भोपाल। भैंसाखेड़ी में करीब 10 साल पहले बिल्डर कन्हैयालाल ज्ञानचंदानी ने फर्जी खसरे के आधार पर कागजों में हेरफेर कर अवैध प्लॉटिंग कर दी. इतना ही नहीं उसने 50 से अधिक लोगों को ये प्लॉट बेच भी दिए, जब भूखंड धारक प्लॉट पर कब्जा लेने के लिए पहुंचे तो पता चला कि यह जमीन तो किसी और के नाम पर दर्ज है. अब भूखंड धारक न्याय के लिए बिल्डर और पुलिस-प्रशासन के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है.
आर्मी और पुलिस जवानों के साथ भी की ठगी
पीड़ित परिवारों ने बताया कि करीब 50 लोगों को 4.80 करोड़ रुपये के 60 प्लाट बेचे गए हैं. इस दौरान बिल्डर ने आर्मी और पुलिस के जवानों को भी अपना शिकार बनाया. इनमें से कुछ लोगों ने जब जनवरी 2024 में निर्माण कार्य शुरू किया तो उन्हें पता चला कि जिस जमीन पर उन्हें प्लाट बेचा गया है. वह जमीन तो बिल्डर की है ही नहीं लेकिन प्लॉट बेचते समय बिल्डर कन्हैयालाल द्वारा रजिस्ट्री और नामांतरण भी करवाया गया है. लोगों को जमीन दिखाने के बाद कागजों में हेरफेर और खसरा नंबर बदलकर नामांतरण कराया गया.
निर्माण शुरु किया तो चलवा दी जेसीबी
पीएचक्यू से रिटायर्ड पुलिस के कर्मचारी राम विलास दुबे ने बताया कि उनकी पत्नी शांति दुबे और उन्होंने सारा जीवन पैसे जोड़कर साईं नगर में तीन प्लॉट खरीदे थे. साथ ही उन्होंने अपनी बेटी को भी एक प्लाट दिलाया था. बिल्डर द्वारा जो नक्शा दिखाया गया था, उसमें पूरी कालोनी में सड़कें, स्ट्रीट लाइट और नालियां और सीवेज का काम करवाकर देने की बात कही थी लेकिन कुछ समय पहले उन्होंने मकान बनाने के लिए निर्माण कार्य शुरू किया और मकान की नींव भी बना दी. इसी दौरान कुछ समय पहले कालोनी में कुछ लोग उन्होंने जमीन को सीमा सक्सेना का बताते हुए किए गए निर्माण पर जेसीबी चला दी.
सुविधाएं तो छोड़िए, प्लॉट ही नहीं मिल रहा
आर्मी में सूबेदार रहे नरेश पाल ने बताया कि उन्होंने अपने मित्र सूबेदार मेजर अशोक कटियार के साथ मिलकर कालोनी में चार प्लाट 11, 12 और 20, 21 पर निवेश किया था. दोनों ने यहीं अपना घर बनाकर एक प्लाट को भविष्य में बेचने की तैयारी की थी. पाल के मुताबिक बिल्डर ने जो नक्शा दिखाया था. उसमें कालोनी में सभी सुविधाएं देने की बात कही थी, लेकिन वर्तमान में सुविधाएं छोड़िए, कालोनी में प्लाट तक मिलना मुश्किल हो गया है. ऐसे में वे शिकायत लेकर एक सरकारी कार्यालय से दूसरे कार्यालय के बीच भटक रहे हैं.
मकान बनाने वालो को मिल रहीं धमकियां
साईं नगर नाम की इस कालोनी में एकमात्र मकान बनाने वाले अनूप कुमार खरे ने बताया कि उन्हें बिल्डर ने 32 नंबर प्लॉट बेचा था. पहले तो यह प्लॉट देने में ही आनाकानी की जा रही थी, लेकिन बाद में उन्हें 32 नंबर प्लॉट दिया गया. उन्होंने यहां पर अपना मकान भी बना लिया है जिसे पिछले 6 माह से उनका मकान तोड़ने की धमकी दी जा रही है. बताया जा रहा है कि यह जमीन किसी सीमा सक्सेना के नाम पर है. इसलिए उनके मकान को अवैध कब्जा बताकर तोड़ने की बात कही जा रही है. इस विषय में जब उन्होंने बिल्डर कन्हैयालाल से बात की तो बिल्डर ने फिर से नप्ती कराकर नया प्लॉट देने की बात कही है लेकिन मकान को बनाने में जो खर्चा हुआ है. वह कहां से वसूल होगा? जब इस मामले की थाने में शिकायत की, तो शिकायत वापस लेने की धमकियां मिलने लगीं.
बिल्डर के खिलाफ दर्ज हो सकता है धोखाधड़ी का मामला
जिला प्रशासन से सेवानिवृत्त हुए एक अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में इस तरह की ठगी करना संभव नहीं है, क्योंकि सब कुछ ऑनलाइन हो चुका है. पूर्व में खसरा नंबर और कागजों में हेरफेर कर इस तरह की धोखाधड़ी की जाती थी. ऐसे मामले में आरोप सिद्ध होने पर बिल्डर के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 सहित अन्य धाराओं में मामले दर्ज किए जाते हैं.
मामले की पड़ताल कर आरोपियों पर करेंगे कार्रवाई
इस मामले में बैरागढ़ सर्किल के एसडीएम विनोद सोनकिया ने बताया कि "अभी मामला उनके संज्ञान में नहीं है. जानकारी लेकर मामले की पड़ताल की जाएगी. इसके बाद संबंधित बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई होगी. प्लॉटधारकों को नुकसान नहीं होगा. यदि जमीन मालिक पूरी कार्रवाई से बचना चाहता है तो उसे मामले की पूरी जानकारी पुलिस में देनी चाहिए."