस्ट, रेडियोग्राफर, बायोकेमिस्ट, लैब टेक्नीशियन, नेत्र सहायक, ड्रेसर, सभी वर्ग के टैक्नीशियन आदि सभी संवर्गों की वेतन विसंगति दूर कर पदनाम परिवर्तन किया जाए.

भोपाल: राजधानी भोपाल में सोमवार को सभी स्वास्थ्य अधिकारी-कर्मचारी महासंघ के आव्हान पर 15 सूत्रीय मांगों को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान कर्मचारियों ने बटेंगे तो कटेंगे और एक हैं तो सेफ हैं, के नारे लगाए. बता दें कि स्वास्थ्यकर्मी 11 नवंबर से प्रदेश में चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं. सोमवार को राजधानी के अंबेडकर मैदान से स्वास्थ्य कर्मचारियों ने मांग पूरी न होने पर आंदोलन करने की हुंकार भरी.

एक हैं तो सेफ हैं

अंबेडकर मैदान में प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों को संबोधित करते हुए एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ सिवनी के जिला अध्यक्ष धीरज पाल ने कहा कि 'मंहगाई को थोड़ा और चरम पर पहुंचने दीजिए. यह तनख्वाह घर चलाने के लिए नाकाफी होगी. यदि आज भी हमारे साथी नहीं जागते हैं, अगर हम एक नहीं होते हैं, तो बिल्कुल सेफ नहीं रहेंगे. यह बात मान लीजिए. धीरज पाल ने आगे कहा कि इतना बड़ा आदमी इतनी बड़ी बात हमें समझा रहा है कि हम बटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो सेफ रहें. फिर भी हम समझ नहीं रहे हैं.'

ये हैं संगठन की मुख्य मांगें

संविदा नीति 2023 एनएचएम पूर्ण रूप से लागू की जाए. जिससे संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को उसका लाभ मिले. संविदा स्वास्थ्य संवर्ग की वेतन विसंगति दूर की जाए.

नर्सेस पर हड़ताल अवधि में की गई कार्रवाई को निरस्त किया जाय. एएनएम/एम पी डबल्यू की हड़ताल अवधि 23 दिवस का वेतन भुगतान किया जाए.

स्वास्थ्य विभाग की भांति ग्वालियर, रीवा मेडिकल कॉलेज दी जा रही, उसी प्रकार अन्य सभी मेडिकल कॉलेज में भी नर्सिंग संवर्ग को 3 व 4 वेतनवृद्धि दी जाए.

जब तक प्रमोशन नहीं होते तब तक वरीयता के आधार पर प्रभार दिया जाए.

तीन वर्ष की परिवीक्षा अवधि आदेश को निरस्त किया जाए.

सातवें वेतनमान का लाभ 2016 से दिया जाए.

चिकित्सकों की भांति अन्य कर्मचारियों को भी रात्रिकालीन भत्ता दिया जाए.

संचालनालय स्तर पर सहायक संचालक एफसी नर्सिंग के पद पर नर्सिंग कैडर को ही वरिष्ठता के आधार पर पदस्थ किया जाए.

स्वास्थ्य विभाग में वर्षाें से कार्यरत आउटसोर्स, रोगी कल्याण समिति अंतर्गत कर्मचारियों को स्थाई करने वेतन बढ़ाने हेतु ठोस नीति बनाई जाए.

नर्सिंग संवर्ग, फार्मासिस्ट, रेडियोग्राफर, बायोकेमिस्ट, लैब टेक्नीशियन, नेत्र सहायक, ड्रेसर, सभी वर्ग के टैक्नीशियन आदि सभी संवर्गों की वेतन विसंगति दूर कर पदनाम परिवर्तन किया जाए.

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