भोपाल। मध्यप्रदेश में नियमितीकरण समेत अन्य मांगों को लेकर भोपाल के अंबेडकर पार्क में जुटे अतिथि शिक्षकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. पुलिस द्वारा यह कार्रवाई बिना किसी सूचना के की गई. लाठीचार्ज करने से पहले पुलिस ने प्रदर्शन स्थल पर लाइट बंद करवा दी. जिससे रात के अंधेरे में लोग लाठी चलाने वालों को न पहचान सकें. साथ ही वीडियो में भी स्पष्ट दिखाई न दें. पुलिस लाठीचार्ज में कई अतिथि शिक्षक घायल हुए हैं.
अतिथि शिक्षकों के खिलाफ भोपाल पुलिस ने की एफआईआर
गांधी जयंती के अवसर पर प्रदेश भर के अतिथि शिक्षक अपनी लंबित मांगों को लेकर अंबेडकर मैदान में प्रदर्शन कर रहे थे. दोपहर में ही पुलिस इस प्रदर्शन को रोकना चाहती थी. इसके लिए भीड़ को तितर-बितर करने के लिए गोली चलाने की चेतावनी भी दी गई थी. जब इसके बावजूद अतिथि शिक्षक धरना स्थल से नहीं हटे तो रात के अंधेरे में उन पर लाठीचार्ज कर दिया गया. इसके बाद अतिथि शिक्षकों को बस में भरकर पुलिस ने अलग-अलग क्षेत्रों में छोड़ दिया. अब पुलिस ने टीटी नगर थाने में अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष केसी पवार, संगठन के ही बीएम खान, मुकेश लोधी और संतोष के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
नियमितीकरण के नाम पर ठगे जा रहे अतिथि
अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के प्रवक्ता रविकांत गुप्ता ने बताया "2019 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अतिथि शिक्षकों को नियमित करने का वादा किया था. लेकिन सरकार बनने के बाद उन्होंने ध्यान नहीं दिया. हमने उस समय ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की थी. उन्होंने कहा था कि अतिथि शिक्षकों के लिए जरूरत पड़ी तो मैं सड़क पर उतर जाऊंगा. साल 2023 के विधानसभा चुनाव के पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में महापंचायत बुलाई. इसमें उन्होंने अतिथि शिक्षकों को लेकर कई वादे किये थे. लेकिन सरकार बनते ही मुख्यमंत्री बदल गए और अब महापंचायत की घोषणाएं पूरी नहीं हो रही हैं.ठ
राज्यपाल और संघ को अपनी पीड़ा बताएंगे अतिथि शिक्षक
अतिथि शिक्षक संघ का कहना है कि सरकार उनके खिलाफ तानाशाही रवैया अपना रही है. गांधी जयंती पर हजारों अतिथि शिक्षक शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे. इसके बावजूद बिना सूचना के उन पर पुलिस ने लाठियां बरसाईं. इससे अतिथि शिक्षक आहत हैं और वो अब अपने जिलों में लौटकर क्षेत्रीय स्तर पर प्रदर्शन करेंगे. अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के अध्यक्ष सुनील सिंह परिहार ने बताया "अब अतिथि शिक्षक अपनी मांगों और सरकार के वादों को लेकर राष्ट्रपति, राज्यपाल को पत्र लिखेंगे. इसके साथ ही क्षेत्रीय स्तर पर भाजपा विधायक, सांसद, जिलाध्यक्ष और आरएसएस के विस्तारकों से मिलकर अपना पक्ष रखेंगे. उनसे सवाल किया जाएगा कि क्या वे अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण के पक्ष में हैं."
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प्रदर्शन में आए अतिथि शिक्षकों के पास नहीं बचा किराया
प्रवक्ता रविकांत गुप्ता ने बताया "गांधी जयंती के दिन रात होते ही पुलिस ने अतिथि शिक्षकों पर बर्बरतापूर्वक लाठियां बरसाईं. ऐसे में लोग बचते बचाते कहीं का कहीं पहुंच गए. पुलिस वैन ने भी अतिथि शिक्षकों को भरकर दूसरे स्थान पर पहुंचा दिया. ऐसे में कई अतिथि शिक्षक अपने साथ आए लोगों से बिछड़ गए. कई अतिथि शिक्षकों के पास वापस घर लौटने के पैसे नहीं थे. जिसके बाद अन्य लोगों ने चंदा कर लोगों को घर पहुंचने तक का किराया दिया. वहीं रातभर हजारों अतिथि शिक्षक रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर पड़े रहे. ऐसे अतिथि शिक्षक 5 महीने से सेवा में नही हैं, उनका पुराना वेतन भी नहीं मिला है."