भोपाल। मध्यप्रदेश में सरकार द्वारा सहकारी समितियों के माध्यम से बेराजगारों को स्वरोजगार से जोड़ने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. नवाचार के तहत स्वरोजगार से जोड़ने की कोशिश की जा रही है. सहकारिता के माध्यम से समृद्धि तक का रोडमैप तैयार है. इसी संबंध में शनिवार को भोपाल के राज्य सहकारी संघ कार्यालय में सहकारी संस्थाओं के उत्पादों व कार्यों के संबंध में प्रदर्शनी और कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसका शुभारंभ सहकारिता और खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास सारंग ने किया.
कड़कनाथ से 3 लाख सालाना कमाई
सहकारी समितियों की प्रदर्शनी में कड़कनाथ का जलवा दिखा. मंत्री विश्वास सारंग ने बताया "जब मैं झाबुआ गया तो वहां कड़कनाथ को लेकर काम करने वाले किसान और सहकारी संस्थाओं के सदस्यों से मिला. उनकी संस्थाएं बनवाईं. आज उस संस्था का हर सदस्य कड़कनाथ का पालन कर 2.5 से 3 लाख रुपये हर साल कमा रहा है. ये सोने का अंडा देने वाली नस्ल है." वैसे भी मुर्गी पालन फायदे का सौदा है लेकिन कड़कनाथ ने लोगों की आर्थिक स्थिति सुधारी है. प्रदर्शनी में शामिल कड़कनाथ मुर्गे को देखने में लोग खासी रुचि दिखा रहे हैं. इससे कमाई को किस प्रकार बढ़ाया जाए, इस बारे में सहकारी समितियों के सदस्यों से जानकारी ले रहे हैं.
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प्रदर्शनी में बाग प्रिंट से बने थैले व कपड़े
प्रदर्शनी में बाग प्रिंट से बने थैले व कपड़े, हाथ से बनी हुई मनमोहक दीवार घड़ियां, कपड़े व सामाजिक संस्थाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पादों को शामिल किया गया है. बाग प्रिंट, प्याज उत्पादन, पीएम सूर्य घर योजना को लेकर सहकारी संस्थाएं काफी काम कर रही है. सोलर लाइट का उत्पादन और इसके इंस्टालेशन में भी सहयोग कर रही हैं. मंत्री सारंग ने बताया "एक जिला एक उत्पाद के तहत प्रमुख उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सहकारी समितियां बनाई गई हैं. अब सहकारी समितियों के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए फेडरेशन की स्थापना की जाएगी. सहकारिता से स्वाबलंबन और रोजगार पर जोर दिया जाएगा."