भोपाल। एमपी के सभी 55 जिलों में एक-एक प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस की शुरुआत होगी. इनका नवीन सत्र 1 जुलाई 2024 से शुरु होगा. भोपाल में शासकीय हमीदिया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय को प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के रुप में अपग्रेड किया जाएगा. खास बात यह है कि अब इस कॉलेज में छात्राएं भी प्रवेश ले सकेंगी. इसके पहले तक यहां केवल छात्रों को ही दाखिला मिलता था. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रालय में आयोजित बैठक में उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा की एवं अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.
6.47 करोड़ रुपये से बनेगी नई बिल्डिंग
प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के रुप में अपग्रेड होने के बाद हमीदिया कॉलेज की पुरानी बिल्डिंग की मरम्मत होगी. साइंस की कक्षाओं के लिए नई बिल्डिंग बनाई जाएगी. दूसरे जिलों के छात्रों के लिए हास्टल का निर्माण किया जाएगा. इसके लिए सरकार ने हमीदिया कॉलेज को 6.47 करोड़ रुपये का बजट दिया है. इसके साथ ही व्यवस्थाओं में सुधार करने के लिए 40 लाख रुपये की राशि जारी की गई है.
इंटरव्यू के बाद रखे जाएंगे शिक्षक
प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में परफार्मेंस के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति होगी. पूर्व में काम कर शिक्षकों का टेस्ट लिया जाएगा. जो कॉलेज के हिसाब से फिट नहीं होंगे, उनका दूसरे कालेजों में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. वहीं नए शिक्षक आएंगे, उनका पहले इंटरव्यू लिया जाएगा. शिक्षकों को सरकार विशेष प्रशिक्षण भी दिलवाएगी.
78 साल बाद लड़कियों को मिलेगा एडमिशन का मौका
हमीदिया कॉलेज की शुरुआत आजादी से पहले वर्ष 1946 में की गई थी. तब से यहां केवल छात्रों का ही एडमिशन दिए जाते थे. लेकिन प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस बनने के बाद 78 साल में पहली बार छात्राओं को भी इस कॉलेज में एडमिशन लेने का मौका मिलेगा. उच्च शिक्षा विभाग द्वारा ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया में हिस्सा लेकर छात्राएं हमीदिया कॉलेज से यूजी और पीजी का कोर्स कर सकती हैं.
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डिग्री पूरी करते ही मिलेगी नौकरी
उच्च शिक्षा विभाग ने औद्योगिक संस्थानों और सेवा प्रदाताओं से अनुबंध किया है. इसके तहत सेंटर फार रिसर्च इन स्कीम्स एंड पालिसी के कोर्सों का प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कॉलेज में संचालन किया जाएगा. अभी हमीदिया कॉलेज में बीबीए एंड बीकॉम रिटेल ऑपरेशन्स और बीकॉम इन फायनेंस, इंश्योरेंस एंड बैकिंग सर्विसेस का व्यवसायिक पाठ्यक्रम शुरु किया गया है. इसमें दो वर्ष तक कॉलेज में थ्योरी पढ़ाई जाएगी. इसके बाद छात्रों को संबंधित औद्योगिक क्षेत्रों में प्रशिक्षण की सुविधा भी मिलेगी. जिसका उन्हें स्टायफंड भी मिलेगा. यदि उसका परफार्मेंस ठीक रहता है, तो ट्रेनिंग देना वाला संस्थान उनकी नियुक्ति भी कर लेगा.