भोपाल: हमीदिया अस्पताल में काम कर रहे करीब एक हजार से अधिक आउटसोर्स कर्मियों को बीते तीन माह से वेतन नहीं मिला है. इससे नाराज होकर अस्पताल के सभी आउटसोर्स कर्मियों ने काम बंद हड़ताल कर दी. जिससे अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई. करीब 5 घंटे तक सुबह 7 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक न तो मरीजों के पर्चे बन सके और न ही गंभीर मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया गया.
हड़ताल के बाद वेतन और बोनस का आश्वासन
बता दें कि हमीदिया में करीब 2 हजार से अधिक आउटसोर्स कर्मचारी हैं. जिनमें एक हजार कर्मचारियों का वेतन सरकार देती है. जबकि बचे हुए एक हजार से अधिक आउटसोर्स कर्मचारी गांधी मेडिकल कालेज के आधीन काम करते हैं. इन्हें कॉलेज के आटोनोमस फंड से पैसा दिया जाता है, लेकिन कॉलेज के पास फंड नहीं होने से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है. हालांकि हड़ताल के बाद अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुनीत टंडन ने कर्मचारियों को दीपावली से पहले 3 महीने का वेतन और बोनस देने का आश्वासन दिया है.
किश्त नहीं चुका पाया, तो बैंक वाले उठा ले गए बाइक
आउटसोर्स कर्मचारियों को बीते 3 माह से वेतन नहीं मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति गड़बड़ा रही है. आउटसोर्स कर्मचारी लोन की किश्त नहीं चुका पा रहे हैं. वार्ड बॉय विनय तहार ने बताया कि उन्हें हर महीने 8,400 रुपए मिलते हैं. इसमें बच्चों की पढ़ाई, घर का किराया, माता-पिता की दवा के साथ लोन की किस्त जमा करनी पड़ती है. फीस और अन्य खर्च उधारी में चल रहे हैं, लेकिन किश्त नहीं चुकाने पर बैंक वाले बाइक उसे उठा ले गए.' इसी तरह महिला कर्मचारी तबस्सुम ने बताया कि 'वह परिवार में अकेली कमाने वाली है. उनका एक छोटा बेटा है. वे बताती है कि वेतन नहीं मिलने से घर चलाना मुश्किल हो गया है.'
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वेतन के लिए सरकार से मांगे 10 करोड़ रुपये
अस्पताल में करीब 500 वार्ड बॉय, 500 हाउसकीपिंग और 300 से अधिक कम्प्यूटर ऑपरेटर, लैब टेक्निशियन, ओटी टेक्निशियन व अन्य ऑफिस स्टाफ हैं. इनको हर महीने 8,400 से लेकर 20,000 हजार रुपये तक वेतन मिलता है, लेकिन कॉलेज के पास फंड नहीं होने से बीते 3 महीने से भुगतान नहीं हुआ. अस्पताल के अधीक्षक डॉ. टंडन ने बताया कि हमीदिया में हर महीने आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन के लिए 2.50 करोड़ रुपये की जरुरत होती है. चूंकि कालेज के आटोनोमस फंड में पैसे नहीं हैं. ऐसे में सरकार से 10 करोड़ रुपये की मांग की है.