भोपाल। देश में भोपाल की दुर्गा उन्हाले इकलौती कलाकार हैं, जिन्होंने सुबबूल की फलियों से 500 से ज्यादा आकर्षक कलाकृतियां बनाई हैं. उनके इस यूनिक आर्ट के लिए उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है. कलाकार दुर्गा उन्हाले बताती हैं "बचपन से ही कलाकृतियों का शौक था. शादी होकर भोपाल आई तो बीएचईएल के क्वार्टर में रहने लगे. इसके आसपास सुबबूल के बड़ी संख्या में पेड़ लगे थे. इसकी फली के दोनों तरफ अलग-अलग रंग को उन्होंने देखे."
सुबबूल की फलियों को देखकर कैसे आया विचार
दुर्गा बताती हैं "सुबबूल की फली को उन्होंने अलग-अलग तरह से मोड़कर देखा. इसके बाद विचार आया कि इन्हें डार्क और लाइट शेड का उपयोग कर इससे कुछ बनाया जा सकता है. फिर इससे कलाकृतियां बनाने की शुरूआत की और करीब 5 साल की मेहनत के बाद कलाकृतियां बनाने में फिनिशिंग आ पाई. शुरूआत में बनाई गई कलाकृतियों को लोगों ने सराहा तो उत्साह बढ़ता गया. इसके बाद इन पेड़ों की फलियों से पहले छोटी-छोटी कलाकृतियां बनाईं और फिर बड़े आकार की."
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दुर्गा अब तक 500 कलाकृतियां बना चुकी हैं
दुर्गा बताती हैं "इन फलियों से कलाकृतियां बनाना आसान काम नहीं है. यदि एक दिन में 5 से 6 घंटे काम किया जाए तो एक कलाकृति बनाने में कम से कम 3 माह का समय लग जाता है. इसके लिए काम की फलियों को सिलेक्ट करना और इसके बाद इन्हें पानी में भिगोकर आकार देना होता है, क्योंकि सूखने पर ये टूट जाती हैं. वह अब तक वे 500 से ज्यादा कलाकृतियां बना चुकी हैं. घर के एक कमरे में यह कलाकृतियां ही भरी हुई हैं. वे इसकी प्रदर्शनी भी लगा चुकी हैं, जिसमें देखने आने वाले लोगों द्वारा खूब सराहा गया. उनके इस यूनिक कलाकृतियों के लिए उनका नाम हाल ही में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है."